सर्दी के मौसम में पशुओं को ठंड से बचाने के लिए सुबह-शाम झूल डालें एवं रात्रि में पशुओं को पशुघर में बांधें, पशुघर के दरवाजे, खिड़ाकियों को बोरी, पर्दे या कडवी के ट्टर बनाकर ढ़कें। पशुओं के छोटे बच्चों का विशेष ध्यान रख कर ढंड से बचायें। पशुओं के बांझपन की चिकित्सा एवं गर्भ परीक्षण भी करवाये।
फसल सतर्कता समूह के कृषि वैज्ञानिकों की सलाह के अनुसार हरा चारा उत्पादन के लिए जिन कृषकों ने जई की बुआई नहीं की तो तत्काल उचित नमी पर बुआई करें तथा बुआई से पूर्व खेत में सड़ी हुई गोबर की खाद का अवश्य प्रयोग करें तथा प्रमाणित चारे के बीज प्राप्त करने के लिए निकट के पशु चिकित्सालय से सम्पर्क करें।
कृषक बोई गई चारा फसलों में रबी मौसम में सिंचाई करते रहे जिससे ठंडे मौसम से फसलो ंकी बढ़वाकर प्रभावित न हों।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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