राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद उ0प्र0 जिला इकाई के अध्यक्ष राकेश कुमार श्रीवास्तव एवं जिला मन्त्री सीबी सिंह ने संयुक्त बयान में बताया कि प्रान्तीय कार्यकारिणी की बीते 26 दिसम्बर को लखनऊ में हुई बैठक में राज्य कर्मचारियों की लिम्बत मांगों पर प्रदेश के मुख्य सचिव स्तर पर कई बार वार्ता एवं उसमें बनी सहमति के बाद भी अभी तक सम्यक शासनादेश निर्गत न करने पर गहरा रोष व्यक्त किया गया।
बैठक में कर्मचारी समस्या यथा लिपिक संवर्ग की वेतन विसंगति सम्बन्धी निर्गत शासनादेश के कमियों को दूर करते हुए कनिष्ठ सहायक को न्यूनतम 2800 रूपये का ग्रेड पे दिये जाने के साथ ही संवर्ग के अन्य पदों को यथास्थिति ग्रेड पे देने के साथ ही पूर्व व्यवस्था के अनुसार वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी का पदनाम यथावत बनाये रखने, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों में वरिष्ठ कर्मचारियों को भी 01 जनवरी 2006 से वेतन निर्धारण में लाभ दिये जाने, सभी राज्य कर्मचारियों को 08 वर्ष, 16 वर्ष एवं 24 वर्ष की सेवा पर एसीपी के अन्तर्गत संवर्ग को अगला पे ग्रेड के स्थान पर प्रोन्नत वेतनमान का पे ग्रेड देने, परिवहन, शिशु एवं शिक्षा भत्ता सहित सभी भत्तों को केन्द्रीय कर्मचारियों के बराबर दिये जाने, अवकाश नकदीकरण एवं दो पहिया वाहनों पर बिक्री कर की छूट दिये जाने, छूटे हुए मत्स्य विकास अभिकरण एवं निगमों में छठे वेतन का लाभ दिये जाने, दैनिक संविदा पर कार्यरत कर्मचारियों को सेवानिवृत्त पर उनकी पूर्व सेवा को जोड़ने, राज्य कर्मचारियों की अधिवर्षता आयु 62 वर्ष करने आदि मांगों पर शासन को तत्काल नोटिस देने का निर्णय लिया गया।
शासन स्तर से 16 जनवरी तक समस्याओं का समाधान न होने पर चरणबद्ध आन्दोलन की नोटिस सरकार को दी गई है। जिसमें 17 से 31 जनवरी तक जन जागरण द्वारा तथा 10 फरवरी को जनपद स्तर पर विशाल धरना एवं 24 फरवरी को लखनऊ में विशाल धरना एवं उसी में अगले कार्यक्रम की घोषणा करने का निर्णय लिया गया। उन्होंने जनपद के सभी संगठनों से अपील किया कि अपने हक की लड़ाई के लिए संगठन के घोषित कार्यक्रम में शत-प्रतिशत भागीदारी सुनिश्चित करें। यह जानकारी परिषद के मीडिया प्रभारी केके त्रिपाठी ने दी है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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