उत्तर प्रदेश में कृशक ग्रीश्म ऋतु की सब्जियों में भिण्डी, लौकी आदि की बुआई फरवरी माह में करें। इसके लिए खेत की तैयारी करें। भिण्डी की संस्तुत प्रजातियों में बी0आर0ओ0-5, परमनी क्रान्ति तथा आई0आई0पी0आर0-10 के बीज की व्यवस्था अभी से कर लें। लौकी की संस्तुत प्रजातियों में स्वर्णपूर्णा, स्वर्णश्वेता, स्वर्ण अगेती, प्वाइनसेट तथा संकर प्रजातियों में अमन व प्रिया के बीजों की व्यवस्था करें।
फसल सतर्कता समूह के कृशि वैज्ञानिकों की सलाह के अनुसार गीश्म ऋतु में तरबूज, खरबूज की भी (बुआई फरवरी में की जाय) तरबूज की उन्नत प्रजातियों में सूगर बेबी, दुगाZपुरकेसर, अकाZ मानिक, दुगाZपुर मीठा, संकर किस्मों में आकाZ ज्योति, निजी कम्पनियों की संकर किस्मों में सुपर चेिम्पयन व संकर 555 (सन एग्रो सीड्स) एन0एस0251 व एन0एस0252 (नामधारी) मधु (इण्डो अमेरिकन) स्वीट हार्ट (बीजो शीतज आदि बीजों की व्यवस्था करें।
आलू में आवश्यकतानुसार सिंचाई, झुलसा एवं माहू के नियन्त्रण के लिए संस्तुत अनुसार उपचार करें। लहसुन में आवश्यकतानुसार सिंचाई, निकाई एवं गुड़ाई करें।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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