Categorized | लखनऊ.

संशोधित राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना पाइलेट आधार पर रबी 2010-11 से बुलन्दशहर, ललितपुर, उन्नाव व वाराणसी में लागू

Posted on 30 December 2010 by admin

राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना के लिए लगभग 600 लाख रूपये का प्राविधान
प्रदेश के लाखों किसान लाभािन्वत होंगे

राज्य सरकार ने संशोधित राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना को प्रदेश में पाइलेट के आधार पर रबी 2010-11 में बुलन्दशहर, ललितपुर, उन्नाव व वाराणसी में चलाये जाने का निर्णय लिया है। इस पर लगभग 600 लाख रूपये का व्यय अनुमानित है, जो राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना के अन्तर्गत आय-व्ययक 2010-11 में प्राविधानित धनराशि से वहन किया जायेगा। इस आशय के प्रस्ताव को आज यहां उत्तर प्रदेश की माननीया मुख्यमन्त्री सुश्री मायावती जी की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई मन्त्रिपरिषद की बैठक में अनुमोदित कर दिया।

कृृषि उत्पादन आयुक्त, उत्तर प्रदेश शासन की अध्यक्षता में राज्य स्तर पर गठित राज्य स्तरीय समन्वय समिति द्वारा लिए गए निर्णय के अनुरूप संशोधित राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना को भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार पाइलेट आधार पर लागू किया जायेगा।

संशोधित राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना व्यापक आपदा की स्थिति में क्षेत्रीय स्तर पर तथा स्थानिक आपदा यथा ओला व भूस्ख्लन की स्थिति में व्यक्तिगत आधार पर लागू की जायेगी। इस योजना में सम्मिलित फसलों को ग्राम पंचायत स्तर पर अधिसूचित किया जायेगा। रबी 2010-11 में योजना के तहत जनपद बुलन्दशहर में गेहूं एवं आलू, जनपद उन्नाव में गेहूं, लाही-सरसों व आलू, जनपद ललितपुर में गेहूं, चना व मटर तथा जनपद वाराणसी में गेहूं फसल को अधिसूचित किया जायेगा। यह योजना चयनित जनपदों में सभी किसानों के लिए लागू की जायेगी। ऋणी कृषकों के लिए यह योजना अनिवार्य रूप से एवं गैर-ऋणी कृषकों के लिए स्वैच्छिक आधार पर लागू की जायेगी।

योजना में ऋणी कृषक सम्बन्धित बैंकों एवं अन्य सभी कृषक बैंकों/बीमा कम्पनी के बीमा मध्यस्थ अथवा एजेण्ट/कृषक द्वारा सीधे बीमा कम्पनी के माध्यम से सम्मिलित हो सकेगें। ऋणी एवं गैर ऋणी कृषकों के बीमा कराने की तिथि समान रखी गई है। खरीफ मौसम में 30 जून एवं रबी मौसम में 31 दिसम्बर तक फसल का बीमा कराया जा सकता है। प्रदेश स्तर पर गठित राज्य स्तरीय समन्वय समिति द्वारा बीमा कराने की तिथि, बैंक द्वारा घोषणा पत्र तथा प्रीमियम की समेकित धनराशि को बीमा कम्पनी को उपलब्ध कराने आदि की तिथि प्रदेश की मौसमीय परिस्थिति के आधार पर निर्धारित की जायेगी।

योजना के अन्तर्गत फसल बीमा के लिए प्रस्तावित प्रीमियम की धनराशि देय होगी। कृषकों द्वारा योजना के प्राविधानों के अनुसार निर्धारित प्रीमियम की धनराशि का भुगतान किया जायेगा। वास्तविक प्रीमियम की धनराशि में से कृषक द्वारा भुगतान की गई धनराशि को घटाने के उपरान्त अवशेष प्रीमियम की धनराशि को राज्य एवं केन्द्र सरकार द्वारा अनुदान के रूप में बराबर-बराबर वहन किया जायेगा। योजना का क्रियान्वयन एग्रीकल्चर इंश्योरेन्स कम्पनी ऑफ इण्डिया लिमिटेड द्वारा कराया जायेगा। योजना के अन्तर्गत फसल के लिए खेत की तैयारी, फसल की बुआई से लेकर फसल की कटाई तक की अवधि का बीमा कवर प्रदान किया जायेगा।

योजना के तहत प्रतिकूल मौसमी परिस्थितियों में यदि बीमा इकाई क्षेत्र स्तर पर फसल विशेष की सम्भावित उपज सामान्य उपज के 50 प्रतिशत से कम होने की स्थिति में बीमित कृषकों को सम्भावित क्षतिपूर्ति के अधिकतम 25 प्रतिशत तक क्षतिपूर्ति के रूप में अिग्रम भुगतान किया जायेगा, जिसे मौसम के अन्त में फसल पर कराये गये क्राप-कटिंग प्रयोगों के आधार पर आकलित क्षतिपूर्ति की धनराशि से समायोजित किया जायेगा।

कम या अधिक वषाZ या अन्य प्रतिकूल मौसमीय परिस्थितियों के कारण यदि बीमा इकाई क्षेत्र के 75 प्रतिशत कृषक अधिसूचित फसल की बुआई नहीं कर पाते हैं या असफल बुआई करते हैं, ऐसी स्थिति में बीमा कम्पनी द्वारा बीमित राशि के अधिकतम 25 प्रतिशत की धनराशि क्षतिपूर्ति के रूप में किसानों को दी जायेगी। बुआई न कर सकने अथवा असफल बुआई की स्थिति में क्षतिपूर्ति देय होने पर किसानों को आगे कोई क्षतिपूर्ति देय नहीं होगी एवं उसका बीमा कवरेज स्वत: समाप्त माना जायेगा।

स्थानीय आपदाओं या ओला एवं भूस्ख्लन की स्थिति में क्षति का अंाकलन बीमा कम्पनी द्वारा व्यक्तिगत स्तर पर किया जायेगा। क्षति के निर्धारण में आपदा की स्थिति तक उत्पादन लागत एवं उपज में सम्भावित कमी के आधार पर आंकलन किया जायेगा। मौसम के अन्त में क्राप-कटिंग प्रयोगों से प्राप्त उपज के आधार पर ग्राम पंचायत में फसल विशेष की वास्तविक उपज निर्धारित थ्रेशोल्ड उपज से कम होने पर सम्बन्धित किसानों को मात्र क्षतिपूर्ति के अन्तर की धनराशि का भुगतान किया जायेगा।

बीमा इकाई क्षेत्र में अधिसूचित फसल बुआई के उपरान्त प्रारिम्भक अवस्था से मध्य अवस्था तक पूर्णतया अथवा लगभग पूर्ण रूप से नष्ट होने की स्थिति में उस बीमा इकाई क्षेत्र के बीमित कृषकों को देय क्षतिपूर्ति का प्राथमिकता पर भुगतान बीमा कम्पनी द्वारा जारी कर दिया जायेगा। बीमा कम्पनी द्वारा देय क्षतिपूर्ति का आंकलन आपदा की स्थिति तक उत्पादन लागत में किए गए व्यय के आधार पर प्रदेश सरकार की सहमति से जारी स्लैब के आधार पर किया जायेगा। मौसम विशेष में सम्बन्धित जनपद के जिलाधिकारी द्वारा प्रभावित बीमा इकाई क्षेत्र को चििन्हत किया जायेगा, जिसमें बीमित फसल पूर्ण रूप से अथवा लगभग पूर्ण रूप से नष्ट हो गई है।

उल्लेखनीय है कि प्राकृतिक आपदाओं, रोगों एवं कीड़ों से फसल की बुआई न कर सकने, असफल बुआई एवं फसल नष्ट होने की स्थिति में कृषकों को बीमा कवर के रूप में वित्तीय सहायता प्रदान करने एवं आपदा वषाZें में कृषि आय को स्थिर रखने के लिए भारत सरकार द्वारा रबी 2010-11 में देश के कुल 50 जनपदों में संशोधित राष्ट्रीय कृृषि बीमा योजना को पाइलेट आधार पर लागू किए जाने का निर्णय लिया गया है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

Leave a Reply

You must be logged in to post a comment.

Advertise Here

Advertise Here

 

May 2024
M T W T F S S
« Sep    
 12345
6789101112
13141516171819
20212223242526
2728293031  
-->









 Type in