मुख्य सचिव अतुल कुमार गुप्ता ने समस्त जिलाधिकारियों को आश्रयहीन व्यक्तियों को रात में ठहरने तथा अन्य व्यवस्थायें सुनििश्चत करने के विस्तृत दिशा निर्देश दिये हैं।
इस सम्बंध में प्रमुख सचिव राजस्व एवं राहत आयुक्त श्री के0के0 सिन्हा ने विस्तृत जानकारी देते हुये बताया कि जारी शासनादेश में कहा गया है कि जिलाधिकारियों द्वारा प्रत्येक ग्राम पंचायत के प्रधान तथा पंचायत के सचिव के रूप मेें तैनात ग्राम पंचायत अधिकारी को यह उत्तरदायित्व सौंपा जाये कि वे, विशेशकर शीतकाल में, ग्राम पंचायत के किसी आश्रयहीन व्यक्ति की जानकारी होने पर इसकी सूचना तत्काल सम्बंधित खण्ड विकास अधिकारी कार्यालय/ तहसील कार्यालय को उपलब्ध करायें। खण्ड विकास अधिकारी कार्यालय में सूचना प्राप्त होने पर सम्बंधित खण्ड विकास अधिकारी का यह उत्तरदायित्व होगा कि वह इसकी सूचना तत्काल उपजिलाधिकारी/तहसीलदार को भ्ोंजे। ग्राम प्रधान व ग्राम पंचायत अधिकारी का उत्तरदायित्व मात्र सूचना देना ही नहीं होगा अपितु वह मामले का अनुश्रवण कर सम्बंधित आश्रयहीन व्यक्ति को अविलम्ब आवश्यक सहायता भी उपलब्ध कराना सुनििश्चत करेंगे ताकि आवश्यक आश्रय के अभाव में कोई जनहानि न हो। ऐसी सहायता पहंुचने तक तात्कालिक व्यवस्था के रूप में ग्राम प्रधान अथवा ग्राम पंचायत अधिकारी यह सुनििश्चत करेंगे कि ग्राम पंचायत में स्थित सार्वजनिक भवन यथा विद्यालय, ऑगनबाड़ी केन्द्र, ए0एन0एम0 सेन्टर, पंचायत भवन खुलवा कर उसमें आश्रयहीन व्यक्तियों को रात में ठहरने के लिये उपलब्ध करा दिया जाय तथा यह भी सुनििश्चत किया जाये कि इन स्थानों पर इस हेतु मूलभूत सुविधायें अवश्य ही उपलब्ध हों। उप जिलाधिकारी एवं खण्ड विकास अधिकारी को सूचना प्राप्त होने पर उनका यह उत्तरदायित्व होगा कि ऐसे आश्रयहीन व्यक्तियों को वे सभी मूलभूत सुविधायें जनपद में उपलब्ध विभिन्न विभागों के माध्यम से मिल जायें जिसकी व्यवस्था राज्य सरकार द्वारा की गई है।
आश्रयहीन व्यक्तियों को शेल्टर होम उपलब्ध कराने हेतु की जा रही कार्यवाही का नियमित रूप से स्थलीय निरीक्षण करने के निर्देश भी जिलाधिकारियों को दिये गये है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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