उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा है कि मिलावटखोरी में संलिप्त पाये जाने पर मुख्य खाद्य निरीक्षक एवं खाद्य निरीक्षकों के विरूद्ध कार्यवाही की जायेंगी। मिलावटखोरी के विरूद्ध चलाये गये अभियान के अन्तर्गत 526 प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराने के साथ ही 494 व्यक्तियों को गिरफ्तार कर 4 करोड़ 64 लाख 74 हजार 126 रूपये मूल्य के खाद्य पदार्थ जब्त/नष्ट किये गये।
विधान सभा में आज श्री जोखू लाल यादव, श्री मदन चौहान व श्री सत्येन्द्र सोलंकी द्वारा पूंछे गये अल्पसूचित तारांकित प्रश्न के उत्तर में संसदीय कार्य मन्त्री श्री लाल जी वर्मा ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रदेश में खाद्य पदार्थों में मिलावट के विरूद्ध कार्यवाही के लिये विशेष जॉच दल को अपमिश्रित पाये गये नमूनों के लिये उत्तरदायी निर्माता/विक्रेता के विरूद्ध खाद्य अपमिश्रण निवारण अधिनियम-1954 व तत्सम्बंधी नियमावली-1955 तथा भारतीय दण्ड संहिता की धारा 272/273 के अधीन प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराकर धारा 7/16 के अन्तर्गत न्यायालय में वाद योजित कराये जाने की कार्यवाही की जाती है। उक्त अधिनियम की धारा 16 में आर्थिक दण्ड से आजीवन कारावास तक के दण्ड का प्राविधान है।
श्री वर्मा ने बताया कि सघन प्रवर्तन की कार्यवाही के अन्तर्गत 01 अप्रैल, 2010 से 31 जनवरी, 2011 की अवधि में अपमिश्रण के लिये दोषी पाये गये व्यक्तियों के विरूद्ध भारतीय दण्ड संहिता की धारा-272/273 के अन्तर्गत 526 प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करायी गईं तथा 821 व्यक्तियों को अभियुक्त बनाते हुये 494 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया। उन्होंने बताया कि इस अवधि में 4 करोड़ 64 लाख 74 हजार 126 रूपये मूल्य के खाद्य पदार्थ जब्त/नष्ट कराये गये। अपमिश्रण के मामलों में अप्रैल-2010 से दिसम्बर-2010 की अवधि में खाद्य अपमिश्रण निवारण अधिनियम, 1954 की धारा-7/16 के अन्तर्गत न्यायालयों में 2475 वाद योजित कराये गये, जिसमें 416 व्यक्तियों को कारावास तथा 4 लाख 15 हजार 950 के अर्थदण्ड से दण्डित कराया गया।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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