प्रख्यात साहित्यकार कवि व सिटी मोन्टेसरी स्कूल के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी पं. हरि ओम शर्मा `हरि´ प्रधानमन्त्री डॉ. मनमोहन सिंह से सम्मानित होकर आज शताब्दी एक्सप्रेस से लखनऊ लौटे। पं. हरि ओम शर्मा का चारबाग रेलवे स्टेशन पर भव्य स्वागत किया गया। सीएमएस संस्थापक व प्रख्यात शिक्षाविद् डा जगदीश गांधी के नेतृत्व में विद्वतजनों, शिक्षाविदों शिक्षकों, लेखकों साहित्यकारों व प्रबुद्ध नागरिकों ने पं. हरि ओम शर्मा को फूल मालायें पहनाकर व रोली चन्दन टीका लगाकर बैण्ड बाजे के साथ पं. शर्मा का स्वागत किया व उनकी इस उपलब्धि पर बधाई दी। इस अवसर पर पं0 शर्मा के सहयोगी, इष्टमित्र व अनेक पत्रकार बन्धु भी उपस्थित थे।
ज्ञातव्य हो कि 31 जनवरी को प्रधानमन्त्री डा मनमोहन सिंह ने पं. शर्मा द्वारा लिखित प्रेरणादायी व चर्चित पुस्तक `अवेक…अराइज़…एसेन्ड…´ का लोकार्पण किया। इस अवसर पर पं0 शर्मा ने प्रधानमन्त्री से मुलाकात का जिक्र करते हुए कहा कि माननीय प्रधानमन्त्री मनमोहन सिंह ने मेरी दूसरी पुस्तक का लोकार्पण किया है। इससे पहले 10 सितम्बर 2008 को मेरी पुस्तक `जागो…उठो…चलो…´ का लोकार्पण भी प्रधानमन्त्री जी ने अपने आवास पर किया था। जिस परन्तु जिस गर्मजोशी व अपनत्व से प्रधानमन्त्री जी मुझसे मिले, उसका वर्णन अवर्णनीय है। उन्होंने कहा कि डा. मनमोहन सिंह न केवल एक विख्यात अर्थशास्त्री व विद्वान हैं अपितु एक बहुत ही सरल, सहज व सौम्य व्यक्तित्व व उच्च विचारों के मालिक हैं। वे बड़ी आत्मीयता से मुझसे व मेरी पत्नी श्रीमती माया देवी से मिले और अपने हाथों से शाल ओढ़ाकर सम्मानित किया। पुस्तक `अवेक, एराइज, असेन्ड´ को सारे देश के लिए लोकार्पित करते हुए डा. मनमोहन सिंह ने कहा कि यह पुस्तक भावी पीढ़ी को नई दिशा देने में अवश्य ही मील का पत्थर साबित होगी। पं. शर्मा ने आगे कहा कि इस पुस्तक को लिखने की प्रेरणा मुझे अपने पूज्य माता-पिता स्व. श्री मिहीलाल व श्रीमती रेशम देवी से मिली और यह उन्हीं के आशीर्वाद का सुफल है कि पुस्तक `अवेक, एराइज, असेन्ड´ को आज उम्मीद से अधिक सफलता मिली है। पं. शर्मा ने कहा कि पूज्य माता-पिता के अतिरिक्त सी.एम.एस. संस्थापक व प्रख्यात शिक्षाविद डा. श्री जगदीश गांधी जी ही मेरे गुरू व मार्गदर्शक है साथ ही अपनी प्रेरणास्रोत (श्रीमती) भारती गांधी जी को भी मैं नमन करता हूं।
इस अवसर पर सी.एम.एस. संस्थापक व प्रख्यात शिक्षाविद् डा. जगदीश गांधी ने पं. हरि ओम शर्मा `हरि´ को हादिZक बधाईयां दी और कहा कि श्री शर्मा अपने लेखों के माध्यम से सदैव ही सी0एम0एस0 छात्रों के आत्मबल को प्रेरित करते रहे हैं। उन्होंने कहा कि हर आयु वर्ग के लोगों को यह पुस्तक पढ़नी चाहिए क्योंकि इसमें सभी के लिए कुछ न कुछ है। इस पुस्तक के पाठन का लाभ दीघZकालिक एवं शाश्वत है। डा. गांधी ने कहा कि आज हमारे देश को ऐसे ही प्रेरणादायी लेखकों की जरूरत है। आजकल बाजार में गन्दा व अश्लील साहित्य भरा पड़ा है और साफ सुथरे रोचक साहित्यिक लेखों का अभाव है। ऐसे में पं. शर्मा ने प्रेम व भाईचारे को प्राथमिकता दी है।
श्री शर्मा जी ने बताया कि मेरी एक और पुस्तक `जड़, जमीन, जहान´ जल्द ही पाठकों के बीच आने वाली है। यह पुस्तक तीन पीढ़ियों के सामन्जस्य, सहिष्णुता, सहृदयता, आपसी सहयोग व एक-दूसरे के सम्मान पर लिम्बत है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया पुस्तक `जड़, जमीन, जहान´ भी समाज को जोड़ने वाली पुस्तक साबित होगी और आज के बदलते सामाजिक परिवेश में बच्चों की सही परवरिश के लिए मददगार सिद्ध होगी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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