सगे भाई ने मारा था िप्रया वर्मा उर्फ सुजैन और उसके पति गुìा मंसूरी को
फरुZखाबाद जिले के कायमगंज का चर्चित िप्रया वर्मा उर्फ सुजैन हत्याकाण्ड का कल पुलिस नेे खुलासा कर दिया। इस मामले में मंसूरी समाज ने पहले ही ऑनर किलिंग की ओर इशारा किया था, सच्चाई भी यही निकली। अपनी बदनामी की वजह से िप्रया के भाई संजय वर्मा ने अपनी ही बहन और उसके पति गुìा मंसूरी का बेरहमी से कत्ल कर दिया था। संजय और उसके साले सहित तीन लोगों को कल फरूZखाबाद पुलिस ने गिरफ्तार कर मामले का खुलासा कर दिया। ं
ऑल इण्डिया जमीअतउल मंसूर के राष्ट्रीय महामन्त्री दाऊद नबी मंसूरी प्रदेशिक महामन्त्री सलीम अहमद मंसूरी, फारूZखाबाद जिले के अध्यक्ष शाकिर मंसूरी व आबिद मंसूरी ने बताया कि कायमगंज निवासी गुड्डा मंसूरी व प्रिया वर्मा ने गत मई माह में शादी की थी लेकिन इस बात की भनक जब प्रिया के परिवार वालों को हो गई तब दोनों भागकर इलाहाबाद जा पहुंचे और 21 जनवरी को उच्च-न्यायालय इलाहाबाद में याचिका दायर कर प्रिया ने अपने भाई से अपनी व अपने पति गुड्डा मंसूरी की हत्या किये जाने की आशंका जताते हुए सुरक्षा की मांग की थी। इसी बीच 27 जनवरी को प्रिया का शव कन्नौज जिले में काली नदी के पास बरामद हुआ जबकि उसी दिन से गुड्डा मंसूरी लापता था।
मंसूरी समाज के नेता सलीम अहमद मंसूरी, ने बताया कि जिस स्थान पर प्रिया की लाश् बरामद हुई वहां पर काफी मात्रा में खून पड़ा था, जिससे प्रतीत होता है, कि यहां पर प्रिया के साथ-साथ गुड्डा मंसूरी की भी हत्या की थी और उसका शव हत्यारों ने गायब कर दिया ताकि हत्या का पूरा शक गुड्डा मंसूरी व उसके परिवार पर जा सके।
मंसूरी नेताओं ने बताया कि पुलिस एक तरफा कार्यवाही करते हुए गुड्डा मंसूरी को मुख्य अभियुक्त बना कर उसकी तलाश में जुटे थे और उसके कई निर्दोश लोगों को अभियुक्त बनाकर जेल भेज दिया था।
पुलिस द्वारा गिरफ्तार किये गये संजय वर्मा, मनोज वर्मा और उमेश यादव
पुलिस द्वारा गुड्डा मंसूरी के परिवार को प्रताड़ित करने की जानकारी जब मंसूरी समाज के सीनियर नेता व पूर्व यू.पी.एग्रो के चेयरमैन राज्य मन्त्री जावेद इकबाल मंसूरी को प्राप्त हुई तो उन्होने इस मामले की शासन स्तर पर जोरदार कोशिश शुरू कर तथा मंसूरी समाज के विधायक डा. आर.ए.उस्मानी मंसूरी और मंसूरी समाज के नेताओं ने इसे प्रिया के भाई द्वारा ऑनर किलिंग का मामला बताते हुए उच्च स्तरीय जांच की मांग की। फरूZखाबाद में भी मंसूरी समाज के नेता शाकिर मंसूरी, आबिद मंसूरी, दाऊद नबी मंसूरी व आकिल मंसूरी ने इस मामले को लेकर जर्बदस्त अभियान चलाया। जिसका नतीजा अब सामने आया है। पुलिस ने इस मामले में प्रिया उर्फ सुजैन के भाई सहित उसके साले व मामा को गिरफ्तार किया है।
संजय ने अपनी जिस लाइसेंसी रिवाल्वर से हत्या की थी, वह भी बरामद कर ली गई है। उसने पुलिस के सामने अपना जुर्म कुबूल कर लिया है। कायमगंज के मोहल्ला बजरिया वृन्दावन निवासी रामशरण वर्मा की पुत्री िप्रया को मोहल्ले के युवक गुìा उर्फ नगीम पुत्र जहान शेर भगा ले गया था। पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर दोनों की तलाश शुरू कर दी थी। गत 27 जनवरी को कन्नौज में काली नदी के किनारे िप्रया का शव बरामद हुआ। एसपी डा. के एजिलरसन ने मामले में एसओजी प्रभारी नरेन्द्र सिंह को लगाया था। एसओजी और कायमगंज पुलिस ने कल इस मामले का खुलासा किया।
मंसूरी नेताओं ने बताया कि 26 जनवरी को गुìा और िप्रया इलाहाबाद हाईकोर्ट के गेट पर संजय, उसके साले मनोज पुत्र श्री—ष्ण वर्मा निवासी कमालगंज और मनोज के नौकर उमेश यादव पुत्र रामप्रकाश निवासी चौपेडा थाना कमालगंज को मिल गए थे। उस समय िप्रया बुरके में थी। संजय और उसके साथियों ने दोनों को इमोशनल ब्लैकमेल किया। इलाहाबाद से संजय दोनों को जयपुर ले गया। फिर अपनी ससुराल कमालगंज ले आया। यहां से उसी रात अपनी वैगन-आर से दोनों को कन्नौज ले गए। यहां संजय ने काली नदी के पुल पर पहले गुìा को तीन गोलियां मारी। फिर उसने िप्रया का गला दबाया और एक गोली उसे भी मार दी। दोनों को पुल से नीचे फेंककर हत्यारे चले आए। 27 जनवरी को जब िप्रया की लाश मिलने की खबर संजय के घर पहुंची तो पूरे परिवार ने ड्रामा करना शुरू कर दिया। मंसूरी नेताओं ने बताया कि पुलिस ने सर्विलांस और काल डिटेल के सहारे जब तथ्य जुटाए तब संजय की गिरफ्तारी का फैसला किया। सबसे पहले पुलिस ने उमेश को पकड़ा। इसके बाद पुलिस ने दबिश देकर संजय को दबोच लिया। संजय का साला मनोज भी गिरफ्तार कर लिया गया। संजय का वह लाइसेंसी रिवाल्वर जिससे उसने िप्रया और गुìा मंसूरी की हत्या की वह भी बरामद कर लिया गया। एसपी ने पकड़े गए तीनों अभियुक्तों को मीडिया के सामने पेश किया। एसपी ने बताया कि संजय का भतीजा गौरव वर्मा और उसका दोस्त टीटू गुप्ता भी हत्या में शामिल हैं। दोनों की तलाश हो रही है।
मंसूरी नेता सलीम अहमद मंसूरी ने बताया कि यदि पुलिस ने समय रहते मंसूरी समाज के नेताओं की बात पर अमल करते हुए इसे `ऑनर किलिंग´ का मामला मान लिया होता तो गुड्डा मंसूरी के परिवार को इतने दिनों तक प्रताड़ित नही होना पड़ता।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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