मुख्यमंत्री सुश्री मायावती की अध्यक्षता में आज यहां सम्पन्न मंत्रिपरािद की बैठक में वर्तमान पेराई सत्र 2010-11 के लिए उ0प्र0 सहकारी चीनी मिल्स संघ लि0 सहित 23 चीनी मिलों हेतु 1414-17 करोड़ रूपये की नगद साख-सीमा कौ ेडिट लिमिट के विरूद्ध ाासकीय गारन्टी प्रदान करने तथा उक्त ाासकीय गारन्टी पर देय गारन्टी ाुल्क को माफ करने का निर्णय लिया गया है।
उल्लेखनीय है कि ऋणात्मक नेटवर्थ वाली चीनी मिलों द्वारा बैंको/वित्तीय संस्थाओं से ली जाने वाली कौ ेडिट लिमिट के संबंध में भारतीय रिजर्व बैंक/नाबार्ड द्वारा जारी दााि निर्देााें के अन्तर्गत ाासकीय गारन्टी दिया जाना आवयक है।
गौरतलब है कि विगत र्वा में ाासन द्वारा उ0प्र0 सहकारी चीनी मिल्स संघ की चीनी मिलों हेतु गत र्वााें भी ाासकीय गारन्टी दी जाती रही है। बैंको द्वारा चीनी बंधक रखने के उपरान्त ही ऋण दिया जाता है। इस कारण अभी तक कोई भी डिफाल्ट नहीं हुआ है और न ही ाासकीय गारन्टी कभी इन्वोक हुई है। वर्तमान पेराई सत्र में उ0प्र0 सहकारी चीनी मिल संघ एवं उसके द्वारा संचालित 22 चीनी मिलों अर्थात् कुल 23 इकाईयों में पेराई कार्य के संचालन हेतु कार्याील पूॅजी की आवयकता है। मिलों द्वारा पेराई के पचात् उत्पादित चीनी की बीि, भारत सरकार द्वारा जारी ी-सेल लेवी कोटा के मासिक रिलीज आदेााें के अन्तर्गत लगभग 12 से 15 माह की अवधि में हो पाती है। इसलिए गन्ना कृृाकों को उनके द्वारा आपूर्ति किये गए गन्ने के मूल्य के भुगतान एवं अन्य संचालन व्ययों के लिए मिलों को उनके द्वारा उत्पादित चीनी को बंधक रखकर बैंको द्वारा कौ ेडिट लिमिट के अन्तर्गत धनराा उपलब्ध करायी जाती है। जैसे-जैसे चीनी की बीि होती है, साख-सीमा के विरूद्ध आहरित धनराा की ब्याज सहित प्रतिपूर्ति होती जाती है। राज्य सरकार के इस निर्णय से इन चीनी मिलों को किसानों के भुगतान एवं अन्य कार्यों हेतु धन की समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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