Categorized | लखनऊ.

कोरी जाति को अनुसूचित जाति का प्रमाण-पत्र जारी किये जाने के सम्बन्ध में कोई रोक नहीं

Posted on 20 February 2011 by admin

इस सम्बन्ध में शरारती तत्वों का दुष्प्रचार पूरी तरह बेबुनियाद, भ्रामक एवं तथ्यों से परे

उत्तर प्रदेश सरकार के प्रवक्ता ने कहा है कि राज्य सरकार द्वारा कोरी जाति को अनुसूचित जाति का प्रमाण-पत्र जारी किये जाने के सम्बन्ध में कोई रोक नहीं लगायी गई है। उन्होंने कहा कि ऐसे हिन्दू जुलाहे जो कोरी जाति के हैं, उन्हें कोरी जाति के प्रमाण-पत्र विधिवत् जांचोपरान्त जारी किये जाते रहेंगे। इस प्रकार वर्तमान में कोरी जाति के व्यक्तियों को जाति प्रमाण-पत्र निर्गत किये जाने के सम्बन्ध में कोई भ्रम की स्थिति नहीं है।

प्रवक्ता ने इस सम्बन्ध में शरारती तत्वों द्वारा किये जा रहे दुष्प्रचार को पूरी तरह बेबुनियाद, भ्रामक एवं तथ्यों से परे बताते हुए कहा कि वर्ष 1976 में भारत सरकार द्वारा कोरी जाति को पूरे प्रदेश में अनुसूचित जाति के रूप में मान्यता दिये जाने से सम्बन्धित अधिसूचना जारी की गई थी। इसके पश्चात शासनादेश दिनंाक 07 नवम्बर, 1997 द्वारा मेरठ तथा आगरा मण्डल में एवं शासनादेश दिनंाक 07 अप्रैल, 1998 द्वारा सहारनपुर मण्डल में हिन्दू जुलाहों को कोरी जाति की उपजाति मानते हुए, उन्हें कोरी जाति का प्रमाण-पत्र निर्गत करने हेतु आदेश जारी किये गये।

सरकारी प्रवक्ता ने कहा कि भारत सरकार की अधिसूचना में कोरी जाति के नाम के साथ उसकी उपजाति अथवा पर्याय के रूप में हिन्दू जुलाहा का उल्लेख नहीं था। इस सम्बन्ध में उल्लेखनीय है कि अनुसूचित जातियों के सम्बन्ध में उनकी उपजाति निर्धारित करने, उसका विश्लेषण करने, आक्षेप करने, स्पष्टीकरण जारी करने अथवा उनमें किसी प्रकार का संशोधन करने सम्बन्धी अधिकार केवल भारत सरकार में ही निहित है।

प्रवक्ता ने यह भी बताया कि इसी आधार पर मा0 उच्च न्यायालय, इलाहाबाद में रिट याचिका (पीआईएल) (संख्या-74732/2010 सुखपाल सिंह बनाम राज्य सरकार) योजित की गई। इसमें मा0 न्यायालय द्वारा दिनंाक 22 दिसम्बर, 2010 को यह आदेश दिये गये कि यदि महामहिम राष्ट्रपति की अधिसूचना में हिन्दू जुलाहा का उल्लेख न हो तो राज्य सरकार तद्नुसार संशोधन करें। उक्त आदेश के अनुपालन में शासनादेश दिनंाक 18 जनवरी, 2011 के माध्यम से पूर्व निर्गत शासनादेश दिनंाक 07 नवम्बर, 1997, दिनंाक 07 अप्रैल, 1998 तथा दिनंाक 21 जनवरी, 2008 को निरस्त कर दिया गया।

राज्य सरकार द्वारा दिनंाक 17 फरवरी, 2011 को इस सम्बन्ध में शासनादेश जारी कर दिया गया है, जिसमें यह उद्धृत है कि “यहां यह पुन: स्पष्ट किया जाता है कि शासनादेश दिनंाक 18-01-2011 द्वारा कोरी जाति के प्रमाण-पत्र जारी किये जाने पर कोई रोक नहीं लगायी गई है। ऐसे हिन्दू जुलाहे, जो कोरी जाति के हैं, को राजस्व अधिकारियों द्वारा पूर्व की तरह भली-भान्ति उनके रहन-सहन/भू-राजस्व अभिलेखों/पूर्वजों के सुसंगत प्रमाणों इत्यादि की जांच पड़ताल करके कोरी जाति के प्रमाण-पत्र जारी किये जाते रहेंगे´´।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

Leave a Reply

You must be logged in to post a comment.

Advertise Here

Advertise Here

 

April 2025
M T W T F S S
« Sep    
 123456
78910111213
14151617181920
21222324252627
282930  
-->









 Type in