• माननीय व अधिकारियो की तरफ से अलाव के लिये नही किया गया इन्तजाम
प्रदेश में भले ही ठन्ड से मरने वालों की सख्या सैकडा पार कर गई है। चौबीस घण्टें के भीतर दो और लोगों की जान ठन्ड ने ले ली है। लेकिन माननीय व आला अफसरों के कान पर जूं तक नही रेगं रही है। जिले में अन्य प्रदेशो की अपेक्षा शीतलहरी का प्रकोप कुछ ज्यादा ही है। अलाव के नाम पर कागजी घोडे दौडाये जा रहे है। ठन्ड से निजात दिलाने में पालिका अध्यक्ष की ओर से भी कोई ठोस इन्तजाम नही किया गया है।
जिले का तापमान औसतन 1.4 है। हाण्ड कपाउ ठन्ड से मरने वालो की सख्यां में दिनो दिन बढोत्तरी हो रही हैैै। केातवाली नगर अन्तर्गत पयाग पटटी निवासी 50 वशीZय राम देव यादव की आज सुंबह ठन्ड लगने से मौत हो गई, सपा जिलाध्यक्ष रधुबीर यादव ने मृतक के धर पहुचंकर पीडित परिजनो को ढांढस बधाया, जबकि करौदियां निवासी 55वशीZय बृद्व की ठन्ड से मौत हुई है। प्रशासन का दावा है कि ठन्ड से निजात दिलाने के लिये अलाव व अन्य व्यवस्थायें की जा रही है। लेकिन जमीनी सच्चाई इसके उलट है। बानगी के तौर पर दूबेपुर ब्लाक अन्तर्गत हसनपुर मनियारपुर बन्धुआकला आदि गांव में प्रशासन की तरफ से अलाव की अभी तक कोई व्यवस्था नही की गई। अमहट स्थित गरीबो की कालोनी के लोग भी ठन्ड से त्रस्त है। लेकिन बार बार मांग के बावजूद भी अलाव नही जले। जयसिंहपुर ब्लाक अन्तर्गत पीढी, विरसिहंपुर, धरसौली, सपाही, विभारपुर आदि गांवों में लोग पुआल घास फूस जलाकर ठन्ड से बचने का प्रयास कर रहे है। कुडवार ब्लाक अन्तर्गत गजेहडी, मीरापुर, सोहगौली आदि गांव में भी कुछ इसी तरह का चित्र देखा जा सकता है। जिले में एक मन्त्री समेत छ: विधायक मौजूद है जिन्हे जनता के दुख दर्द से कोई वास्ता नही है। यह माननीय भले ही रैलियों में दिखावे के लिये करोडो रूपये खर्च कर डालते हो लेकिन जनता की मदद में इनके द्वारा दो चार हजार रूपये अलाव के नाम पर इनकी जेब से नही निकल रहे, आम आदमी मरे तो मरे अपनी बला से इनके घर में तो गीजर और ठन्डी गरम ए.सी. दोनो मौजूद है। प्रधानो का तो हाल मत पूछियें इस समय जीत के बाद इन्हे जश्न से ही फुर्सत नही मिल रही है। पता चला है कि प्रत्येक प्रधान हजार रूपये अपने कोश से अलाव के नाम पर खर्च कर सकता है बावजूद इसके भी ग्राम प्रधान प्रशासन की तरफ से मिलने वाली मदद का इन्तजार कर रहे है। लोगो का कहना है कि वोट लेने के लिये प्रधान जी ने ख्ुाब मुगाZ दारू बांटा लेकिन जब इस दैबी आपदा से निपटने का समय आया तो वह भी मौन है। बल्दीराय ब्लाक तो हाल ही निराला है। यह क्षेत्र राहुलगांधी का गढ़ माना जाता है लेकिन यहां भी डेहरिया,उमरा,कांपा, हलियापुर, तौधिकपुर उस्कामउ आदि गांवो में लोग अलाव की बाट जोह रहे है। इस बावत जब तहसीलदार सदर दिनेश चन्द्र गुप्ता से बात की गई तो उनके द्वारा रटा रटाया जबाब दिया गया कि अलाव जल रहे है। लेकिन यह तो जगजाहिर है कि प्रशासन ने कहीं भी अलाव की ब्यवस्था नही किया है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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