राज्य सरकार के प्रवक्ता ने कहा है कि भारत सरकार के गृह मन्त्रालय के राष्ट्रीय अपराध अभिलेख ब्यूरो (एन0सी0आर0बी0) की रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश में महिलाओं के विरुद्ध हुए अपराधों में काफी कमी आयी है। एन0सी0आर0बी0 द्वारा जारी किये गयेे आकंड़ो के अनुसार प्रति लाख जनसंख्या पर उत्तर प्रदेश में महिलाओं के विरुद्ध हुए अपराधों की दर 11.9 रही, जबकि अन्य प्रदेशो में यह अपराध दर आन्ध्र प्रदेश में 30.7, गुजरात में 13.9 हरियाणा में 21.9, मध्यप्रदेश 22.3, महाराष्ट्र में 13.8, उड़ीसा में 20.1, राजस्थान में 26.2, दिल्ली में 23.9 तथा केन्द्र शासित प्रदेशों में औसत अपराध दर 22.1 एवं सम्पूर्ण भारत वर्ष की औसत अपराध दर 17.4 रही है।
प्रवक्ता ने बताया कि एन0सी0आर0बी0 द्वारा जारी किये गये आकड़ो के अनुसार भारत वर्ष की अन्य राज्यों तथा केेन्द्र शासित प्रदेशो मे महिलाओं के विरूद्ध हुए अपराध की दर की तुलना में उत्तर प्रदेश का स्थान भारत के कुल 35 राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों में 22 वॉ स्थान रहा है। इसी प्रकार उत्तर प्रदेश में प्रति लाख जनसंख्या पर बलात्कार के अपराध की दर 0.9 रही हैं, जबकि आन्ध्र प्रदेश 1.4, असम 5.3, छत्तीसगढ़ 4.3, मध्यप्रदेश 4.2, केरल 1.6, हरियाणा 2.5, राजस्थान 2.3, उड़ीसा 2.5, दिल्ली 2.6, चण्डीगढ़ 2.6, रही है। प्रवक्ता ने बताया कि सम्पूर्ण भारत वर्ष के कुल 35 राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों की औसत अपराध दर 1.8 रही है। इसी प्रकार पूरे देश के कुल 35 राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों में बलात्कार की अपराध दर मात्र 3 राज्यों/केन्द्र शासित राज्यों दमन एवं द्वीप, पाण्डीचेरी तथा गुजरात में उत्तर प्रदेश से कम रही।
प्रवक्ता ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराध पर प्रभावी अंकुश लगाने के लिए कठोर कदम उठाये गये है। पुलिस प्रशासन को इस दिशा में सत्त सहाजता बरतने के लिए आवश्यक शासनादेश जारी करके तेजी से कार्यवाही करने की व्यवस्था की गई है। इसका कड़ाई से अनुपालन कराया जा रहा है। गम्भीर घटनाओं के मामले में अभियुक्तों के विरूद्ध गुण्डा एक्ट, गैंगटर एक्ट तथा राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के अन्तर्गत कार्यवाही सुनिश्चित कराई जा रही है जिसके फलस्वरूप महिलाओं के विरूद्ध होने वाले अपराधों में काफी कमी आयी है।
प्रवक्ता ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के विभिन्न जनपदों में महिला थानों की स्थापना, महिला हेल्प लाइन की व्यवस्था, परिवारिक परामर्श केन्द्र का संचालन तथा प्रदेश स्तर पर महिला सहायता प्रकोष्ठ की स्थापना जैसे ठोस कदम उठाये गये है जिसके परिणाम स्वरूप महिलाओं के विरूद्ध होने वाले अपराधों पर प्रभावी अंकुश लगाने में सफलता मिली है।
प्रवक्ता ने बताया कि वर्तमान सरकार के आने के बाद इस तरह की बड़े पैमाने पर शिकायते प्राप्त हुई कि एफ0आई0आर0 दर्ज नहीं की जाती है। इस पर राज्य सरकार ने सभी पीड़ितो को न्याय दिलाने के लिए विशेष अभियान चला कर पुराने ऐसे सभी मामलों में जिनमें एफ0आई0आर0 दर्ज नहीं की गई थी, ऐसे मामलों में 10 हजार अपराधों का पंजीकरण कराया गया।
प्रवक्ता ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा अपराधों का बिना कठिनाई के पंजीकरण कराने तथा पंजीकृत अपराधों में पुलिस द्वारा तेजी से कार्यवाही एवं अभियुक्तों के विरूद्ध सफल अभियोजन पर बल दिया गया है जिसके फलस्वरूप आम जनता में बिना भय के अपराध पंजीकरण कराने का वातावरण बना है और अपराधों पर अंकुश लगाने में सफलता प्राप्त हुई है।
प्रवक्ता ने बताया कि राष्ट्रीय अपराध अभिलेख ब्यूरो के अनुसार वर्ष 2009 में वर्ष 2010 के अपराधों के आकड़े अभी प्रकाशित नहीं किये गये है। उत्तर प्रदेश का स्थान अपराध दर (कुल हुए अपराधों की संख्या/प्रदेश की जनसंख्या) के आधार पर कुल 35 राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों की तुलना में 34 वॉ है। अपराध नियन्त्रण की दिशा में किये जा रहे प्रयासो का निरन्तर अनुश्रवण पूरी गम्भीरता से किया जा रहा है। वर्तमान सरकार की नीति है कि मात्र आकड़ो से किसी क्षेत्र की अपराध नियन्त्रण की स्थिति का आकंलन नहीं किया जा सकता बल्कि घटित अपराधों में पुलिस द्वारा की गई कार्यवाही अपराध के नियन्त्रण मेें हुई प्रगति का पैमाना माना जाता है।
प्रवक्ता ने बताया कि राज्य सरकार अन्यायमुक्त, अपराधमुक्त, भयमुक्त, भ्रष्टाचारमुक्त एवं विकासयुक्त वातावरण सृजित करके कानून द्वारा कानून का राज स्थापित करने के लिए कटिबद्ध है। इस तरह अपराधों पर पूरी तरह नियन्त्रण स्थापित करना प्रशासन की प्राथमिकताओं में है। कानून को हाथ में लेने वाले किसी भी व्यक्ति को दण्ड दिलाने में राज्य सरकार संकोच नहीं करती।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com