प्रदेश में बाल विकास एवं पुश्टाहार विभाग द्वारा संचालित किशोरी ‘ाक्ति योजना पर ग्रहण लग चुका है। इस योजना के तहत जहां सामाजिक रुप से नि:शक्त किशोरियों के सामाजिक एवं आर्थिक स्तर को सुदृढ़ करने के लिए व्यवहारिक व व्यवसायिक प्रयवसायिक प्रशिक्षण प्रदान किया जात है, पर विभागीय अधिकारियों की लाल फीताशाही के चलते प्रदेश सरकार की उक्त योजना भंवर में फंस गई है। जिस कारण वित्तीय वशZ 2010-2011 में किसी भी किसोरी को प्रशिक्षण नहीं प्राप्त हो सकेगा। क्योंकि जहां पर विगत 12 जनवरी 2011 को निदेशक बाल विकास सेवा एवं पुश्टाहार द्वारा विज्ञापन जारी कर संस्थाओं के चयन की प्रक्रिया प्रारम्भ कर दी गई थी। उसे अकस्मात् प्रमुख सचिव महिला कल्याण द्वारा 7 फरवरी 2011 को एक आदेश पारित करते हुए तत्कालिक रुप से रोकते हुए उक्त कार्यक्रम को महिला कल्याण निगम द्वारा संचालित करने का आदेश जारी किया गया।
गौरतलब है कि किशोरी ‘ाक्ति योजना में 60 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम है, परतु इस आदेशोपरान्त चयन प्रक्रियाओं एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम को संचालित करने के लिए सार्वजनिक अवकाशों को छोड़कर मात्र 40 दिन ही ‘ोश बचते हैं। ऐसे में वर्तमान वित्तीय वशZ में इस योजना को संचालित किया जा सकेगा इसमें संशय है। इस पर प्रकरण पर जानकारों का कहना है कि ‘ाायद विभागीय अधिकारियों की मंशा ही इसे संचालित करने की नहीं है। ऐसे में दोशी कौन
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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