जनपद बांदा में पिछड़ी जाति की नाबालिग बच्ची शीलू प्रकरण उ0प्र0 में बसपा के विधायकों व नेताअों की मनमानी और जुर्म का वीभत्स उदाहरण है। इस प्रकरण के सम्बन्ध में उ0प्र0 कंाग्रेस कमेटी द्वारा मुख्यमन्त्री को पत्र लिखकर मांग की गई है कि - 1. पुलिस अधीक्षक बान्दा को तत्काल निलिम्बत किया जाय। 2. शीलू की यथाशीघ्र डाक्टरी जांच, चिकित्सक दल के बोर्ड द्वारा करायी जाय। 3. शीलू के पिता द्वारा दी गई अर्जी के आधार पर प्राथमिकी दर्ज की जाय और बसपा विधायक सहित सभी नामित लोगों पर समुचित धाराएं दर्ज कर अविलम्ब गिरफ्तार किया जाय। 4. मा0 उच्च न्यायालय के वर्तमान न्यायाशीश द्वारा इस प्रकरण की न्यायिक जांच करायी जाय। इसके साथ ही जेल अधीक्षक द्वारा शीलू से न मिलने दिया जाना, स्वस्थ राजनैतिक परम्पराओं के विरूद्ध है, मुख्यमन्त्री जी को स्वयं ऐसे संवेदनशील मामलों में हस्तक्षेप करना चाहिए।
मुख्यमन्त्री द्वारा बांदा जिले में 24 लालबत्तियां वितरित की गई हैं। यहां प्रदेश सरकार में 5 कद्दावर मन्त्री तथा दर्जनों राज्यमन्त्री का दर्जा प्राप्त अन्य बसपा के नेता निवास करते हैं, परन्तु शीलू प्रकरण में एक भी विधायक अथवा बसपा के नेता ने किसी भी प्रकार की कार्यवाही करने की पहल नहीं की है।
प्रदेश कंाग्रेस अध्यक्ष डॉ0 रीता बहुगुणा जोशी को बान्दा जिला जेल में शीलू से मिलने की इजाजत नहीं दी गई। उन्हें परिजन, मित्र अथवा शुभचिन्तक न होने के आधार पर जेल अधीक्षक द्वारा मिलने की अनुमति नहीं प्रदान की गई।
आज एक संयुक्त प्रेसवार्ता में प्रदेश अध्यक्ष डॉ0 रीता बहुगुणा जोशी एवं बान्दा के स्थानीय विधायक श्री विवेक कुमार सिंह ने इस पूरे प्रकरण का खुलासा करते हुए बताया कि विगत 12दिसम्बर को गोपनीय तरीके से चोरी के इल्जाम में जेल में शीलू को बन्द किया गया। लगभग 8 दिन पहले यह प्रकरण तब गर्माया, जब शीलू के पिता ने सार्वजनिक बयान दिया कि उसकी पुत्री के साथ दुराचार हुआ है, जिसके जिम्मेदार वहां के बसपा विधायक पुरूषोत्तम नरेश द्विवेदी तथा अन्य हैं। उन्होने अपनी पुत्री पर लगाये गये चोरी के इल्जाम को सिरे से खारिज करते हुए बेटी के लिए न्याय की गुहार की। तदुपरान्त बान्दा के कांग्रेस विधायक श्री विवेक कुमार सिंह को काफी मशक्कत के बाद जेल में पीड़िता से मिलने का मौका मिला और तब उसने दिल दहला देने वाली आपबीती सुनाई। उसके अनुसार उसका लगातार बलात्कार हुआ है, उसने अपने खून से लथपथ कपड़े भी दिखाये और बसपा विधायक द्वारा किये गये अत्याचार का पूरा बयान दिया। लगातार मांग करने के बावजूद भी उसकी डाक्टरी जांच नहीं की गई। अनेक समाजसेवी संगठनों एवं राजनैतिक दलों द्वारा दिये गये प्रत्यावेदनों व धरना-प्रदर्शन को स्थानीय प्रशासन पूरी तरह नज़रन्दाज कर रहा है। पीड़िता शीलू को जेल में पूरी तरह नज़रबन्द रखा जा रहा है तथा किसी से उससे मिलने नहीं दिया जा रहा है।
सबसे आपत्तिजनक और गैरकानूनी कार्य कल हुआ जब बान्दा के पुलिस अधीक्षक दिन में 1.30बजे जेल पहुंचे और 6घंटे तक उन्होने शीलू से पूछताछ की। जेल, मजिस्ट्रेट के मातहत होता है और जांच अधिकारी के अलावा एवं मजिस्ट्रेट की अनुमति के बिना कोई भी पूछताछ नहीं कर सकता है। कंाग्रेस विधायक श्री विवेक कुमार सिंह के जेल पहुंचते ही पुलिस अधीक्षक वहां से भाग निकले। पूरे प्रकरण से साफ है कि शीलू प्रकरण को प्रदेश सरकार दबाने का प्रयास कर रही है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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