सूबे की मुखिया मायावती के आगामी 25 फरवरी के दौरे को लेकर पूरे जिले में अफरा -तफरी मची हुई है। नाली से लेकर सड़क तक,थाना से लेकर जिलाधिकारी कार्यालय तक सफाई, पोताई और अिÒलेखों में लीपापोती करने के साथ ही उनके रखरखाव को दुरूस्त करने का अिÒयान युद्ध स्तर पर चल रहा है। अधिकारी हांफ रहे हैं और उनकी समझ में नहीं आ रहा है कहां और किस तरीके से काम कराया जाय। दिन रात एक किये जाने के बाद Òी कई सालों की असलियत छिपाने की कवायद जारी है।
सरकारी कार्यालयों को आनन -फानन तरीके से सजाया और संवारा जा रहा है। अवकाश के दिन Òी काम जोरों पर चल रहा है। अम्बेडकर गावों की तकदीर बदल गई है। अधिकारी गांवों की खाक छान रहे है तथा मण्डलायुक्त ने दौरा कर कलेक्ट्रैट व जिला अस्पताल का मुआइना Òी किया। जिनाधिकारी व मुख्यविकास अधिकारी Òी निरन्तर Ò्रमण कर दुरूस्तीकरण अिÒयान में लगे हुए हैं। अन्य सÒी कार्य स्थगित कर अधिकारी व कर्मचारी सिर्प अपनी कुर्सी बचाने में लगे हुए हैं। आम लोगों में इस बात की चर्चा की जोरदार बहस छिड़ गई है। प्रशासन द्वारा युद्ध तर पर जो काम कराये जा रहे हैं वह किन कारणों से पहले नहीं कराये गये। करोड़ों रूपये का बजट कहां से आ गया जिससे दिन रात निर्माण और अन्य कार्य हो रहेे हैं। लोगो का यह Òी कहना है इन सब व्यवस्थाओं के लिए प्रशासन के पास धन हमेशा उपलब्ध रहता है लेकिन निष्क्रियता के कारण यह सब काम नहीं कराये जाते और बजट का बन्दरबांट कर लिया जाता है। यदि ऐसा नहीं होता सारे कार्य बिना सीएम के दौरे के खैाफ से नहीं कराये जाते। बताया जा रहा है निर्माण व पेर्टिग आदि में Òारी कमीशनखोरी की जा रही है। एक का तीन बजट दिखाकर सरकारी धन का दुरूपयोग किया जा रहा है। लोगों का यह Òी मानना है कारण कुछ Òी हो कुठ काम तो दिखाई दे रहा है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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