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आदरणीय अटल बिहारी बाजपेयी के 87वें जन्म दिन के अवसर पर कुड़ियाघाट पर एक भब्य आयोजन

Posted on 25 December 2010 by admin

6भारत के पूर्व प्रधानमन्त्री आदरणीय अटल बिहारी बाजपेयी के 87वें जन्म दिन के अवसर पर पार्टी के लखनऊ महानगर इकाई ने लखनऊ के वरिष्ठ नेता सांसद लाल जी टण्डन के मुख्य संरक्षकत्व में कुड़ियाघाट पर एक भब्य आयोजन किया। जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में पार्टी के राज्य सभा में नेता प्रतिपक्ष श्री अरूण जेटली सम्मिलित हुये। कार्यक्रम का प्रारम्भ किशोर चतुर्वेदी और स्वाति के संगीतमय सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ प्रारम्भ हुआ। सूरदास के पद ´सबसे बड़ी पे्रम सगाई´ और ´हिन्दू तन मन, हिन्दू जीवन, रग-रग हिन्दू मेरा परिचय´ तथा मैं अखिल विश्व गुरू मेरे वेदों का ज्ञान अमर, के गीतों से जहां समा बांधा वहीं वाहिद अली वाहिद और अनपढ़ ने अपनी कविता प्रेम पन्थ वाला ही मेरा अभ्यागत है, जन्म दिवस की इस वेला पर अभिनन्दन है स्वागत है तथा हार न माना कभी, रार न ठाना कभी, लखनऊ की शान अटल बिहारी जी भारती का स्वाभिमान के माध्यम से उपस्थित विशाल जन समुदाय के मन को मोह लिया।

सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ अटल जी के सहयोगी रहे पूर्व महापौर पदमश्री डा0 एस0सी0राय, श्री बजरंग शरण तिवारी उदयनारायण मेहरोेत्रा, श्रीनिवास तिवारी, राघवराम मिश्र, वंशीलाल गुप्ता, लाजपतराय चोपड़ा, पूर्व सभासद तथा पूर्व शासकीय अधिवक्ता बृज बहादुर सक्सेना, एल0बी0वाष्णेZव, बद्रीप्रसाद अवस्थी, सुराज बहादुर रस्तोगी, ईशचन्द्र सक्सेना (जिसके यहां अटल जी ने 1954 के चुनाव की पहली बैठक की थी) डा0 रास बिहारी, पे्रमचन्द अग्रवाल, आदि लोगों को माला पहना कर और शाल भेंट कर अरूण जेटली और टण्डन जी ने सम्मानित किया। इस अवसर पर शान्ति के प्रतीक कबूतर और तोते आसमान में उड़ाये गये। इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुये श्री लाल जी टण्डन ने कहा अटल जी को लखनऊ का सान्ताक्लाज कहा जाता है। लखनऊ अटल जी की कर्मभूमि है। पत्रकार, कवि और फिर राष्ट्र नेता, वह ऐसे महापुरूष हैं जिन्होंने भारत का दिशाचक्र बदल दिया। मुख्य अतिथि के रूप में कार्यक्रम को संबोधित करते हुये अरूण जेटली ने कहा कि अटल जी एक ऐसे युग पुरूष हैं जिन्होंने अपने कृत्तिव, व्यक्तित्व, भाषा, और कार्यशैली से लम्बे अरसे से समाज को प्रभावित किया। पिछले 60 वषोZ में भारत में कोई ऐसा महान नेता नहीं हुआ। वह राजनेता से स्टेटसमेन बने और विभिन्न मुद्दों पर राष्ट्र की आवाज बने। उन्होंने उनके साथ अनुभवों की चर्चा करते हुये कहा कि संसद में जब वो बोलते थे तो वातावरण एकदम शान्त हो जाता था। यह उनकी विश्वसनीयता और देशभक्त, राष्ट्रीय छवि के नाते था। हम लोगों ने उनसे सीखा कि वह कभी व्यक्ति पर टिप्पणी नहीं करते थे मुद्दों पर बहस करते थे और छोटी बात और छोटी बहस में कभी नहीं पड़ते थे। उनकी चुप रहने की कला ऐसी विलक्षण थी जो कई बार स्वत: अनेक प्रश्नों का उत्तर दे देती थी। उन्होंने कश्मीर मुद्दे को लेकर वर्तमान सरकार द्वारा भेजे गये सर्वदलीय प्रतिनिधि मण्डल में अपने अनुभवों की चर्चा करते हुये कहा कि कश्मीर में हमसे मिलने वाला शायद ही कोई ऐसा प्रतिनिधि मण्डल हो जिसने स्वत: अटल जी की चर्चा न की हो। ऐसा विलक्षण व्यक्तित्व अटल जी का है। प्रधानमन्त्री के रूप में अटल जी की कश्मीर यात्रा को लेकर पूछे गये प्रश्न का जिक्र करते हुये श्री जेटली ने कहा कि अटल जी का जवाब था तकनीक से हटकर वो इंसानियत के दायर में बात करेंगे। सभी ने अटल जी के जन्मदिन के अवसर पर उनके उत्तम स्वास्थ्य और दीघZ जीवन की इ्रZश्वर से कामना की।

12कार्यक्रम का संचालन रमेश कपूर बाबा और धन्यवाद ज्ञापन महापौर डा0 दिनेश शर्मा ने किया। श्री विन्ध्यवासिनी कुमार, नरेन्द्र सिंह, सुरेश श्रीवास्तव, सुरेश तिवारी, विद्यासागर गुप्ता, गोमती यादव, आशुतोष टण्डन, सन्तोष सिंह, दयाशंकर सिंह, राजेन्द्र तिवारी, राजेन्द्र सिंह, हरीशचन्द्र श्रीवास्तव, दिलीप श्रीवास्तव, मनीष दीक्षित, दिवाकर सेठ, हरीश द्विवेदी, नीरज गुप्ता, दिनेश तिवारी, मनीष शुक्ला, गोविन्द पाण्डेय, राजीव मिश्रा, आलोक अवस्थी, डा0 अनुपम आलोक, हीरो बाजपेई, रमेश तुफानी, संजय शुक्ला, अनुपमा जायसवाल, रंजना द्विवेदी, रूमाना सिददकी आदि अनेक प्रमुख नेता और कार्यकर्ता कार्यक्रम में उपस्थित थे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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