झाँसी मंडल के ललितपुर और झाँसी का दौरा करने आई मुख्यमंत्री मायावती के आगमन से जुड़ी सभी जगहों को चकाचक किए जाने की कवायद दो दिन पहले से जरी थी । झाँसी जिले के मौरानीपुर के भटपुरा गाव का निराक्चन किया जहा महिलाये मायावती को रोकने के लिए सड़क पर लेट गई उन्हें हटाने के लिए पोलिसे को हलके बल का प्रयोग करना पड़ा उसके बाद गरोठा जा कर तहशील और थाने का निरीक्षण कर झाँसी पहुची जहा जिला अस्पताल, सहर कोतवाली, मलिन बस्ती, तहसील परिसर और मुख्यालय का कांशी राम आवास परिसर सभी जगहों का निरीक्षण किया.जहा पर अंतिम क्षण तक कुछ न कुछ दुरुस्त किया जाता रहा। मलिन बस्ती तालपुरा की हालत यह थी कि पुलिस वालों ने एक तरह से लोगों को घरों में कैद कर दिया था। काफी संख्या में पुरुष सदस्यों महिलाओं को भी निरीक्षण के दौरान घरों में ही रहने को कहा गया था। वैसे तो जिला मुख्यालय राबर्ट्सगंज से चोपन का करीब 25 किमी दूरी का रास्ता तय करने में अक्सर ही घंटों लग जाते हैं लेकिन गुरुवार को ऐसा नहीं हुआ। सुबह से लेकर दोपहर तक जिन लोगों ने भी वाराणसी-शक्तिनगर मार्ग पर सफर किया वह जिला अस्पताल में बहती मरीज तो खूब खुश दिखे उनका कहना था की जिला अस्पताल की इतनी साफ - सफाई और डाक्टरों का बर्ताब आज से पहले कभी देखने को नही मिला . अमित कुमार जब आज जिला अस्पताल इलाज कराने पहुंचे तो बताया कि मात्र बीस मिनट में दबा मिल गई इससे पहले कभी इतनी जल्दी मुमकिन नहीं था। वही मुख्यमंत्री के आगमन के मद्देनजर बड़े वाहनों की आवाजाही पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई थी। इस वजह से लोगो को कुछ परेशानी का सामना करना पड़ा।
मार्ग से गुजरने वाले बालू व गिट्टी लदे ट्रकों की आवाजाही मुख्यमंत्री के वापस जाने तक तो पूरी तरह से ठप कर दी गई थी। एक तरह से इन ट्रकों पर अघोषित कर्फ्यू का प्रकोप दिखा। इस वजह से झाँसी कानपुर मार्ग से जुड़े संपर्क मार्गो पर जहां-तहां रात से ही ट्रकों को खड़ा कराए जाने के सिलसिला शुरू हो गया था । जिसकारण मार्गो पर सैकड़ों ट्रकों की कतार लगी दिखी।
जो खनन व क्रशर क्षेत्र हर दिन बेइंतहां वायु प्रदूषण करता था लेकिन मेडम के आने से उसका हाल यह रहा कि सुबह से ही यहां सबकुछ खामोश रहा। खदानों पर हर रोज की तरह ब्लास्टिंग नहीं हुई और न ही क्रशर प्लांट की गड़गड़ाहट सीएम के उड़नखटोले के रवाना होने से पहले तक सुनने को मिली। इसी वजह से खनन क्षेत्रों में उड़ने वाली धूल और उसका गुबार भी देखने को नहीं मिला।
मुख्यमंत्री के निरीक्षण तक तो सभी निर्धारित स्थलों पर परिंदा भी पर न मार सके ऐसे इंतजाम किए गए थे लेकिन, जैसे ही उनका उड़नखटोला आसमान की ओर गया प्रशासनिक अमले ने राहत की सांस ली। बावजूद इसके कार्रवाई क्या होगी इसे लेकर तमाम हाकिमों के चेहरों पर भाव उतराते रहे। चूंकि अन्य दौरों की भांति इस बार सीएम मौके पर ही कार्रवाई की घोषणा नहीं कर रही हैं इसलिए लोग चकरा गये। कार्रवाई के बाबत लखनऊ से फेक्स पर नजरे लगी रही , ऐसे में लोग तरह-तरह के कयास लगाने में जुटे रहे। कोई फला अधिकारी के नप जाने की बात कह रहा था तो कोई किसी और पर गाज गिरा रहा था। नतीजा जो भी हो मगर मुख्यमंत्री के निरीक्षण से आम जनता के प्रति अधिकारियो का बर्ताब नरम रहा ।
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Vikas Sharma
Editor
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