सिटी मोन्टेसरी स्कूल, महानगर द्वारा मानसिक व शारीरिक रूप से कमजोर तथा मूक बधिर बच्चों की अभूतपूर्व प्रतिभा को अन्तर्राष्टीय मंच प्रदान किये जाने के उद्देश्य से आयोजित तीन दिवसीय शैक्षिक महोत्सव ‘अन्तर्राष्टीय इनरस्केप-2010’ का भव्य उद्घाटन आज सी-एम-एस- कानपुर रोड ऑडिटोरियम में सम्पन्न हुआ। समारोह में देश के विभिन्न प्रान्तों से पधारे विकलांग बच्चों की जोरदार उपस्थिति ने दिखा दिया कि हम भी किसी से कम नहीं हैं। इस अवसर पर सी-एम-एस- छात्रों ने एक से बढ़कर एक रंगारंग शिक्षात्मक-सास्कृतिक कार्यमों की इन्द्रधनुषी छटा बिखेरेते हुए छात्रों ने समाज को संदेश दिया कि विकलांगता विकास में बाधक नहीं है। इससे पहले मुख्य अतिथि न्यायमूर्ति फर्डीनो इनासियो रेबेलो, मुख्य न्यायाधीश, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दीप प्रज्वलित कर समारोह का विधिवत उद्घाटन किया तथापि प्रतिभागी छात्रों के उत्साहवर्धन हेतु विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित होकर लखन के मेयर डा- दिनेश शर्मा एवं हिन्दुस्तान टाइम्स की वरिष्ठ स्थानीय संपादक सुश्री सुनीता ऐरन ने समारोह की भव्यता में चार चांद लगा दिया। ज्ञातव्य हो कि सिटी मोन्टेसरी स्कूल, महानगर कैम्पस 18 से 20 दिसम्बर तक मानसिक व शारीरिक रूप से कमजोर तथा मूक बधिर बच्चों का विशाल अन्तर्राष्टीय महोत्सव ‘इनरस्केप-2010’ के रूप में मना रहा है, जिसमें देश के विभिन्न प्रान्तों से पधारे लगभग 250 प्रतिभागी छात्र विभिन्न प्रतियोगिताओं जैसे मोल्डिंग, पेन्टिंग, डिवेट, कम्प्यूटर स्किल्स, पजल्स, वाद-विवाद व सास्कृतिक प्रतिभा के माध्यम से अपनी योग्यता का प्रदर्शन करने लखन पधारे हैं।
उद्घाटन समारोह में बोलते हुए मुख्य अतिथि न्यायमूर्ति फर्डीनो इनासियो रेबेलो, मुख्य न्यायाधीश, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि शारीरिक व मानसिक रूप से कमजोर छात्रों की प्रतिभा को निखारने व उसे समाज के सामने प्रस्तुत करने का सी-एम-एस- का यह प्रयास सारे समाज के लिए प्रेरणास्रोत है। उन्होंने कहा कि वास्तव में कमजोर समझे जाने वाले ये बच्चे प्रतिभा के मामले में किसी भी आम बच्चों से कम नहीं है, लेकिन जरूरत है कि उनकी प्रतिभा को भी आम छात्रों जैसा निखरने का अवसर मिले, उन्हें भी समाज में प्यार व सम्मान मिले। इस अवसर पर डा- दिनेश शर्मा, मेयर, लखन ने अपने सम्बोधन में सी-एम-एस- महानगर की प्रधानाचार्या व इनरस्केप-2010 की संयोजिका सुश्री नलिनी शरद की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए कहा कि इस महत्वपूर्ण आयोजन के माध्यम से सी-एम-एस- ने प्रतिभा के धनी विकलांग बच्चों को ऐसा स्वर्णिम अवसर उपलब्ध कराया है, जहा ये अपने हुनर का बेहतरीन प्रदर्शन कर सकेंगे एवं अपनी अद्भुद क्षमताओं को प्रमाणित कर सकेंगे। हिन्दुस्तान टाइम्स की वरिष्ठ स्थानीय संपादक सुश्री सुनीता ऐरन ने कहा कि इस महत्वपूर्ण आयोजन में जुटे इन छात्रों का उत्साह व इनकी प्रतिभा व लगन देखकर जाहिर है कि ये छात्र भी अपने लिए एक बेहतर संसार पाना चाहते हैं, ये प्यार देना चाहते हैं और प्यार पाना चाहते हैं। ये बच्चे भी साधारण बच्चों से किसी भी मायने में पीछे नहीं है। उन्होंने कहा कि इन प्यारे बच्चों के प्रति समाज के लोगों को अपनी सोच व्यापक बनानी होगी तभी हम एक खुशहाल समाज का निर्माण संभव हो सकेगा।
उद्घाटन समारोह में सी-एम-एस- छात्रों ने देश के विभिन्न प्रान्तों से पधारी प्रतिभागी छात्र टीमों एवं उनके शिक्षकों के सम्मान में भारतीय लोक गीतों का आलोक बिखरते एवं विश्व शान्ति का सन्देश देते अनेक शिक्षात्मक एवं प्रेरणादायी सांस्कृतिक कार्यम प्रस्तुत कर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। समारोह का शुभारम्भ सर्व-धर्म व विश्व शान्ति प्रार्थना से हुआ। इस अवसर पर आयोजित वर्ल्ड पार्लियामेन्ट में छात्रों ने विश्व की जटिल समस्याओं पर विचार-विमर्श किया व इनके समाधान भी बताये। इस अवसर पर विद्यालय के छात्रों ने गीत, संगीत व नृत्य के अनेक कार्यम प्रस्तुत किए।
इससे पहले अन्तर्राष्टीय इनरस्केप-2010 में पधारे छात्र आज अपरान्ह: सत्र में आयोजित एक प्रेस कान्न्से में पत्रकारों से मिले और दिल खोलकर अपने विचार रखे। होली ास कान्वेन्ट स्कूल, मुंबई के छात्रों ने भावनात्मक लहजे में कहा कि इस आयोजन के माध्यम से सी-एम-एस- ने हमें अपने विकास का जो स्वर्णिम अवसर उपलब्ध कराया है, उसके लिए हम हृदय से आभारी हैं। मनोविकास चैरिटेबल सोसाइटी, दिल्ली से पधारे छात्रों ने कहा कि हमारी प्रतिभा किसी मजबूरी की मोहताज नहीं है। विकलांग होते हुए भी हम वह सबकुछ कर सकते हैं जो आम बच्चे करते हैं। विकलांग केन्द्र उमंग स्कूल, इलाहाबाद से पधारे छात्रों ने सी-एम-एस- की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए कहा कि यहा आकर हमें जो मान-सम्मान व अपनापन मिला है, वो हम कभी भूल नहीं पायेंगे। इसी प्रकार ब्लाइंड वेलफेयर काउन्सिल, गुजरात से पधारे छात्रों का कहना था कि भले ही हम देख नहीं सकते हैं लेकिन हम भी दुनिया में एकता की ऐसी ज्योति प्रज्वलित करना चाहते हैं जो पूरे विश्व को एकता के सूत्र में पिरो दे। माता भगवंती चड्ढ़ा निकेतन से पधारे छात्रों ने कहा कि हम कई दिनों से यहा आने की तैयारी में लगे थे और प्रतियोगिताओं में भाग लेने के लिए अपनी कला का अभ्यास कर रहे थे। इससे न केवल हममें निपुणता बढ़ी बल्कि एक नया विश्वास और उत्साह जागृत हुआ है। स्पेशल एजुकेशन सेन्टर एन-आई-एम-एच-, सिकन्दराबाद से पधारे छात्रों ने कहा कि हम अपनी शारीरिक कमजोरी पर विजय प्राप्त कर सकते हैं। यदि हम आत्मकेन्द्रित होकर अपनी क्षमताओं को और अधिक विकसित करें तो हम भी अपने तरीके से समाज की सेवा कर सकते हैं। इसी प्रकार देश-विदेश से पधारे मानसिक व शारीरिक रूप से कमजोर अनेक छात्रों की भावनाओं में स्पष्ट गूंज थी कि ये प्यार व अपनापन तो चाहते हैं किन्तु किसी भी तरह की सहानुभूति नहीं चाहते हैं और जीवन को पूर्ण रूप से जीना ही उनकी अभिलाषा है।
‘अन्तर्राष्टीय इनरस्केप-2010’ की संयोजिका व सी-एम-एस- महानगर की प्रधानाचार्या सुश्री नलिनी शरद ने कहा कि शारीरिक व मानसिक रूप से कमजोर बच्चों में भी प्रतिभा की कहीं कोई नहीं होती है और उनमें भी आगे बढ़ने का उत्साह होता है, जिसे दबाया नहीं जा सकता। इसी उद्देश्य हेतु सी-एम-एस- महानगर शाखा मानसिक व शारीरिक रूप से कमजोर तथा मूक बधिर बच्चों का विशाल महोत्सव ‘इनरस्केप’ के रूप में मना रहा है। सुश्री शरद ने कहा कि इनरस्केप-2010 की प्रतियोगिताएं खासतौर से इन्हीं छात्रों को ध्यान में रखते हुए तैयार की गई है जिससे इनका सम्पूर्ण विकास हो। उन्होंने कहा कि देश-विदेश के छात्रों ने इन प्रतियोगिताओं में गहरी दिलचस्पी दिखाई है। प्रख्यात शिक्षाविद् व सी-एम-एस- संस्थापक डा- जगदीश गाधी ने कहा कि इन छात्रों का उत्साह यह संदेश दे रहा है कि जीवन में कभी हार नहीं माननी चाहिए और सभी रुकावटों को हंसते-हंसते झेलते हुए निरन्तर आगे बढ़ते रहना चाहिए। डा- गाधी ने कहा कि आज इन छात्रों का सम्मान करके हम स्वयं गौरवान्वित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि सच्चाई तो यह है कि मूक, बधिर और मंदबुद्धि बच्चे सहानुभूति के पात्र नहीं है। इन बच्चों के अंदर भी प्रतिभाएं छुपी हुयी हैं जिनके बलबूते यह विश्व के विकास में सहयोग कर सकते हैं। हम सभी का यह फर्ज बनता है कि हम इन्हें समाज में वह स्थान दिलाएं जिसके ये वास्तविक हकदार हैं।
सी-एम-एस- के मुख्य जन-सम्पर्क अधिकारी श्री हरि ओम शर्मा ने बताया कि मानसिक व शारीरिक रूप से कमजोर तथा मूक बधिर बच्चों को ध्यान में रखते हुए तैयार की गई इनरस्केप-2010 की प्रतियोगिताएं कल प्रात: 10-00 बजे से प्रारम्भ होंगी जिनमें मोल्डिंग, पेन्टिंग, डिवेट, कम्प्यूटर स्किल्स व पजल्स प्रमुख है। श्री शर्मा ने बताया कि विभिन्न क्षेत्रों के कई प्रख्यात हस्तियों प्रतियोगिता में निर्णायकों की भूमिका निभायेंगे। श्री शर्मा ने बताया कि अन्तर्राष्टीय इनरस्केप-2010 में प्रतिभाग करने वाले विद्यालयों/संस्थाओं में बलवंत मेहता विद्या भवन, अस्मा, नई दिल्ली, मनोविकास चैरीटेबल सोसायटी, दिल्ली, विकलांग केन्द्र उमंग स्पेशल स्कूल, इलाहाबाद, नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर द विजुअल हैंडीकैप्ड, देहरादून, जे-आर-एच- यूनिवर्सिटी, चित्रकूट, मेन्टेड, कोलकाता, होली ॉस कान्वेन्ट स्पेशल स्कूल, मुम्बई, आस्था बस्ती विकास केन्द्र, नई दिल्ली, बी-एम- स्कूल ऑफ मेन्टल हेल्थ, अहमदाबाद, स्पेस्टिक्स सेन्टर, कानपुर, एन-आई-एम-एच-, सिकन्दराबाद, आन्ध्र प्रदेश, सावली एसोसिएशन, पूना, मंगल मूर्ति विकलांग टस्ट, जूनागढऋ, गुजरात, नवज्योति इंस्टीट्यूट फॉर मेन्टली हैन्डीकैप्ड, नई दिल्ली, अमर ज्योति स्कूल, नई दिल्ली, स्पेशन एजुकेशन सेन्टर, सिकन्दराबाद, आन्ध्र प्रदेश, माता भगवंती चड्ढ़ा निकेतन, नोएडा, ब्लाइंड वेलफेयर काउन्सिल, गुजरात, उड़ान फार डिसएबल्ड, नई दिल्ली, नेशनल इन्स्टीट्यूट फॉर मेन्टली हैण्डीकैप्ड, नई दिल्ली, हेल्ही सोसाइटी फार द वेलफेयर ऑफ स्पेशल चिल्डेन, नई दिल्ली, इन्स्टीट्यूट फार मेन्टली हैण्डीकैप्ड चिल्डेन, बंगलोर, दिया फाउण्डेशन, बंगलोर, आवा आशा स्कूल, लखन, स्नेह विकलांग प्रशिक्षण संस्थान, लखन, राजकुमार एकेडमी, लखन, बचपन डे केयर सेन्टर, लखन, पीसम डे केयर सेन्टर, लखन, दृष्टि सामाजिक संस्थान, लखन, स्पर्श स्पेशल केयर, लखन, नेशनल एसोसिएशन फार द ब्लाइंड, लखन, नवदीप विशिष्ट विद्यालय, लखन, अस्मिता ए सेन्टर फार स्लो, लखन, आशा ज्योति स्कूल, लखन, स्पार्क इण्डिया ज्योति किरन स्कूल, लखन, गुरुकुल एकेडमी, लखन आदि प्रमुख हैं।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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