प्रदेश के लोक निर्माण एवं सिंचाई मन्त्री श्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने बुनकरों से कहा कि उनकी समस्याओं का निराकरण प्राथमिकता के आधार पर किया जायेगा। उन्होंने कहा कि उनकी समस्याओं को माननीया मुख्यमन्त्री सुश्री मायावती जी के संज्ञान में लाकर उन्हें शीघ्रता से हल करने के प्रयास किये जायेगें।
श्री सिद्दीकी आज यहॉ पूर्वान्चल के विभिन्न जनपदों से मिलने आये बुनकरों के साथ एक भेंट-वार्ता कर रहे थे। भेंट-वार्ता के समय बुनकरों की समस्याओं पर गहनतापूर्वक विचार किया गया। इस भेंट-वार्ता के समय रेशम एवं वस्त्रोद्योग मन्त्री श्री जगदीश नारायण राय भी उपस्थित थे।
श्री सिद्दीकी ने कहा कि रेशम एवं वस्त्रोद्योग मन्त्री श्री राय द्वारा बुनकरों की समस्याओं का प्राथमिकता से निराकरण कराया जायेगा। भेंट-वार्ता के समय श्री राय ने बुनकरों की बहबूदी के लिए उठाये गये कदमों की चर्चा करते हुए बताया कि रेशम बुनकरों द्वारा तैयार वस्त्रों की डिजाइन में सुधार लाने के लिए वाराणसी में एक सिल्क एक्सचेंज की स्थापना की गई है जहां पर बुनकरों के लिए नवीनतम प्रचलित डिजाइनों एवं टेस्टिंग की सुविधा उपलब्ध करायी गई है। साथ ही रेशम करघों के उच्चीकरण हेतु 10,000 रूपये तथा नये करघों की स्थापना के लिए 28,000 रूपये का अनुदान दिया जा रहा है। इसके अलावा शटरलेस पावरलूम की स्थापना के लिए 37,50,000 रूपये अनुदान के रूप में सरकार द्वारा बुनकरों को दिये जा रहे हैं। सरकार द्वारा कम्प्यूटर एडेड डिजाइन तथा धागा रंगाई के लिए 18 से 25 लाख रूपये तक का अनुदान दिया जा रहा है।
भेंट-वार्ता में वस्त्रोद्योग एवं रेशम मन्त्री श्री जगदीश नारायण राय ने बताया कि हथकरघा बुनकरों को प्रोत्साहित करने तथा उनके उत्कृष्ट कार्यों को मान्यता देने हेतु प्रदेश सरकार द्वारा मान्यवर श्री कांशीराम जी राज्य हथकरघा पुरस्कार योजना संचालित की जा रही है, जिसके तहत परिक्षेत्र स्तर पर प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय पुरस्कार के रूप क्रमश: 10,000, 8,000 तथा 6,000 रूपये प्रदान किये जाते हैं। इस योजना के अन्तर्गत राज्य स्तर पर चयनित किये गये बुनकरों को प्रथम पुरस्कार के रूप में 25,000 रूपये, द्वितीय पुरस्कार के रूप में 21,000 रूपये तथा तृतीय पुरस्कार के रूप में 18,000 रूपये के अतिरिक्त प्रमाण पत्र शील्ड एवं अंगवस्त्रम् प्रदान किये जाते हैं।
श्री राय ने बताया कि प्रदेश में बुनकरों के हित में स्वास्थ्य बीमा योजना चलायी जा रही है। जिसके तहत प्रति बुनकर परिवार को 15,000 रूपये की धनराशि विभिन्न रोगों के उपचार हेतु दी जाती है।
पावरलूम बुनकरों के लिए समूह बीमा योजना चलाई जा रही है जिसमें किसी पावरलूूम बुनकर की स्वाभाविक मृत्यु अथवा दुघZटना में मृत्यु होने की दशा में अधिकतम डेढ़ लाख रूपये की बीमित राशि दी जाती है। इसी प्रकार हथकरघा बुनकरों के लिए भी महात्मा गांधी बुनकर बीमा योजना चलायी जा रही है। इस योजना के तहत भी बीमित हथकरघा बुनकर की स्वाभाविक मृत्यु अथवा दुघZटना में मृत्यु होने की दशा में डेढ़ लाख रूपये की धनराशि दी जाती है।
रेशम एवं वस्त्रोद्योग मन्त्री ने बताया कि हथकरघा बुनकरों द्वारा उत्पादित वस्त्रों के विपणन हेतु जिला, राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर पर मेले- प्रदर्शनी का आयोजन भी किया जाता है। प्रदेश में अब तक 32 जिला स्तरीय, 2 राज्य स्तरीय तथा एक राष्ट्रीय स्तर की प्रदर्शनी का आयोजन किया जा चुका है।
भेंट-वार्ता में सांसद श्री सालिम अन्सारी, विधान परिषद सदस्य श्री नौशाद अली एवं श्री अतहर खान, मदरसा शिक्षा परिषद के अध्यक्ष श्री अनवर जलालपुरी, अल्पसंख्यक कल्याण आयोग के अध्यक्ष श्री लियाकत अली, मौजूद थे। इस बैठक में अम्बेडकर नगर, फैजाबाद, मऊ तथा वाराणसी सहित कई जनपदों के बुनकरों के बड़ी संख्या में भाग लिया।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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