वहीं सूरत, वैसा ही संघर्ष। किसानों की बात ाी अन्दाज में करना, जैसे पूर्व प्रधानमन्त्री चौधरी चरण सिंह किया करते थे। रालोद के महासचिव एवं सांसद जयन्त चौधरी में दादा का अक्स देा समथüक फूले नहीं समा रहे थे। सूरसदन प्रेक्षागृह में समथüकों ने उन्हें बडी शान्ति के साथ सुना और जोश ारोश के साथ तालिया¡ बजा उनका अçावादन ाी किया। उन्होंने सधे हुये लहजे में अफसर से लेकर नेता और कर्मचारी, सबकी बात कहीं। ाासकर ा्रष्टाचार के çालाफ सबसे एकजुट होने का आह्रान किया। कार्यक्रम में ाारी तादात में रालोद कार्यकर्ता शिरकत करने आये। आश्चर्य की बात तो यह थी कि कार्यकर्ता पूर्वाह्र 11 बजे से सांय करीब चार बजे तक जयन्त को सुनने के लिए उनका इन्तजार करते रहे।
दूरदराज से आये ग्रामीणों से बात की गई तो उनका कहना था कि जयन्त चौधरी का संघर्ष देा रालोद में रंग आ गया है। बदलाव की हवा बहने लगी है। रालोद से जो लोग छिटक गये थे, वो लौट रहे हैं। जयन्त चौधरी की मेहनत 2012 के विधानसाा चुनाव में रंग लायेगी। किसानों के मसीहा चौधरी चरण सिंह केे अनुयाई जयन्त चौधरी में उनकी छवि देा रहे हैं। जयन्त चौधरी ाी कार्यक्रम में किसानों की ाूब तरफदारी करते नज़र आये। उन्होंने कहा कि किसान जाति नहीं, इसमें साी जातियों और वगोंü के लोग हैं। उन्होंने ोद जताया है कि जो किसान पूरे देश का पेट ार रहे हैं, आज प्रदेश सरकार के ा्रष्ट अफसर, कर्मचारी और नेता उन्हीं का शोषण कर रहे हैं। हालांकि साी अफसर ा्रष्ट नहीं हैं, कुछ अफसर सरकार के दबाव में अपनी बात नहीं पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि ा्रष्टाचार का रोग पूरे देश में फैल चुका है। यूपी में जिन्हें ा्रष्टन्ाचार का रोग है, चाहे वो नेता हों या अफसर तथा कर्मचारी सब मौज कर रहे हैं। इस रोग को ात्म करने के लिए प्रदेश से बसपा सरकार को उााडना होगा। इससे पूर्व चौधरी बाबूलाल, पूर्व सांसद मुंशीराम पाल ने ाी किसानों की बात को राा। कार्यक्रम संयोजक कुंवर शैलराज सिंह के नेतृत्व में आधा दर्जन प्रधानों समेत दर्जनों लोग रालोद में शामिल हयुे। बच्चू सिंह एवं क्षेत्रिय महिला साा की उर्मिला सिकरवार के नेतृत्व में दर्जनों लोगों ने पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। बीडीसी राजकुमार ने इस दौरान थैली ोंट की। वीरेन्द्र सिंह ओमवीर सिंह, पाल सिंह राना के अलावा कई माननीय लोग इस दौरान उपçस्थत थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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