सादे कागज पर दलित महिला के अंगूठे निशान का सहारा लेकर बख्शा ब्लाक प्रमुख पद के प्रत्याशी रही प्रभू देवी के दोनों पुत्रों मुम्बई के उद्योग पति विजय यादव व महावीर यादव के ऊपर हजिन बनाम सवर्ण का मुदमा बहादुर थानेदार बख्शा ने दर्ज कर लिया, जबकि दलित महिला क्षेत्र पंचायत सदस्य श्रीमती शोभावती सरोज निवासिनी सराय लोका ने जिलाधिकारी के दिये गये हलफनामा में स्पष्ठ रूप से कहा है कि उक्त दोनों लोगों से मुझे कोई शिकायत नहीं है अतिपु यह षड़यन्त्र के तहत कारवाई किया गया है और न तो मैने कोई मुकदमा बर्ज कराया गया है। महिला वी0डी0सी0 श्रीमती सरोज ने सुधीर सिंह व पुलिस पर ही निशाना साधा है। अब सवाल उठता है कि सुधीर सिह एक दलित महिला को हथियार बना कर क्यों प्रमुख पद प्रत्याशी के पुत्रों पर तीर चलाया और बख्शा की पुलिस इतनी विवेक शून्य है कि किसी दूसरे के प्रार्थना पत्र की जांच करने के बजाय सीधे मुकदमा दर्ज कर लिया। पुलिस अधीक्षक एस.के भगत अपने नवागत समय में फर्जीवाड़ा करने वालों के खिलाफ कारवाई कर एक सन्देश दिया था कि अब गलत सूचना देने वालों की खैर नहीं है किन्तु अब देखने को मिल रहा है कि फर्जीवाड़ा करने वालों में इजाफा हुआ है और स्थानीय पुलिस उनको भरपूर सहयोग कर रही है। थानाध्यक्ष इस समय पूरे जनपद में एक बेलगाम थानेदार के रूप में बन गये हैं अन्यथा पीड़ित का पक्ष सुनकर या लिखित शिकायत पर ही मुकदमा दर्ज करते और दलित महिला को जिलाधिकारी के हलफनामा देने के लिए आना न पड़ता। जिलाधिकारी क्या ऐसेस मामलों पर विभागीय कारवाई करेंगे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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