समाजवादी पार्टी के राश्ट्रीय अध्यक्ष श्री मुलायम सिंह यादव ने प्रसिद्ध भोजपुरी गायक श्री बालेश्वर के निधन पर गहरा ‘ाोक प्रकट करते हुए दिवंगत आत्मा की ‘ाान्ति तिाा ‘ाोक सन्तप्त परिवार को इस दु:ख को सहन करने की ‘ाक्ति देने की ईश्वर से प्रार्थना की है।
श्री यादव ने कहा कि स्व0 बालेश्वर भोजपुरी गायिकी के सशक्त हस्ताक्षर थे। उन्हें समाजवादी पार्टी की सरकार ने यशभारती सम्मान से सम्मानित किया था। अपने गीतों से उन्होने समाज और संस्कृति में आई विकृतियों के विरूद्ध जनचेतना जगाने का काम किया था। समाजवादी पार्टी के प्रति उनका विशेश लगाव था। उनके निधन से अपूरणीय क्षति हुई है। लखनऊ पाकोंZ, स्मारकों और अपनी प्रतिमाओं की स्थापना के बाद अब मुख्यमन्त्री ने प्रदेश के कुछ चुनिन्दा ‘ाहरों नोएडा, आगरा सहित राजधानी का सौन्दर्य निखारने का अभियान छेड़ रखा है। जगह-जगह पत्थर लग रहे हैं। मुख्यमन्त्री के इस पत्थर अर्थशास्त्र से मोटा कमीशन सुगमता से वसूल हो जाता है क्योंकि एक-एक पत्थर की सैकड़ों गुना ज्यादा कीमत लगाकर खरीद होती है। इसमें कार्य की गुणवत्ता और मानकों की पूरी तरह अनदेखी की जा रही है। जनता की गाढ़ी कमाई के बन्दरबांट में अफसर, ठेकेदार, अभियन्ता और नेता सभी अपनी तिजोरियां भर रहे हैं।
स्वयं हाईकोर्ट घटिया सड़कों के निर्माण पर सम्बंधित अधिकारियों और अभियन्ताओं को फटकार लगा चुका है। राजधानी में ही यह हाल है कि इसके हृदयस्थल हजरतगंज लालबाग में सड़क बने 24 घंटे भी नहीं बीते कि वह उखड़ने लगी है। जबकि आधा किलो मीटर की सड़क बनाने पर लाखों रू0 खर्च आया है। लालबाग में आरसीसी ट्रंच की जगह सीमेंन्ट के पाइप डाल कर खाना पूरी कर दी गई है। फुटपाथों पर विद्युत बाक्स लगा दिए गए है जिनसे कभी बड़ा हादसा हो सकता है।
जन सामान्य अभी से घटिया निर्माण का खामियाजा भुगतने लगा है। इस निर्माण कार्य के दौरान कितनी ही जाने गई हैं। हजरतगंज को पेरिस बना देने का दावा करनेवाले ठेकेदारों एवं नौकरशाहों ने विक्टोरियन लैम्प ‘ोड लगाकर वाहवाही लूटी लेकिन उनकी बदनीयती और कमीशनखोरी के चलते घटिया खरीद की वजह से हल्का सा झटका लगते ही कपूर होटल के पास लगा लैम्प ‘ोड गिर गया और एक नौजवान सुनील कुमार की जान उसकी चपेेट में आ जाने से चली गई। इन खम्भों का आधार कमजोर है। गंज में ऐसे 180 खम्भे लगे हैं और एक निजी फर्म से सप्लाई की गई है। इसकी जांच होनी चाहिए।
बसपा की सरकार बनते ही राजधानी में प्रेरणा स्थल, परिवर्तन स्थल और स्मारक, पार्क बनाने का जो जुनून मुख्यमन्त्री को चढ़ा उसके फलस्वरूप घटिया निर्माण तो हुआ ही, इस कार्य में लगे सैकड़ों डम्परों ने निर्माण सामग्री की ढुलाई के दौरान दर्जनों लोगोंं की जाने ले लीं। अवैध खनन वालों ने चान्दी कांटी। लाखोंं की संख्या में हरे पेड़ काट डाले गए। पर्यावरण को गम्भीर क्षति पहुंचाई गई।
बजाए इसके कि जनता की गाढ़ी कमाई से गांवों और किसानों का भला होता स्कूल अस्पताल खोलें जाते, गरीबों को आश्रय मिलता, वृद्धों विकलांगों को राहत दी जाती, मुख्यमन्त्री करोड़ों के नोटों की माला पहनकर अपने कार्यकाल में बस आय से अधिक सम्पत्ति जुटाने के खेल में ही लगी हैं। जनता बाढ़ में मरी, ठण्ड से ठिठुर कर मर रही है, उन्हें कोई चिन्ता या संवेदना नहीं। ऐसी भ्रश्ट और लूट की सरकार कोजनता माफ नहीं करेगी। इसके दिन अब गिने चुने हैं।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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