राज्य मुख्य सूचना आयुक्त उ0प्र0 रणजीत सिंह पंकज ने कहा है कि अधिकारी सूचना के अधिकार अधिनियम का भलिभान्ति अध्ययन करें और अपनी विभागीय जानकारी व उपलब्धियों को अपनी वेवसाइट पर डालें और कार्यो के सम्पादन में पारदिशZता बरतें। उन्होंने स्पश्ट किया कि सरकारी विभाग, सरकारी नियन्त्रण के संस्थान तथा वित्तीय सहायता प्राप्त संस्थाएं अर्थात जिन पर किसी भी प्रकार सरकार का नियन्त्रण है वे संस्थाए सूचना देने के लिए बाध्य है। उन्होंने कहा कि समय-समय पर विभाग अपनी वेवसाइट को अपडेट करते रहे ।
मुख्य सुचना आयुक्त आज यहां कमिश्नरी सभागार में मण्डलीय अधिकारियों को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रत्येक लोक प्राधिकारी का कर्तव्य है कि अपने कार्यालय में जन सूचना अधिकारी की तैनाती करें। उन्होंने कहा कि जिसके पास सूचना है वह डीम्ड जन सूचना अधिकारी है। उन्होंने जन सूचना अधिकारी तथा प्रथम अपीलीय अधिकारी के दायित्वों तथा अधिनियम की विभिन्न धाराओं पर विस्तार से जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि आयोग की वेवसाइट पर अधिनियम तथा उ0 प्र0 सरकार द्वारा जारी शासनादेशों का विवरण उपलब्ध है और प्रकरण की सूची भी हर शुक्रवार को अपडेट की जाती है। लिम्बत प्रकरणों की सूची हर विभाग तथा जिलाधिकारी को भी भेजते है। उन्होंने स्पश्ट किया कि धारा 20 के अनुसार सूचना तीस दिन में न देने पर 250 रूपये प्रतिदिन की दर से 25 हजार रूपये तक का अर्थदण्ड दिया जा सकता है। उन्होंने कहा कि सूचना देने में सकारात्मक और व्यवहारिक दृिश्टकोण अपनाये। उन्होंने विभिन्न अधिकारियों द्वारा प्रस्तुत शंकाओं का समाधान दिया।
अपर आयुक्त नागेन्द्र प्रताप ने धन्यवाद देते हुए निर्देशों को सार्थक बताया। बैठक में मण्डलायुक्त सुधीर एम. बोबडे, जिलाधिकारी अमृत अभिजात, मुख्य विकास अधिकारी आर. के. श्रीवास्तव, नगर मजिस्ट्रिेट चन्द्रशेखर तथा विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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