मुख्यमन्त्री सुश्री मायावती के ड्रीम प्रोजेक्ट प्रदेश की जनता के लिए हारर प्रोजेक्ट साबित हो रहे हैं। न्यायालय के निर्देशों के बावजूद हो रहे निर्माण कार्यो में जबरदस्त कमीशन बटोरने का खेल चल रहा है। लागत से ज्यादा मूल्य पर पत्थरों की खरीद हो रही है जिन्हें बड़े पैमाने पर खपाया जा रहा है। एक-एक निर्माण कार्य कई बार तोड़ा जा रहा है। उसे फिर नए सिरे से बनाने का काम चल रहा है। भ्रश्टाचार में आकंठ डूबी यह सरकार कर्ज से काम चलाकर प्रदेश को कंगाल बनाने पर तुल गई है।
मुख्यमन्त्री के कथित ड्रीम प्रोजेक्ट प्रदेश की जनता पर बहुत भारी पड रहे हैं। विकास के काम रोककर इनपर करोड़ों रूपए फूंके जा रहे हैं। अनुत्पादक मदों पर खर्च नहीं रोका जा रहा है। जनता की निगाह में उसके जन विरोधी बजट की पोल नहीं खुले, इसलिए विधान सभा की बैठक में एक दिन में कुछ मिनटों में ही सारा खेल खत्म कर दिया गया।
सर्वोच्च न्यायालय और हाईकोर्ट कई बार सुश्री मायावती के कथित महापुरूशों के स्मारकों में अवैध निर्माण कार्यो पर रोक लगा चुका हैं और टिप्पणियां की हैं किन्तु इसके बावजूद आज भी कांशीराम स्मारक स्थल, जेल रोड, लखनऊ रमाबाई अम्बेडकर मैदान (रैली) ग्राउण्ड) डा0 भीमराव अम्बेडकर स्थल पर अवैध निर्माण कार्य रख-रखाव या मरम्मत के नाम पर चल रहा है।
सुरसा के मुंह की तरह बसपा के स्मारकों पर खर्च बढ़ता ही जा रहा है। लगभग 40 हजार करोड़ रूपए से ज्यादा का इन पर खर्च हो चुका है। किन्तु कोई निर्माण कार्य पूरा नहीं हुआ है।
मुख्यमन्त्री का हर काम में मोटा कमीशन तय रहता है। इसलिए कांशीराम स्मारक स्थल, कानपुर रोड तथा गोमतीनगर में अम्बेडकर स्मारक में कई बार निर्माण कार्य तोड़कर फिर बनाने का काम हो रहा है।
अपने उक्त प्रोजेक्टों के लिए बड़े पैमाने पर हरियाली का विनाश कर पर्यावरण को क्षति पहुंचाई गई है। लाखों हरे पेड़ काट डाले गए। पर्यावरण प्रदूशण के मामले में उत्तर प्रदेश बहुत आगे है।
सरकार ने किसानों को बबाZद करने का इरादा कर लिया है। गेहूं धान और आलू किसानों को कम लागत पर अपनी फसल बेचनी पड़ी। गन्ना किसान सबसे ज्यादा परेशान है। गन्ना पेराई के चालू मौसम में 125 मिलों में 80 मिलों ने मनमानी के सारे रिकार्ड तोड दिए। इस साल चीनी उत्पादन का लक्ष्य 58 लाख मीट्रिक टन था जबकि अभी तक कुल 39Û6 लाख मीट्रिक टन चीनी उत्पादन हुआ है। जिन 11 चीनी मिलों को निजी क्षेत्रों को बेचा गया था उनमें से किसी ने पेराई नहीं की।
सरकार धान खरीद के मामले में बुरी तरह असफल साबित हुई है। बिचौलियों और सरकारी अफसरों ने मिलकर किसानों को लूटा है। इस साल के लिए लक्ष्य 20 लाख टन धान खरीद का तय था पर अभी तक कुल 13 लाख टन धान की खरीद सरकारी एजेसियों ने की है। ज्यादातर धान खरीद केन्द्र बन्द पड़े हैं।
प्रदेश के किसान बुरी तरह आन्दोलित है। उनकी जमीनो पर जबरन कब्जा किया जा रहा है। अलीगढ़, इलाहाबाद, आगरा, मथुरा आदि जगहों के बाद गौतमबुद्धनगर के दनकौर थाना क्षेत्र के भट्ठा गांव में किसानों पर लाठी गोली चली। किसानो पर झूठे मुकदमें लाद दिए गए है। इन किसानों की जमीन रेल मार्ग के लिए छीनी जा रही है। एक किसान सहदेव चौहान (56) की मृत्यु हो गई। बुलन्दशहर में किसानो पर दर्जनभर स्थानों पर यमुना एक्सप्रेस वे का काम रूकवा दिया। 21 फरवरी को भट्ठा परसौल में किसान पंचायत में भाग लेने गया किसान उदय पुत्र प्रहलादी निवासी गांव अलीपुर लापता है।
मुख्यमन्त्री के निरीक्षण दौरे महज भयादोहन का स्वांग है। पहले से ही तय रहता है कि किसको हटाना है, किस को बिठाना है। सबके रेट तय हैं। निरीक्षण के मानदण्ड नििश्चत नहीं। भ्रश्ट अफसरों को संरक्षण दिया जा रहा है।
मुख्यमन्त्री के तानाशाही रवैये को अब और बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अपने बहुमत के रोड रोलर से लोकतन्त्र को कुचल देने की उनकी मंशा कभी पूरी नहीं होगी। उनके भ्रश्टाचार का भंाडा जनता चौराहे-´चौराहे पर फोड़ेगी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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