बेहतर कानून व्यवस्था का नारा देकर प्रदेश में सत्ता में आयीं मुख्यमन्त्री सुश्री मायावती के शासन के अन्तिम वर्ष में कानून और व्यवस्था की स्थिति इतनी निकृष्ट हो गई है कि महिलाओं पर होने वाले अत्याचार, बलात्कार के मामलों में उ0प्र0 में रिकार्ड टूट गया है। रोजाना प्रदेश की राजधानी लखनऊ सहित प्रदेश के किसी न किसी जिले में दलित लड़कियों, महिलाओं के साथ होने वाले बलात्कार, हत्या की खबरें मुख्य सुर्खियां बन रही हैं।
प्रदेश कंाग्रेस के मुख्य प्रवक्ता सुबोध श्रीवास्तव ने आज यहां जारी बयान में कहा कि कहा कि सबसे दु:खद तो यह है कि कानून और व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति को सुधारने के बजाय जघन्य अपराधों में लिप्त बसपा के विधायकों एवं नेताओं को क्लीन चिट दे दी जाती है जिसके परिणामस्वरूप अपराध में बेतहाशा वृद्धि हो रही है। इन अपराधों में कहीं न कहीं बसपा के शीर्ष नेताओं का हाथ भी शामिल रहता है जिसके कारण सबसे पहले तो घटना को दबाने का प्रयास किया जाता है यदि मामला नहीं दब पाता तो मुख्य आरोपी को क्लीन चिट दे दी जाती है। प्रदेश की बसपा सरकार के दबाव में शासन द्वारा अभी हाल ही में हुई घटना में मन्त्री श्री राकेशधर त्रिपाठी एवं उनके भतीजे को बिना किसी विवेचना के क्लीनचिट दे दी गई। गौरतलब है कि मन्त्री राकेशधर त्रिपाठी को लोकायुक्त द्वारा भी भ्रष्टाचार के लिए जांच के दायरे में लिया गया है। इटावा के विधायक श्री शिव प्रसाद यादव को भी जेल भेजने के बजाय पीड़िता को ही जेल में बन्द रखा गया है। बान्दा में विधायक पुरूषोत्तम नरेश द्विवेदी को भी शीलू बलात्कार काण्ड में सबसे पहले क्लीनचिट दी गई, किन्तु कांग्रेस पार्टी द्वारा आन्देालन करने के बाद अन्तत: बसपा विधायक को जेल जाना पड़ा। इसी प्रकार कानूनगो राम कुमार यादव की हत्या में तो नामजद इसौली के बसपा विधायक चन्द्रभद्र सिंह उर्फ सोनू सिंह क्लीनचिट दे गई। लखनऊ में दलित बालिका आरती एवं फिरोजाबाद में दलित बालिका के साथ हुए बलात्कार एवं हत्या की घटनाएं प्रदेश की बहुजन समाज पार्टी की सरकार में हो रहीं दलित महिलाओं की हत्या एवं बलात्कार का ताजा उदाहरण है।
श्री श्रीवास्तव ने कहा कि बसपा सरकार में हत्या एवं बलात्कार जैसे जघन्य मामलों में प्रदेश सरकार द्वारा सबसे पहले इसे दबाने का प्रयास किया गया। बसपा सरकार के दौरान फैजाबाद जिले की मिल्कीपुर के विधायक और तत्कालीन मन्त्री आनन्द सेन यादव पर शशि की हत्या का अरोप लगा, जिसमें श्री यादव को जेल जाना पड़ा। बुलन्दशहर जिले की डिबाई सीट के बसपा विधायक भगवान शर्मा उर्फ गुड्डू पण्डित पर शोध छात्रा शीतल बिड़ला के यौन उत्पीड़न के आरोप में जेल की हवा खानी पड़ी। बदायूं जिले के बिल्सी क्षेत्र के बसपा विधायक योगेन्द्र सागर पर बीए की छात्रा ज्योति शर्मा के साथ दुष्कर्म का आरोप लगा। राज्यमन्त्री दर्जा प्राप्त मत्स्य विकास निगम के चेयरमैन राम मोहन गर्ग ने सीमा चौधरी की अश्लील सीडी बनाकर लगातार उसके साथ पांच साल तक दुष्कर्म किया। एससी, एसटी आयोग के चेयरमैन श्रीनाथ को भी एक महिला के आरोपों के चलते ही पद छोड़ना पड़ा था। उपरोक्त मामलों में उल्लेखनीय यह रहा कि अधिकतर मामलों में राजनीतिक दलों केा आन्दोलन करना पड़ा।
श्री श्रीवास्तव ने कहा कि प्रदेश सरकार के रवैये से यह साबित हो गया है कि उसने अपने विधायकों/नेताओं को अपराध, बलात्कार, दुष्कर्म करने की खुली छूट दे रखी है। प्रदेश की कानून व्यवस्था पूरी तरह से अपराधियों के रहमोकरम पर छोड़ दी गई है। अपराधियों को अपने दल से बाहर का रास्ता दिखाने का दावा करने वाली प्रदेश की मुख्यमन्त्री स्वयं घृणित अपराधों में लिप्त अपनी पार्टी के नेताओं को खुला संरक्षण दे रही हैं। आम आदमी की जिन्दगी पूरी तरह असुरक्षित हो गई है और प्रदेश की जनता त्राहि-त्राहि कर रही है।
मुख्य प्रवक्ता ने कहा कि प्रदेश की बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर प्रदेश सरकार को घेरने हेतु रणनीति तय करने के लिए कंाग्रेस के जिला-शहर अध्यक्षों की बैठक आगामी 08फरवरी को लखनऊ में बुलाई गई है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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