प्रदेश के ऊर्जा मन्त्री श्री रामवीर उपाध्याय के निर्देश पर पावर कारपोरेशन ने क्षतिग्रस्त वितरण ट्रांसफार्मरों के बदले जाने की प्रक्रिया का सरलीकरण कर दिया है।
इस सम्बंध में जारी आदेश के अनुसार क्षतिग्रस्त ट्रांसफार्मरों को सर्वप्रथम स्टोर में जमा कराने की बाध्यता को समाप्त कर दिया गया है। अब ट्रांसफार्मर जलने या क्षतिग्रस्त होने की सूचना प्राप्त होने पर अवर अभियन्ता (जे0ई0) द्वारा 24 घंटे के अन्दर क्षतिग्रस्त ट्रांसफार्मर को सम्बंधित वर्कशाप में जमा कराया जायेगा। वर्कशाप खण्ड से ही क्षतिग्रस्त ट्रांसफार्मर की प्राप्ति तथा क्षतिग्रस्त ट्रांसफार्मर प्रमाण पत्र रिपोर्ट (डी0टी0सी0) अवर अभियन्ता को उपलब्ध कराया जायेगा। डी0टी0सी0 रिपोर्ट के आधार पर वर्कशाप से ही मरम्मतशुदा ट्रांसफार्मर अवर अभियन्ता को उपलब्ध कराया जायेगा।
मरम्मतशुदा ट्रांसफार्मर उपलब्ध कराये जाने का उत्तरदायित्व विद्युत कार्यशाला (वक्र्स) का होगा। मरम्मतशुदा ट्रांसफार्मर उपलब्ध न होने पर ही कार्यशाला द्वारा नये ट्रांसफार्मरों की मांग आकिस्मक परिस्थितियों में ही स्टोर खण्ड (भण्डार) से की जायेगी। ट्रांसफार्मरों के प्रतिस्थापन एवं उपलब्धता के अनुश्रवण हेतु डिस्कामों के मुख्य अभियन्ता (सामग्री प्रबंध) को नोडल अधिकारी नामित किया गया है। डिस्कामों के प्रबंध निदेशकों को निर्देश दिये गये हैं कि जिन जनपदों में ट्रांसफार्मरों की वर्कशाप नहीं है, उन जनपदों में नये कार्यशालाओं (वर्कशाप) को खोलने की प्रक्रिया प्राथमिकता के आधार पर प्रारम्भ कर दी जाये।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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