कार्यक्रम के संयोजक खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग के निदेशक आर.एस. पाण्डेय ने बताया कि मेले में पहले 100 स्टॉलों का प्रावधान था पर अब करीब 120 स्टॉल लग चुके है। केवी आईसी रोजगार की नई पहल के तहत राश्ट्रीय नोडल अभिकरण के रूप में कार्य कर रही है। केवीआईसी द्वारा खादी को लोकप्रिय बनाने तथा उसकी गुुणवत्ता को और अच्छा बनाने के लिये एसीयन डवलप बैंक के साथ एमओयू साईन किया है। जिसके अन्तर्गत पूरे देश में 300 खादी संस्थाओं को रिवाईज किया जायेगा। उत्तर प्रदेश मेें 43 संस्थाओं को एडीबी के माध्यम से 1.50 लाख रूपये अपग्रेट हेतु दिये जा रहे है। खादी उत्पाद में आधुनिकता के साथ कार्यक्षमता को बढ़ाने के लिये रायबरेली जनपद में सोलर उर्जा से संचालित होने वाली 25 चखेZ प्रयोग के तौर पर दिये गये है। इन चखोZ के माध्यम से उत्पादन दुगुना हो रहा है। लेकिन खादी उत्पाद के तौर पर नही माना जा सकता है। इस दिशा में परिवर्तन के सन्दर्भ में विचार किया जा रहा है। केवीआईसी एिन्जयों की तरह काम करता है इससे जुड़े संस्थाओं को सपोर्ट करने क लिए बिक्री पर पहले 20 प्रतिशत का रिवेट दिया जाता था। लेकिन अब परिवर्तन किया गया है। अब निर्माण के दौरान ही 20 प्रतिशत का सपोर्ट दिया जायेगा। लेकिन इस धनरािश में कामगारों को सीधा फायदा मिलना अनिवार्य किया गया है। सोसाईटी के लाभान्स के रूप में 5 प्रतिशत कामगारों को चेक अथवा पोस्टआफिस के माध्यम से संस्थाओं को देना होगा तथा प्रत्येक कामगार को जन श्री बीमा योजना से कर्वड होना चाहिये। इस योजना के तहत दो बच्चों को 100 रूपये मासिक की छात्रवृति तथा अभिभावक की सामन्य मृत्यु पर 30,000 रूपये मिलते है। प्रदेश में लगभग सवालाख कामगार खादी से जुड़े हुए है। बीती वशZ में 21,65000 रूपये की छात्रवृति वितरित की गई है। श्री पाण्डेय ने बताया कि पहले दिन ही प्रदशZनी में भारी भीड़ का आगमन बताता है कि खादी उत्पाद निरन्तर सुधार की ओर बड़ रहे है। इस प्रदशZनी में खादी के सभी वस्त्रों पर 30 फीसदी की छूट का लाभ भी खरीदारों को मिलेगा। प्रदशZनी में प्रसिद्ध रेशम उत्पाद भी खरीदारों के लिए आकशZण का केन्द्र होंगे। यहां बंगाल के मुशीZदाबाद सिल्क, मध्य प्रदेश के चन्देरी रेशम, उड़ीसा के टसर सिल्क और असम के कोशा रेशम के कई स्टॉल खास है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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