भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता सत्यदेव सिंह ने प्रदेश की मुख्यमन्त्री पर संवेदनहीनता का आरोप लगाते हुय कहा कि एक महिला मुख्यमन्त्री के शासनकाल में अब महिलायें मौत को गले लगाने को मजबूर हैं। मुख्यमन्त्री के दौरों से उनके कुशासन की पोल खुल रही है। पंचम तल के जिला प्रशासन को कड़े निर्देशों के बाद भी पीड़ित महिलाएं मुख्यमन्त्री के दौरे के दौरान अपनी व्यथा व्यक्त करने सड़कों पर आ रही हैं। श्री सिंह ने कहा कि गाजियाबाद की दलित महिला बबीता ने दबंगों से तंग आकर मुख्यमन्त्री के जनपद दौरे के दौरान 20 फरवरी को आत्मदाह करने की चेतावनी दी है। उसकी ओर से अपने परिवार के उत्पीड़न के विरूद्ध मुख्यमन्त्री को फैक्स भेजा गया है। कमोबेश पूरे प्रदेश का यही हाल है, महिलाओं के उत्पीड़न की घटनाएं रूकने का नाम नहीं ले रही हैं। बान्दा, कानपुर, फतेहपुर, गौतमबुद्धनगर, हरदोई आदि जनपदों में हुई महिला उत्पीड़न की घटनाएं ताजा उदाहरण हैं।
प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि कुशीनगर के बिशनपुरा थाना क्षेत्र के ग्राम बैकुण्ठपुर अहिरौेली में दबंगों ने मुस्लिम महिला शमनिशा के घर पर हमला बोला उसका खम्भे से बांध कर मारा पीटा और उसका घर उजाड़ दिया। इन हालातों में प्रदेश को पहुंचाने की जिम्मेदार बसपा सरकार को शासन करने का नैतिक अधिकार नहीं है। श्री सिंह ने कहा कि विरोधी दल सपा को भ्रष्टाचार, आतंक, महिला उत्पीड़न और जमीनों पर कब्जे आदि पर बोलने से पहले अपने गिरेबान में झांककर देखना चाहिए। तत्कालीन सपा सरकार को जनता ने इन्हीं सब कारणों से सत्ता से बाहर किया था। सपा के कुशासन के दोषी मुलायम सिंह यादव व अमर सिंह आदि नेताओं को बसपा सरकार बनने पर जेल भेजने के नाम पर बसपा सत्ता में आई थी लेकिन मुख्यमन्त्री जनता से किया अपना वादा भूल चुकी हैं।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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