केराकत,जौनपुर। भारतीय सभ्यता कि नारी इज्जत है, लेकिन समाज के गन्दी मानसिकता और धन-दौलत की चमक में नारी का शोषण होता चला आ रहा है। इसमें समाज के लोग बराबर के हिस्सेदार हैं। इस प्रकार की कुरीतियों से जहां सामाजिक बुराई नासूर बन जाती है, वहीं देह व्यापार के धंधे में लिप्त वासना के दलदल में गिरते चले जाते हैं और कभी बाहर निकल नहीं पाते। ऐसा ही केराकत क्षेत्र में हो रहा है। इस तरह की बुराइयां जारी है। शाम ढलते ही इस अवैध देह व्यापार में लिप्त तथाकथित महिलाएं अपनी टोली बनाकर शिकार की तलाश में निकल जाती है, जिससे समाज में इसका बुरा प्रभाव देखने को मिल रहा है।
बताया गया है कि क्षेत्र के मनचले भी इस धंधे में अपनी रूचि दिखाते हुए इस नैसर्गिक आनंद प्राप्ति में अपना सब कुछ गंवा दे रहे हैं। इधर कुछ दिनों से कुछ पेशेवर या यूं कह लिजिये कि इसे अपनी रोजी-रोटी मानकर दिन-दहाड़े चाय-पान की दुकानों एवं लबे सड़क पर देख जाते हैं, जो क्षेत्र में भयंकर गंदगी और विकृति फैला रही हैं। ऐसा समाज एवं सभ्य परिवारों के लिए घातक है। पूरा समाज यहां तक की प्रशासन भी इस दुष्कृत्य से अनभिज्ञ नहीं है, फिर भी इस धंधे पर लगाम लगाना किसी के वश में नहीं दिख रहा है। क्योंकि इस धंधे में समाज के ही लोग ‘काली रात’ के धंधे में कहीं ना कहीं से लिप्त हैं, जिससे इस प्रकार का धंधा निरंतर फल-फूल रहा है। लोग दबी जुबान से इस पर भले ही चर्चा करते हैं, लेकिन सुनकर भी कोई नहीं आता। इस प्रकार के अनैतिक धंधे पर अंकुश लगना आवश्यक है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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