थाना गोमती नगर, लखनऊ में फेसबुक नामक सोशल नेटवोकिंZग साईट पर Þआई हेट गांधीß नाम से चल रहे एक ग्रुप के आपराधिक —त्य के सम्बन्ध में फेसबुक कंपनी तथा अन्य के विरुद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट मुåअåसंå 72ध्2011 अन्तर्गत धारा 153, 153 ।(1)(ं), 153 ।(1)(इ), 153 ।(1)(ब), 153-ठ, 290, 504, 505 (1), 505 (2),506 आईपीसी तथा धारा 66 । इन्फोर्मेशन टेक्नोलोजी एक्ट 2000 दर्ज कराई गई है. यह मुकदमा आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर द्वारा पंजी—त कराया गया है.
एफआईआर में यह कहा गया है कि फेसबुक सोशल नेटवोकिंZग साईट इन्टरनेट के माध्यम से हमारे देश में भी सारे कंप्यूटरों पर प्रदर्शित होता है. इसके सदस्य अलग-अलग ग्रुप (समूह) बनाते है जिनमे Þआई हेट गांधीß भी है. इसमें कई गन्दे और भद्दे शब्दों और गालियों का खुलेआम प्रयोग किया गया है. ये अत्यन्त गन्दी और अशोभनीय गालियां हमारे देश के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के लिए प्रयुक्त की गई हैं. इन गालियों के जरिये महात्मा गांधी की प्रतिष्ठा तो धूमिल की ही गई है, साथ ही इनके द्वारा समाज में विद्वेष बढाने, लोगों को गलत ढंग से उकसाने, लोगों को विचार-समूहों और अन्य आधारों पर बांटने का प्रयास भी किया गया है.
अमिताभ ठाकुर की तहरीर में इस प्रकरण में मुख्य भूमिका राहुल देवगन निवासी ग्राम-खौली, जिला पटियाला, पंजाब की बताई गई है जबकि अन्य लोगों में गौरब बैनर्जी, रोहन शिन्दे, शिक्षित कुमार, गदाधर घोषाल, जसजीत सिंह, देवेन टण्डन, अमित आर्य, विग्नेश एन वी तथा अन्य नामित किये गए हैं. इन व्यक्तियों के अतिरिक्त फेसबुक इंक, मुख्यालय पालो अल्टो, कैलिफोनिZया, यूएसए को इस प्रकार प्रदान किये जा रहे सेवा के माध्यम से किये जा रहे इस आपराधिक —त्य के प्रति जानबूझ कर आंखें मून्दे रखने और इस आपराधिक —त्य के बारे में जानकारी हो जाने के बाद भी उसके प्रति आवश्यक कदम नहीं उठाने के लिए आपराधिक तौर पर जिम्मेदार बताते हुए मुिज्लम बताया गया है.
यह एफआईआर अपंजी—त कराने के पहले ठाकुर ने इन में से सभी व्यक्तियों से इस बात का अनुरोध किया था कि इस ग्रुप से आपत्तिजनक सामग्री हटा ली जाए पर इन लोगों ने ऐसा करने से इनकार कर दिया था अथवा इस पर कोई ध्यान नहीं दिया था. साथ ही फेसबुक ने भी ठाकुर द्वारा किये गए निवेदन पर कोई कारवाही नहीं की थी और यह ग्रुप यथावत जारी रहा था. इसके बाद ही ठाकुर ने यह एफआईआर कराने की पहल की.
उपरोक्त के आधार पर धारा 153 (जान बूझ कर जब परिद्वेश से अथवा स्वैरिता से प्रकोपित कोई कार्य, यदि इसके कारण किसी प्रकार का दंगा नहीं हुआ हो), 153 ।(1)(ं), 153 ।(1)(इ), 153 ।(1)(ब)- (विभिन्न समूहों में धर्म, मूलवंश, जाति, जन्म स्थान, समुदाय या कसी भी अन्य कारण से नफरत और शत्रुता पैदा करना), 153-ठ (राष्ट्र की अखण्डता तथा राष्ट्रीय एकता को नुकसान करने हेतु गलत ढंग से प्रभावित करने वाले वक्तव्य देना या —त्य करना), 290 (लोक न्यूसेंस के लिए दण्ड जब अन्य कोई स्थिति नहीं दी गई हो), 504 (जानबूझ कर किया गया अपमान जिससे लोक शान्ति भंग होन संभावित हो , 505 (1), 505 (2) (लोक रिष्टिकरक वक्तव्य) ,506 (आपराधिक अभित्रास) आईपीसी तथा धारा 66 । इन्फोर्मेशन टेक्नोलोजी एक्ट, 2000 के अन्तर्गत अपराध पंजी—त किया गया है. विवेचना थाना गोमती नगर पर की जा रही है.
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com