उत्तर प्रदेश में नदियों की बाढ़ एवं जल प्लावन से सुरक्षा प्रदान करने के लिये तटबंधों के निर्माण, बाढ़ सुरक्षा कार्य तथा जल निकासी के लिये 639.72 करोड़ रूपये की व्यवस्था की गई है। बाढ़ एवं जल प्लावन से सुरक्षा में अब तक 2319.05 किमी0 तटबंध एवं अन्य बाढ़ सुरक्षा कार्य सम्पन्न कराकर 19.47 लाख हेक्टेयर भूमि को बाढ़ से सुरक्षा प्रदान की जा चुकी है।
सिंचाई विभाग द्वारा प्रदेश में 40225.00 किमी0 लम्बाई के जल प्लावन की समस्या को नियन्त्रित करने के लिये नालों का अनुरक्षण किया जा रहा है। जल निकासी के लिये वर्ष 2010-11 में 639.72 करोड़ रूपये की व्यवस्था की गई थी, जिसमें 65.00 किमी0 तटबंध का निर्माण, 450 किमी0 ड्रेन का निर्माण कराकर 70 हजार हेक्टेयर भू-भाग को बाढ़ एवं जल प्लावन से सुरक्षा प्रदान की जायेगी।
राज्य में उत्तर प्रदेश वाटर सेक्टर रिस्ट्रक्चरिंग परियोजना के द्वितीय चरण पर विश्व बैंक द्वारा सहमति प्रदान की जा चुकी है। इस परियोजना के अन्तर्गत घाघरा-गोमती बेसिन के बाराबंकी, रायबरेली, सुल्तानपुर, आजमगढ़, फैजाबाद, मऊ, गाजीपुर तथा जौनपुर जनपद एवं बुन्देलखण्ड क्षेत्र के जनपद बान्दा, हमीरपुर, महोबा तथा ललितपुर लाभािन्वत होंगे। इसी प्रकार सोडिक-प्रथम एवं द्वितीय परियोजना के अन्तर्गत पुनरोद्धारित किये गये जल निकास नालों के अनुरक्षण कार्य तथा बाढ़ नियन्त्रण एवं जल निकास मद में 45.3805 करोड़ रूपये के कार्य सम्पन्न कराने का कार्यक्रम निर्धारित किया गया है। सोडिक-प्रथम एवं द्वितीय परियोजना के अन्तर्गत 20 जनपदों में 143 ड्रेन्स का पुनरोद्धार कार्य प्रगति पर है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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