मुख्यमन्त्री ने सरकारी साधनों के दुरूपयेाग और भ्रश्टाचार के माध्यम से कमाई का जो रास्ता खोला है उसका अनुकरण प्रदेश के नौकरशाह भी करने लगे हैं। जन धन की लूट में वे भी हिस्सेदारी निभाने लगे है। बसपा राज में प्रशासनतन्त्र को पार्टी तन्त्र का अंग बना देने की गलत प्रवृत्ति के चलते प्रशासनिक अनुशासन और सेवा की मान्यताएं भी ध्वस्त हो रही हैं।
मुख्यमन्त्री कार्यालय के प्रशासनिक सेवा के दो वरिश्ठ अधिकारी श्री फतेह बहादुर और श्री जे0एन0 चैम्बर, जिनके पास गृह विभाग भी है, ने कई बार लखनऊ से मसूरी के लिए आने जाने में सरकारी विमानों का प्रयोग किया। इनके इस दौरे पर सरकार का करोडो़ रूपए का व्यय हुआ है। ये कोई सरकारी काम से वहां नही ंगए थे यदि गए थे तो उसका खुलासा होना चाहिए। वैसे इनकी ये नितान्त निजी यात्राएं थी। इसके लिए सरकारी संसाधनो का दुरूपयोग करने में उन्हें कोई हिचक नहीं हुई। प्रमुख सचिव स्तर के इन अधिकारियों ने इस तरह वित्तीय अनुशासन और सरकारी सेवा नियमावली के प्रतिकूल आचरण किया है।
मुख्यमन्त्री चूंकि अपने अधीनस्थों से उल्टे सीधे काम कराने की आदी हो गई हैं। ये अधिकारी भी इसलिए अपने पद की मर्यादा के प्रतिकूल आचरण में संकोच छोड़़ चुके है। अभी पंचायत चुनावों में डीएम,एसपी से लेकर लेखपाल, दरोगा तक की डयूटी चुनाव जिताने में लगाई गई थी। इन लोगों ने डरा धमकाकर और मुख्यमन्त्री के निर्देश पर समाजवादी पार्टी नेताओं कार्यकर्ताओं पर फर्जी मुकदमें लगाकर जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लाक प्रमुख के चुनावों में बसपा समर्थित प्रत्याशियों की जीत पक्की की। इन्हीं के सहारे स्थानीय निकाय क्षेत्र में विधान सभा चुनावों में भी बसपा को जिताया गया था।
समाजवादी पार्टी की मांग है कि उक्त अधिकारियों के विरूद्ध सेवा नियमावली के तहत कार्यवाही की जाए और उनसे सरकारी विमान के दुरूपयोग के लिए उस पर हुए पूरे व्यय की वसूली की जाए। इससे प्रशासनिक स्तर पर बढ़ रही स्वेच्छाचारिता पर रोक लगेगी और अधिकारियों को भी सबक मिलेगा कि वे अनुचित लाभ के लिए अपने पद की गरिमा न खोएं। प्रजातन्त्र में सरकारें बदलती रहती हैं। अगली सरकार समाजवादी पार्टी की बनने पर बसपा मुख्यमन्त्री के गलत कामों के साझीदार अधिकारियों की भी जवाबदेही तय की जाएगी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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