उत्तर प्रदेश की 16अतिपिछड़ी जातियां जिनमें केवट, मल्लाह, बिन्द, धीवर, कश्यप, मांझी, मझवार, गोड़िया/गोण्ड, तुरेहा/तुराहा, खरवार, बेलदार आदि को अनुसूचित जाति की श्रेणी में शिामल करने के लिए उ0प्र0 कंाग्रेस कमेटी प्रतिबद्ध है, लेकिन प्रदेश की सुश्री मायावती की सरकार हीलाहवाली कर रही है। इसके साथ ही मुख्यमन्त्री सुश्री मायावती यह भ्रामक प्रचार कर रही हैं कि केन्द्र सरकार इस मामले में दिलचस्पी नहीं दिखा रही है। गौरतलब है कि प्रदेश कंाग्रेस ने वर्ष 2008 में अपने कानपुर अधिवेशन में इन 16 पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल करने हेतु प्रस्ताव पारित किया था और कांग्रेस पार्टी लगातार इस मुद्दे को मुखर होकर उठाती रही है और लगातार केन्द्र सरकार के सामाजिक न्याय और अधिकारिता मन्त्रालय को पत्र भी लिखे गये हैं।
प्रदेश कंाग्रेस के मुख्य प्रवक्ता श्री सुबोध श्रीवास्तव ने आज यहां जारी बयान में कहा कि प्रदेश कंाग्रेस अध्यक्ष डॉ. रीता बहुगुणा जोशी द्वारा प्रेषित पत्र के जवाब में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मन्त्री श्री मुकुल वासनिक ने एक बार पुन: यह स्पष्ट किया था कि सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मन्त्रालय के 11.4.2008 को भेजे गये पत्र के माध्यम से प्रदेश सरकार से उन सभी जातियों को जिन्हें अनुसूचित जातियों में शामिल किये जाने का प्रस्ताव है उनके अलग-अलग विस्तृत नृवंशीय विवरण(एथनोग्राफिक प्रोफाइल) उपलब्ध कराने हेतु प्रदेश सरकार केा लिखा गया है किन्तु 3 वर्ष बीत जाने के बाद भी अभी तक प्रदेश सरकार ने केन्द्र के उस पत्र का जवाब नहीं भेजा है। श्री मुकुल वासनिक ने डा. जोशी को भेजे पत्र के जवाब में स्पष्ट किया कि जब तक राज्य सरकार मांगे गये विवरण को उपलब्ध नहीं कराती है जब तक इस विषय पर आगे कार्यवाही कर पाना सम्भव नहीं है।
मुख्य प्रवक्ता ने कहा कि यदि सुश्री मायावती इन 16अतिपिछड़ी जातियों के कल्याण में जरा भी गम्भीर हैं और उन्हें प्रदेश में अनुसूचित जाति में शामिल करना चाहती हैं तो उनकी सरकार को भारत सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मन्त्रालय द्वारा मांगा गया विवरण उचित प्रारूप पर अविलम्ब प्रेषित करना चाहतए। श्री श्रीवास्तव ने कहा कि यह एक संवैधानिक प्रक्रिया है और मुख्यमन्त्री द्वारा केवल पत्र लिखने मात्र से काम नहीं चलने वाला है। पत्र भेजे जाने के बाद से मायावती सरकार इस मुद्दे को पूरी तरह ठण्डे बस्ते में डाल चुकी है, यही कारण है कि केन्द्र सरकार द्वारा भेजे गये पत्र का कोई जवाब नहीं दिया जा रहा है, इसलिए सुश्री मायावती को यह भी जवाब देना होगा कि इस मुद्दे पर उन्होने पिछले 3साल से कोई कार्यवाही क्यों नहीं की।
श्री श्रीवास्तव ने कहा कि केवट, मल्लाह, कश्यप, बिन्द, निषाद, कहार जातियों के पूरे प्रदेश की सभी विधानसभाअों से तीन से पांच प्रतिनिधियों का एक सम्मेलन आगामी 26फरवरी, 2011 को उ0प्र0 कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष श्री उम्मेद निषाद द्वारा दारूलशफा, लखनऊ में आयोजित किया जा रहा है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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