विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी परिषद द्वारा जेेट्रोफा के बीजों से बायो डीजल तैयार करने के लिए बख्शी तालाब प्रक्षेत्र में मशीन लगाये जाने की कार्यवाही इस वर्ष 31 मार्च पूरी कर ली जाय।
यह निर्देश आज विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मन्त्री श्री अब्दुल मन्नान ने सुदूर संवेदन उपयोग केन्द्र (रिमोट सेसिंग एप्लीकेशन्स सेन्टर) जानकीपुरम के सभागार में आयोजित मासिक समीक्षा बैठक में दिये है। उन्होंने कहा कि आगामी अप्रैल माह में किसानों को जैट्रोफा की खेती से होने वाले लाभों तथा उन्हें इसका प्रशिक्षण दिये जाने के लिए वृहद स्तर पर कैम्प लगाये जाने की योजना भी प्रारम्भ कर दी जाय। उन्होंने कहा कि वर्तमान में पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतें बहुत बढ़ गई हैं। जेट्रोफा सीड से बायो डीजल का निर्माण यदि वृहद स्तर पर कराया जायेगा तो इसकी लागत में भी कमी आयेगी तथा समानान्तर रूप से इसको उपयोग में लाया जा सकेगा।
विज्ञान मन्त्री ने वर्ष 2009-10 के साइंस अवार्ड इस माह के अन्तिम सप्ताह तक वितरित किये जाने के भी निर्देश दिये।
बैठक में बताया गया कि रामपुर नक्षत्रशाला में इन्सटालेशन का कार्य पूर्ण हो चुका है। देश की यह प्रथम नक्षत्रशाला है जिसमें अद्यतन तकनीकी का प्रयोग किया गया है।
बैठक में सुदूर संवेदन उपयोग केन्द्र में चल रही विभिन्न परियोजनओं की भी गहन समीक्षा की गई तथा कैडस्ट्रल मैपिंग में आई त्रुटियों को शीघ्र दूर करने के निर्देश दिये गये।
बैठक में प्रमुख सचिव श्री बी0एम0मीणा, विशेष सचिव श्री पी0सी0जैन, निदेशक डा0 एस0जे0के सिद्दीकी सहित समस्त वैज्ञानिक अधिकारी उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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