गन्ना क्रय केन्द्रों पर घटतौली करने वाली तीन चीनी मिलों के विरूद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफ.आई.आर) दर्ज कराई गई है। प्रदेश में 2516 गन्ना क्रय केन्द्रों पर अब तक सघन निरीक्षण कर 72 गम्भीर तथा 276 सामान्य प्रकृति की अनियमितताएं पकड़ी गई है। इन अनियिमतताओं के खिलाफ 113 को नोटिस जारी करने के साथ ही 51 तौल लिपिकों के लाईसेंस निलिम्बत कर दिये गये है। उत्तर प्रदेश के गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग मन्त्री श्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने कहा कि गन्ना घटतौली को रोकने के लिए और सख्त कदम उठाएं जायेंगे।
श्री सिद्दीकी ने बताया कि बिजनौर जनपद की तीन चीनों मिलों बिलाई, बुन्दकी और बरकातपुर के गन्ना क्रय केन्द्रों पर घटतौली के मामले समाने आने पर एफ.आई.आर. दर्ज कराई गई है। उन्होंने बताया कि 28 दिसम्बर तक संचालित प्रदेश की 123 चीनी मिलों में 1793.24 लाख कुन्तल गन्ना खरीदकर 1788.59 लाख कुन्तल गन्ने की पेराई की गई जब कि गत पेराई सत्र में 1528.78 लाख कुन्तल पेराई की गई थी। उन्होंने बताया कि प्रदेश में अब तक 156.95 लाख कुन्तल चीनी का उत्पादन हो चुका है जो गत वर्ष कि तुलना में 24.34 लाख कुन्तल उत्पादन अधिक है। इस अवधि में चीनी परता का प्रतिशत 10 रहा जो गत वर्ष की अपेक्षा अधिक है।
गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग मन्त्री ने बताया कि गन्ना मूल्य भुगतान पर सरकार की पैनी नज़र है। अब तक 14 दिन पूर्व के कुल देय गन्ना मूल्य भुगतान 1916.90 करोड़ रूपए के विरूद्ध किसानों को 2276.21 करोड़ रूपए का भुगतान किया जा चुका है जो कि 118.74 प्रतिशत है। उन्होंने बताया कि गत पेराई सत्र के गन्ना मूल्य का भुगतान 99.96 प्रतिशत तक किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों की सच्ची हितैषी है। इसी के चलते प्रदेश में आजादी के बाद वर्तमान सरकार ने सर्वाधिक गन्ना मूल्य में वृद्धि की है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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