उत्तर प्रदेश सरकार ने गन्ना किसानों का चालू पेराई सत्र में कुल देय से 317.36 करोड़ रूपये का अधिक भुगतान किया, जो एक रिकार्ड है। साथ ही चीनी मिलों से ब्याज के रूप में 13.76 करोड़ रूपये की धनराशि वसूली गई। पेराई सत्र 2009-2010 में गन्ना मूल्य का अवशेष भुगतान न करने वाली निजी क्षेत्र की 10 चीनी मिलों के विरूद्ध आर0सी0 जारी की गई।
विधान सभा में आज श्री श्यामदेव राय चौधरी, श्री सुरेश कुमार खन्ना एवं डा0 अजय तोमर द्वारा पूंछे गये अल्पसूचित तारांकित प्रश्न के उत्तर में गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग मन्त्री श्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि गन्ना किसानों के ब्याज धनराशि के भुगतान की कार्यवाही की जा रही है। उन्होंने कहा कि चालू सत्र में चीनी मिलों को चलाने में कोई देरी नहीं हुयी है। एक अनुपूरक प्रश्न के उत्तर में श्री सिद्दीकी ने कहा कि अक्टूबर-2010 में एक चीनी मिल तथा नवम्बर-2010 में 92 चीनी मिलों में पेराई कार्य शुरू हो गया था।
श्री सिद्दीकी ने कहा कि गन्ना किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुये गन्ना आपूर्ति के 14 दिन बाद से ही गन्ना मूल्य पर ब्याज दिये जाने की व्यवस्था है। उन्होंने बताया कि जनपद बागपत की मलकपुर चीनी मिल से ब्याज धनराशि के रूप में 380.16 लाख रूपये की वसूली हो चुकी है तथा इस चीनी मिल के तीन गन्ना क्रय केन्द्रों को अन्य मिलों को हस्तान्तरित कर दिया गया है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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