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उत्तर प्रदेश की माननीया मुख्यमन्त्री सुश्री मायावती जी की अध्यक्षता में आज लाल बहादुर शास्त्री एनेक्सी भवन स्थित मन्त्रिपरिषद कक्ष में सम्पन्न मन्त्रिपरिषद की बैठक में निम्न महत्वपूर्ण फैसले लिये गये।

Posted on 30 December 2010 by admin

मन्त्रिपरिषद द्वारा सैनिक कैंटीन स्टोर डिपार्टमेंट तथा संघ के कतिपय सशस्त्र बलों को मदिरा लाइसेंस जारी करनें सम्बंधी प्रस्ताव अनुमोदित

मन्त्रिपरिषद ने सैनिक कैंटीन स्टोर डिपार्टमेंट तथा संघ के कतिपय सशस्त्र बलों को मदिरा लाइसेंस जारी करने सम्बंधी प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया है।

मन्त्रिपरिषद द्वारा लिये गये निर्णय के अनुसार आबकारी विभाग द्वारा पूर्व में जारी अधिसूचना दिनांक 29 मार्च, 2010 तथा 01 अप्रैल 2010 के स्थान पर दिनांक 1 जुलाई 2010 से प्रभावी मानी जायेगी। इसमें प्रतिबन्ध यह होगा कि किसी भी अनुज्ञाधारी द्वारा उक्त अधिसूचना के प्राविधानों के तहत दिनांक 01 जुलाई, 2010 से पूर्व जमा की गई लाइसेंस फीस की धनराशि न तो वापस होगी और न ही समायोजित की जायेगी।

ज्ञातव्य है कि सशस्त्र सुरक्षा बल के उच्चाधिकारियों द्वारा लगातार भारत-तिब्बत सीमा पुलिस की भान्ति सशस्त्र सुरक्षा बल के भी श्रेणीवार निर्धारित प्रतिफल फीस में 50 प्रतिशत की छूट पर विदेशी मदिरा उपलब्ध कराने का अनुरोध किया जा रहा था। इन उच्चाधिकारियों के अनुरोध को दृष्टिगत रखते हुए भारत-तिब्बत सीमा पुलिस की भान्ति सशस्त्र सुरक्षा बल को भी श्रेणीवार निर्धारित प्रतिफल फीस में 50 प्रतिशत की छूट पर विदेशी मदिरा की आपूर्ति हेतु थोक/फुटकर अनुज्ञापन प्रदान किये जाने सम्बंधी प्रस्ताव को मंजूरी आज मन्त्रिपरिषद द्वारा प्रदान कर दी गई हैै।

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सिविल संकर्म संविदाकारों एवं विद्युत संविदाकारों हेतु देय कर के विकल्प में एक मुश्त धनराशि प्राप्त करने के लिए लागू समाधान योजना में संशोधन सम्बंधी प्रस्ताव को मंजूरी

मन्त्रिपरिषद ने सिविल संकर्म संविदाकारों तथा विद्युत संविदाकारों के सम्बंध में देय कर के विकल्प में उ0प्र0 मूल्य संविर्धत कर अधिनिमय 2008 की धारा 6 की उपधारा (1) के अन्तर्गत देय कर के विकल्प में एक मुश्त धनराशि प्राप्त करने के लिए लागू समाधान योजना में संशोधन किये जाने सम्बंधी प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी है।

मन्त्रिपरिषद द्वारा लिये गये निर्णय के अनुसार शासनादेश दिनांक 9 जून, 2009 द्वारा सिविल संकर्म संविदाकारों तथा विद्युत संविदाकारों के लिए लागू समाधान योजना में इस सीमा तक संशोधन प्रस्तावित किया गया है कि जिन मामलों में संविदाकार द्वारा वित्तीय वर्ष में निष्पादित ठेके की कुल धनराशि के 5 प्रतिशत तक आयातित माल का प्रयोग किया गया हो, उसमें आंगणित धनराशि के 4 प्रतिशत की दर से एवं जिन मामलो में संविदाकार द्वारा वित्तीय वर्ष में निष्पादित ठेके के कुल धनराशि के 5 प्रतिशत से अधिक आयातित माल का प्रयोग किया गया हो, उसमें आंगठित धनराशि के 6 प्रतिशत की दर से समाधान राशि देय होगी।

उक्त संशोधन के सम्बंध में शासनादेश जारी होने की तिथि से पूर्व, व्यापारी द्वारा समाधान हेतु दिये गये प्रार्थना पत्रों के सम्बंध में सभी शर्ते पूर्ववत रहेंगी।

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25 लाख रुपये तक के स्टाक रखने वाले टेंट व्यवसाईयों द्वारा मूल्य संविर्धत कर के विकल्प में समाधान योजना लागू करने सम्बंधी प्रस्ताव मंजूर

मन्त्रिपरिषद ने 25 लाख रुपये तक के स्टाक रखने वाले टेन्ट व्यवसाइयों द्वारा टेन्ट, कनात, मेज, कुर्सी, कालीन, दरी, चादर, गद्दा रजाई, तकिया, बेड तथा सजावट के सामान के उपयोग के अधिकार के अन्तरण पर देय मूल्य संविर्धत कर के विकल्प में समाधान योजना लागू करने सम्बंधी प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी है। इस योजना से राज्य सरकार को एक करोड़ रुपये के अतिरिक्त राजस्व की प्राप्ति सम्भावित है।

मन्त्रिपरिषद द्वारा लिये गये निर्णय के अनुसार इस समाधान योजना में व्यवसाइयों द्वारा टेन्ट, कनात, मेज, कुर्सी, कालीन, दरी, चादर, गद्दा रजाई, तकिया, बेड तथा सजावट के सामान सम्मलित है। इन सभी वस्तुओं को स्टाक में शामिल करते हुए समाधान शुल्क की गणना की जायेगी। द्वितीय वर्ष 2007-08 की 3 माह की अवधि (1 जनवरी से 31 मार्च 2008 तक), 2008-09 या 2009-10 में यदि किसी व्यवसायी द्वारा समाधान राशि से अधिक की धनराशि नक्शा/रुपपत्र-24 के साथ स्वीकृत कर के रुप में जमा की गई है तो ऐसी अधिक धनराशि वापसी योग्य नहीं होगी। जिन मामलों में उपयुZक्त अवधि का एक पक्षीय रुप से कर निर्धारण नहीं करते हुए सुनवाई के उपरान्त कर निर्धारण कार्यवाही सम्पादित की गई हो, उसमें समाधान योजना की सुविधा अनुमन्य नहीं होगी।

मूल्य संविर्धत कर अधिनियम के अधीन देय कर के विकल्प में समाधान योजना के तहत विकल्प देने वाले टेन्ट व्यवसाइयों द्वारा आयुक्त व्यापार कर द्वारा इस योजना को निर्गत किये जाने की तिथि से 45 दिन के अन्दर निर्धारित प्रारुप मे विकल्प, प्रार्थना-पत्र एवं शपथ-पत्र निर्धारित समाधान राशि के जमा के ट्रेजरी चालान के साथ अपने कर निर्धारण अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत किया जायेगा। 45 दिन की अवधि समाप्त होने के बाद अगले 30 दिन की अवधि में 15 प्रतिशत वाषिZक ब्याज सहित समाधान राशि एवं विकल्प प्रार्थना पत्र/शपथ पत्र स्वीकार किया जायेगा। समाधान योजना अपनाने वाले व्यवसाइयों द्वारा कोई टैक्स, इनवाईस, सेल इनवाईस जारी नहीं किया जायेगा तथा ऐसे व्यवसाइयों को किसी प्रकार की आईटीसी की सुविधा अनुमन्य नहीं होगी।

यह योजना केवल टेन्ट व्यवसाईयों द्वारा टेन्ट, कनात, मेज, कुर्सी, कालीन, दरी, चादर, गद्दा रजाई, तकिया, बेड तथा सजावट के सामान के उपयोग करने के अधिकार के अन्तरण पर देय मूल्य संविर्धत कर के विकल्प के लिए ही अनुमन्य होगी। यदि किसी टेन्ट व्यवसायी द्वारा इन वस्तुओं की खरीद अथवा बिक्री की जाती है अथवा अन्य वस्तुओं की खरीद या बिक्री की जाती है, तो ऐसी खरीद अथवा बिक्री पर नियमानुसार उ0प्र0 मूल्य संविर्धत कर अधिनियम के अन्तर्गत कर का दायित्व होगा।

समाधान योजना के प्रार्थना पत्र एवं शपथ पत्र का प्रारुप कमिश्नर वाणिज्य कर द्वारा निर्धारित किया जायेगा। समाधान योजना अपनाने वाले व्यापारियों द्वारा प्रत्येक वित्तीय वर्ष के लिए समाधान योजना प्रारम्भ की प्रथम तिथि को अपना स्टाक समाधान योजना के प्रार्थना पत्र के साथ घोषित किया जायेगा। समाधान योजना के प्रार्थना पत्र एवं शपथ पत्र में अंकित तथ्यों के सम्बंध में वाणिज्य कर विभाग के अधिकारी जांच करने के लिए स्वतन्त्र होगें। जांच के समय टेन्ट व्यवसाईयों एवं उनके किसी प्रतिनिधि अथवा किसी कर्मचारी द्वारा जांच कार्य में किसी प्रकार का व्यवधान उत्पन्न नहीं किया जायेगा एवं जांच में पूर्ण सहयोग दिया जायेगा। जांच में व्यवधान उत्पन्न करने अथवा असहयोग करने की दशा में प्रार्थना-पत्र एवं शपथ पत्र में अंकित तथ्यों की विश्वसनीयता सन्दिग्ध मानते हुए कर निर्धारण अधिकारी द्वारा प्रार्थना पत्र अस्वीकार किया जा सकता है तथा उ0प्र0 मूल्य संविर्धत कर अधिनियम के तहत अन्य विधिक कार्यवाही की जा सकती है।

जो व्यापारी समाधान योजना एक बार अपना लेगें, उन्हें इस बात की अनुमति नहीं होगी कि वह समाधान योजना का विकल्प वापस ले लें। जो व्यापारी एक से अधिक जनपदों में काम करते हैं, वह अपने मुख्यालय की घोषणा सम्बंधित मुख्यालय के कर निर्धारक अधिकारी को देंगे तथा अन्य जिलों के ऐसे वाणिज्य कर अधिकारियों जिनके क्षेत्र में उनका उप-व्यापार स्थल स्थित है, को भी सूचित करेगें। जिन व्यापारियों का मुख्यालय उ0प्र0 अथवा देश के बाहर हो तथा उनके द्वारा प्रदेश के अन्दर भी विभिन्न जिलों में कार्य किया जाता है, तो ऐसे व्यापारी प्रदेश के अन्दर किसी एक कार्यस्थल को अपना प्रदेशीय मुख्यालय घोषित करेंगे।

समाधान राशि, उस पर देय ब्याज तथा अर्थदण्ड की वसूली उ0प्र0 मूल्य संविर्धत कर अधिनियम 2008 के प्राविधानों के अन्तर्गत भू-राजस्व की बकाया के रुप में की जायेगी। विवादित बिन्दुओं पर कमिश्नर, वाणिज्य कर का निर्णय अन्तिम होगा। शासन द्वारा वर्ष के दौरान समाधान योजना कभी भी पुनरीक्षित की जा सकती है या वापस ली जा सकती है। ऐसी दशा में समानुपातिक रुप से समाधान राशि देय होगी।

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उ0प्र0 राज्य सीमेंट निगम लि0 के छंटनीशुदा कार्मिकों को मा0 उच्चतम न्यायालय के आदेशों/संवीक्षण के अनुक्रम में सुविधायें प्रदान करने का निर्णय

मन्त्रिपरिषद ने उ0प्र0 राज्य सीमेंट निगम लि0 (परिसमापनाधीन) के छंटनीशुदा कार्मिकों को मा0 उच्चतम न्यायालय के आदेशों/संवीक्षण के अनुक्रम में सुविधायें प्रदान करने का निर्णय लिया है।

मन्त्रिपरिषद के निर्णय के अनुसार मा0 उच्चतम न्यायालय के आदेश 31 जनवरी, 2008 से आच्छादित सभी याचीगण एवं कार्मिको को उ0प्र0 राज्य सीमेंट निगम से छंटनी की तिथि से ही राजकीय सेवा में समायोजित माना जायेगा। इन कार्मिको को छंटनी के दिनांक से एडेड इंक्रीमेंट तथा उक्त तिथि से एरियर भी अनुमन्य होगा।

अवमानना याचीगण एवं मा0 उच्चतम न्यायालय के आदेश दिनांक 31 जनवरी, 2008 से आच्छादित कार्मिकों को उनके द्वारा पूर्व में उ0प्र0 राज्य सीमेंट निगम में गई सेवा का लाभ पेंशनरी लाभों के प्रयोजनार्थ आंगणित नही की जायेगी।

सालिड वेस्ट मैनेजमेंट परियोजना के लिए कृषि विभाग की 19 हे. भूमि नगर विकास विभाग को नि:शुल्क हस्तान्तरित करने का निर्णय

मन्त्रिपरिषद ने सालिड वेस्ट मैनेजमेंट परियोजना के अन्तर्गत लैण्ड फिल साइट हेतु कृषि विभाग की भूमि नगर विकास विभाग को नि:शुल्क हस्तान्तरित करने का निर्णय लिया है।

मन्त्रिपरिषद द्वारा लिए गये निर्णय के अनुसार जनपद लखनऊ स्थित ग्राम सभा शिवरी में 44.929 हेक्टेयर भूमि सचिव, कृषि विभाग उ0प्र0 लखनऊ ऊसर सुधार के नाम दर्ज है, जिसमें से 19 हेक्टेयर भूमि को सालिड वेस्ट मैनेजमेंट परियोजना के क्रियान्वयन हेतु नगर विकास विभाग को नि:शुल्क प्रदान की जायेगी।

ज्ञातव्य है कि नगर विकास विभाग द्वारा सालिड वेस्ट मैनेजमेंट परियोजना के क्रियान्वयन हेतु प्रथम चरण (प्रथम 3 वषोंZ के लिए) के लिए आवश्यक 19 हेक्टेयर भूमि तत्काल उपलब्ध कराने का अनुरोध शासन से किया गया है।

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उ0प्र0 सहकारी ग्राम विकास बैंंक लि0 लखनऊ द्वारा ऋणपत्रों के निर्गमन हेतु शासन द्वारा नाबार्ड के पक्ष में 3400 करोड़ रुपये की शासकीय गारण्टी मंजूर

मन्त्रिपरिषद ने उत्तर प्रदेश सहकारी ग्राम विकास बैंक लिमिटेड लखनऊ द्वारा ऋणपत्रों के निर्गमन हेतु शासन द्वारा नाबार्ड के पक्ष में वर्ष 2010-11 के लिए 3400 करोड़ रुपये की शासकीय गारण्टी स्वीकृत करने सम्बंधी प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी है।

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मन्त्रिपरिषद द्वारा उ0प्र0 सहकारी समिति अधिनियम में संशोधन हेतु अध्यादेश जारी करने तथा यथासमय इसका प्रतिस्थानी विधेयक लाने हेतु अधिसूचना सम्बंधी प्रस्ताव अनुमोदित

मन्त्रिपरिषद ने उ0प्र0 सहकारी समिति अधिनियम 1965 की धारा 29क, 64, 31-क एवं धारा 104 में संशोधन किये जाने हेतु अध्यादेश जारी किये जाने तथा यथासमय इसका प्रतिस्थानी विधेयक लाये जाने हेतु अधिसूचना सम्बंधी प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया है।

मन्त्रिपरिषद द्वारा लिये गये निर्णय के अनुसार इस अधिसूचना में उ0प्र0 सहकारी समिति अधिनियम 1965 की धारा 29(क), जिसमें प्रारिम्भक कृषि ऋण सहकारी समितियों, केन्द्रीय बैकों एवं शीर्ष बैक के प्रबन्ध कमेटी के शक्तियों तथा कर्तव्यों का प्राविधान है, में उपखण्ड-सोलह-क जोड़ते हुए प्रबन्ध कमेटी द्वारा आन्तरिक नियन्त्रण व्यवस्था निर्धारित करने, अंकेक्षकों को नियुक्त करने तथा अंकेक्षण की प्रतिपूर्ति करने का प्राविधान होगा। इसी प्रकार उक्त अधिनियम की धारा 31-क में खण्ड ग्यारह को संशोधित करते हुए यह प्राविधान होगा कि प्रबन्ध निदेशक, प्रबन्ध समिति द्वारा बनाये गये विनियमों के अधीन रहते हुए, निर्माण कार्य के दौरान 10 लाख रुपये तक की प्रत्येक और उसके पश्चात 5 लाख रुपये तक की प्रत्येक संविदा को स्वीकृत करेगें।

उक्त अधिनियम के धारा-64 में उप धारा (1) में उपलब्ध प्रतिबन्धात्मक खण्ड को संशोधित करते हुए यह प्राविधान किया जायेगा कि सहकारी बैंको के खातो की लेखा परीक्षा राष्ट्रीय बैंक द्वारा अनुमोदित पैनल के चार्टर्ड एकाउटेंट द्वारा की जायेगी। इसी अधिनियम की धारा-104 में संशोधन करते हुए धारा-8 की उपधारा-2 या धारा 106 के उपबन्धों का उल्लंघन करने पर अर्थदण्ड की राशि को बढ़ाये जाने का प्राविधान होगा।

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औद्योगिक विकास प्राधिकरण द्वारा निष्पादित होने वाले एग्रीमेंट विलेखों पर स्टाम्प शुल्क छूट अनुमन्य करने का निर्णय

मन्त्रिपरिषद ने औद्योगिक विकास प्राधिकरण द्वारा निष्पादित होने वाले एग्रीमेंट विलेखों पर स्टाम्प शुल्क छूट अनुमन्य करने का निर्णय लिया है।

मन्त्रिपरिषद द्वारा लिये गये निर्णय के अनुसार औद्योगिक विकास प्राधिकरणों द्वारा निष्पादित ऐसे इकरारनामे, जिनके अनुसार द्वितीय पक्ष को देय भूमि का कब्जा नहीं मिल पाया है और कब्जा दिया जाना सम्भव नहीं है, जिसमें द्वितीय पक्ष की कोई त्रुटि भी नहीं है तथा द्वितीय पक्ष इकरारनामे के आधार पर भूमि पर अपने अधिकार का दावा प्राधिकरण के पक्ष में छोड देता है, तो ऐसे विलेखों के सम्बंध में भारतीय स्टाम्प अधिनियम की धारा-9 के अन्तर्गत स्टाम्प शुल्क अथवा परिणामी दण्ड तथा ब्याज से छूट प्रदान की जायेगी। ऐसे किसी विलेख पर सन्दत्त स्टाम्प शुल्क वापस नहीं किया जायेगा।

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बरगढ़ में 660 मेगावाट की तीन परियोजनाओं हेतु समझौता ज्ञापन करने का निर्णय

राज्य सरकार ने ऊर्जा नीति-2009 के प्राविधानों के अन्तर्गत एम0ओ0यू0 रूट के माध्यम से बरगढ़ में 660 मेगावाट की तीन परियोजनाओं हेतु समझौता ज्ञापन करने का निर्णय लिया है। इस आशय के प्रस्ताव को उत्तर प्रदेश की माननीया मुख्यमन्त्री सुश्री मायावती जी की अध्यक्षता में आज सम्पन्न हुई मन्त्रिपरिषद की बैठक में अनुमोदित किया गया।

मन्त्रिपरिषद के निर्णय के अनुसार ऊर्जा नीति के प्राविधानों के अनुसार बरगढ़ तापीय परियोजना से शत-प्रतिशत विक्रय योग्य ऊर्जा नियामक आयोग द्वारा निर्धारित की जाने वाली दरों को क्रय करने के प्राविधान के साथ मेसर्स बजाज हिन्दुस्तान लिमिटेड के कन्सोर्टियम से समझौता ज्ञापन इस प्रतिबन्ध के साथ किया जायेगा कि वे पानी की सीमित उपलब्धता को ध्यान में रखते हुए परियोजना में एयर कूलिंग सिस्टम का प्रयोग करेंगे।

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ईंंट भट्‌ठा सीजन वर्ष 2010-2011 में एक मुश्त धनराशि लिये जाने संबंधी समाधान योजना कतिपय शर्तो के साथ लागू करने का निर्णय

मंत्रिपरिषद ने ईंट भट्‌ठा सीजन वर्ष 2010-2011 में दिनांक 1 अक्टूबर 2010 से 30 सितम्बर, 2011 तक की अवधि हेतु उ0प्र0 मूल्य संवर्धित कर अधिनियम 2008 के अन्तर्गत ईंट निर्माता व्यापारियों द्वारा निर्मित ईंटो, ईंट भट्‌ठों में निर्मित टाइल्स, ईंट के रोड़ों तथा राबिस की बिक्री पर और ईंटो के निर्माण में प्रयुक्त कोयला, बालू तथा लकड़ी के बुरादे की खरीद पर इस अधिनियम के अधीन देय कर तथा उ0प्र0 स्थानीय क्षेत्र में माल के प्रवेश पर कर अधिनियम 2007 के अधीन कोयले पर देय प्रवेश कर के विकल्प में एक मुश्त धनराशि लिये जाने संबंधी समाधान योजना कतिपय शर्तो के साथ लागू करने का निर्णय लिया है।

मंत्रिपरिषद द्वारा लिये गये निर्णय के अनुसार सीजन वर्ष 2010-11 1 अक्टूबर 2010 से 30 सितम्बर, 2011 तक की अवधि के लिए समाधान राशि सीजन वर्ष 2009-2010 की अवधि में लिये गये विभिन्न पायों के भट्‌ठो के लिए निर्धारित समाधान राशि के बराबर निर्धारित की जायेगी। कतिपय ईंट भट्‌ठो में फुंकाई शीघ्र पूरी करने के उद्देश्य से हाई डाट तकनीक वाले भट्‌ठों के लिए समाधान राशि नॅान हाई डाट भट्‌ठो के लिए निर्धारित समाधान राशि से 10 प्रतिशत अधिक होगी। कोयले की खरीद पर देय प्रवेश कर के विकल्प के रुप में समाधान राशि निर्धारित समाधान राशि का 10 प्रतिशत अतिरिक्त देय होगी तथा कोयले पर प्रवेश कर के विकल्प के रुप में समाधान योजना अपनाने के लिए तदनुसार समाधान राशि जमा करनी होगी।

सीजन वर्ष 2010-11 के प्रारम्भ अर्थात दिनांक दिनांक 1 अक्टूबर 2010 से पूर्व स्थापित एवं विभाग में पंजीकृत ईंट भट्‌ठों की ओर से कम से कम 320 करोड़ रुपये की धनराशि जमा की जायेगी। समाधान योजना के कमिश्नर वाणिज्य कर उ0प्र0 द्वारा परिपत्रित करने के 20 दिन के अन्दर ईंट भट्‌ठा व्यवसाइयों द्वारा समाधान योजना हेतु विकल्प का प्रार्थना पत्र निर्धारित समाधान धनराशि के जमा प्रमाण-पत्र के साथ संबंधित कर निर्धारण अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत किया जायेगा।

समाधान योजना अपनाने वाले ईंट भट्‌ठा व्यापारियों को आई0टी0सी0 का लाभ अनुमन्य नहीं होगा। व्यापारियों द्वारा समाधान की अवधि में न तो कोई कर वसूल किया जायेगा और न ही कोई इनवाईस जारी की जायेगी। आई0टी0सी अनुमन्य नहीं होने के कारण यदि कोई मांग सृजित होती है, तो उसे माफ करने का अधिकार संबंधित कर निर्धारण अधिकारी को होगा। व्यापारी जिस भट्‌ठे के लिए समाधान योजना का विकल्प चुनता है, समाधान योजना केवल उसी भट्‌ठे के लिए लागू मांगी जायेगी। व्यापारी यदि उससे भिन्न किसी भट्‌ठे से भी निर्मित किसी माल की बिक्री करते हैं या अन्य प्रकार के क्रय-विक्रय के कार्य करते है तो अन्य भट्‌ठे पर निर्मित माल अथवा अन्य प्रकार के क्रय-विक्रय पर देय कर इस समाधान योजना से आच्छादित नहीं होगा।

यदि किसी ईंंट निर्माता द्वारा गत सीजन वर्षों में समाधान योजना अपनायी गयी थी, परन्तु समाधान राशि की सभी किश्तें जमा नहीं की गयी है, तो उक्त बकाया समाधान राशि ब्याज सहित जमा करने के प्रमाण पत्र के साथ ही इस सीजन वर्ष के लिए दिये गये समाधान प्रार्थना पत्र को समाधान राशि के साथ जमा करने पर स्वीकार किया जायेगा, अन्यथा समाधान योजना का लाभ अनुमन्य नहीं होगा। केवल पंजीकृत व्यापारी तथा ऐसे व्यापारी, जिन्होंने पंजीयन प्रार्थना पत्र प्रस्तुत कर दिया और वह अस्वीकृत नहीं हुआ है, इस योजना के पात्र होंगे। योजना में भाग लेने वाले व्यापारियों द्वारा निर्मित माल की बिक्री पर उ0प्र0 मूल्य संवर्धित कर अधिनियम 2008 के अन्य किसी प्राविधान की कोई भी अन्य रियायत अनुमन्य नहीं होगी। सीजन वर्ष के दौरान नये खुदे हुये ईंट भट्‌ठे में फुंकाई आरम्भ होने की तिथि से 30 दिन के अन्दर समाधान योजना हेतु प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया जायेगा।

यदि सीजन वर्ष के दौरान 31 मार्च तक फुंकाई आरम्भ कर दी जाती है, तो पूरे सीजन वर्ष के लिए नियत समाधान राशि देय होगी। यदि नये खुदे भट्‌ठे में फुंकाई 31 मार्च के बाद की जाती है तो समाधान राशि पूरे सीजन वर्ष के लिए नियत समाधान राशि के 75 प्रतिशत के बराबर देय होगी। यदि ईंट भट्‌ठा सीजन वर्ष 2010-11 के पूर्व स्थापित एवं विभाग में पंजीकृत भट्‌ठों से 320 करोड़ रुपये से कम धनराशि के लिए समाधान के विकल्प प्रार्थना पत्र प्राप्त होते हैं तो, समाधान योजना अपनाने वाले ऐसे भट्‌ठों द्वारा अवशेष राशि के समानुपातिक रुप से इसकी क्षतिपूर्ति की जायेगी। आयुक्त वाणिज्य कर द्वारा आगामी किश्तों का निर्धारण फरवरी, 2011 के बाद अनुपातिक रुप से किया जायेगा अथवा समाधान योजना अस्वीकार करनें पर भी शासन विचार कर सकता है।

यदि सीजन वर्ष के पूर्व स्थापित एवं पंजीकृत ईंट भट्‌ठों से 31 मई 2011 तक 320 करोड़ रुपये से अधिक समाधान राशि सीजन वर्ष 2010-11 के लिए प्राप्त होती है, तो अधिक प्राप्त धनराशि का 50 प्रतिशत समानुपातिक रुप से समाधान योजना स्वीकार करनें वाले ईंट निर्माताओं को अगले वर्ष देय होने वाले समाधान धनराशि में अन्तिम किश्त में समायोजित की जायेगी। जिन भट्‌ठों के बारे में अगले सीजन वर्ष में समाधान योजना नही अपनाई जायेगी, उन्हें यह समायोजन अनुमन्य नहीं होगा।

सीजन वर्ष 2009-10 के पूर्व स्थापित एवं विभाग में पंजीकृत ईंट भट्‌ठों द्वारा सीजन वर्ष 2009-10 के लिए 31 दिसम्बर, 2010 तक जमा समाधान राशि 252 करोड़ रुपये से जितनी अधिक होगी, उसका 50 प्रतिशत धनराशि समानुपातिक रुप से सीजन वर्ष 2010-11 की समाधान योजना की अन्तिम किश्त में समायोजित की जायेगी। यदि ऐसे व्यापारी द्वारा ऐसे ईंट भट्‌ठे के लिए सीजन वर्ष 2010-11 में समाधान योजना स्वीकार की गयी है।

प्रार्थना पत्र तथा शपथ पत्र आदि में अंकित तथ्यों के संबंध मेंं वाणिज्य कर विभाग के अधिकारी ईंट भट्‌ठों आदि की जांच करने के लिए स्वतंत्र होंगे। ऐसी जांच के समय ईंट निर्माता, व्यापारी अथवा उनके कोई कर्मचारी या प्रतिनिधि जांच कार्य में किसी प्रकार का व्यवधान उत्पन्न नहीं करेंगे और जांच में पूरा सहयोग देंगे। व्यवधान उत्पन्न होने अथवा असहयोग करने की स्थित में प्रार्थना पत्र तथा शपथ पत्र में अंकित तथ्यों के बारे में विपरीत निष्कर्ष निकाला जायेगा। साथ ही यदि कर निर्धारण अधिकारी द्वारा ऐसा उचित समझा जाय, जो प्रार्थना पत्र अस्वीकार किया जा सकता है तथा उ0प्र0 मूल्य संवर्धित कर अधिनियम के अन्तर्गत अन्य विधिक कार्यवाही भी की जा सकती है। समाधान प्रार्थना पत्र, शपथ पत्र/अनुबन्ध पत्र का प्रारुप कमिश्नर, वाणिज्य कर द्वारा निर्धारित किया जायेगा। विवादित बिन्दु पर कमिश्नर, वाणिज्य कर, उ0प्र0 का निर्णय अन्तिम होगा।

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खादी वस्त्रों पर 10 प्रतिशत की विशेष छूट

उत्तर प्रदेश की माननीया मुख्यमंत्री सुश्री मायावती जी की अध्यक्षता में आज यहां सम्पन्न हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में वर्ष 2010-11 में गांधी जयंती के अवसर पर खादी वस्त्रों की फुटकर बीि पर 10 प्रतिशत की विशेष छूट प्रदान करने का निर्णय लिया गया।

मंत्रिपरिषद द्वारा लिए गए निर्णय के अनुसार सूती, रेशमी व पॉली खादी वस्त्रों की बीि पर 03 अक्टूबर, 2010 से 60 कार्य दिवसों के लिए छूट अनुमन्य रहेगी। नी कम्बल, कम्बली सहित की बीि पर भी 01 नवम्बर 2010 से 60 कार्य दिवसों के लिए विशेष छूट अनुमन्य होगी।

उल्लेखनीय है कि प्रदेश में खादी की कुल 617 मान्यता प्राप्त संस्थाएं खादी के उत्पादन एवं बीि में लगी हुई हैं। वित्तीय वर्ष 2009-10 में इन्हीं संस्थाओं द्वारा 198 करोड़ रूपये का उत्पादन एवं 223 करोड़ रूपये की बीि की गयी, जिससे लगभग 8-93 लाख कत्तिन/बुनकर एवं अन्य व्यक्तियों को रोजगार के अवसर उपलब्ध हुए।

खादी उत्पादन व विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से प्रतिवर्ष राज्य सरकार द्वारा गांधी जयंती के अवसर पर निर्धारित अवधि में की जाने वाली खादी वस्त्रों की फुटकर बीि पर 10 प्रतिशत की विशेष छूट प्रदान की जाती रही है। वर्ष 2009-10 में भी राज्य सरकार द्वारा गांधी जयंती के अवसर पर सूती, रेशमी, पाली खादी एवं नी खादी कम्बल, कम्बली पर 10 प्रतिशत की विशेष छूट प्रदान की गयी है।
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सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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