गरीबो के मशीहा का तकमा पहनने वाली उ0प्र0 की यह माया सरकार में भ्रश्टाचार का बोलबाला खुलेआम ब्याप्त है। गरीबो को आवास के नाम पर खुलेआम अधिकारियों ने 10 से 15 हजार रूपये लेकर आवास बेच दिया गाय। फिर भी गरीबो के लिये बनाया गया आवास गरीबो को न मिलकर बड़े पैसे वालो को ही मिल पाया, क्यूंकि उन्ही के पास अच्छी रकम देने की क्षमता थी।
उत्तर प्रदेश सरकार में गरीबो के मदद की योजना पाने वाले लोग इस सुबिधा से ऊब चुके है, क्यूंकि इनमें लगभर 4 से 5 माह से रहने वाले लेाग अव्यवस्थाओं से जूझ रहे है। बताते चले कि ब्लाक न0 4, 7, 11, 12 आदि के कई कमरो में पानी की टोटी, विजली की वायरिंग, लैट्रिंग चालू न ही हेा सका है जिसकी िशकायत कई बार समाज सेबी संस्थाये विभागीय अधिकारी को दे दिया है लेकिन अधिकारी सिर्फ जांच कर कार्यवाही करने की बात करते है। उक्त कमरे में रहने वाले लोगो ने एक जुट होकर बताया कि विभाग द्वारा हमेशा जांच किया जा रहा है कि कौन रहता है, और कौन नही रहता कमरा निरस्त करने की बात करते हुए हम गरीबो को डराते रहते है। अपने मांग में लिखा था कि यहा आवासों मे आये दिन कुछ मनचले शांम से आधी रात्रि में घूमते रहते है, और दारू पीकर अनाप-सनाप भी बकते रहते है। पूछंने पर यहां क्या करने आये हो तो लड़ाने करने पर उतारू हो जाते है। जिस पर चौकी इन्चार्ज गभड़िया से बात हुई तो उन्हेाने बताया कि वहां रहने वाले लोग ही ठीक कर सकते है, अगर मेरी जरूरत हो तो मेरे नम्बर पर काल कर मुझे इत्तला करो। इस तरह ख्ुालेआम घूम रहे मनचलो के खिलाफ कार्यवाही करूंगा। कांशीराम आवस कालोनी के लेागो ने िशकायत किया है कि गरीबो को शहर से बाहर बसा दिया गया जहां न पानी न अलाव की ब्यवस्था, हमारे बच्चे ठन्ड से मरने की कागार पर है। इन अब्यवस्थाओ को दर किनार करते हुए विभागीय अधिकारी हमारी बात सुनने से कतरा रहे है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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