दिसम्बर 2010: आज दोपहर ढेर सारी लड़कियों की आंखों में खुशी के आसुओं के साथ, होठों पर खिली मुस्कान, गुलाबी सदीZ में खिली धूप सी लग रही थी। वाय.बी.चव्हाण ऑडीटोरियम में तिल धरने को जगह नहीं थी और स्कॉलरशिप प्रदान करने के समारोह में स्कॉलरशिप पाने वाली लड़कियों और उनके परिवार के खुशी के आंसू वहां मौजूद सभी लोगों के दिल को छू गए।
इस समारोह में मौजूद थीं वो 212 युवतियां जिनके परिवारों के पास धन-दौलत तो नही हैं लेकिन उनके पास है दुनिया में कुछ कर दिखाने का जज्बा उन्हें अपने सपनों को साकार करने के लिए सहायता हेतू फेयर एण्ड लवली फाऊण्डेशन की ओर से स्कॉलरशिप दी गई। उन युवतियों में से कुछ ऐसी युवतियां थीं जो समाज में लड़की की पढ़ाई के विरोध को मुंहतोड़ जवाब देना चाहती थीं तो कुछ ऐसी लड़कियां थी जो अपने बीमार माता-पिता को खुशहाल जीवन देना चाहती थीं और कुछ ऐसी किशोरियां थीं जो इस ख्याल से ही खुश थी कि वो इस स्कॉलरशिप की बदौलत अपने परिवार में ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी करने वाली पहली लड़की होंगी।
समारोह के मुख्य अतिथि नरेन्द्र जाधव ने अपने भाषण में कहा कि “नारी को श्रेणी, जाति और महिला होने के कारण एक नहीं कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है और अगर इन महिलाओं को इन समस्याओं का सामना करने योग्य बनाना है तो उसका एक ही उपाय है और वो ये है कि उन्हें स्तर की शिक्षा प्राप्त कराई जाए, “श्री नरेन्द्र जाधव एक प्रसिद्ध अर्थ - शास्त्री, शिक्षाशास्त्री और प्लानिंग कमीशन के सदस्य हैं।
फेयर एण्ड लवली फाऊण्डेशन की स्कॉलरशिप, आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग की उन युवतियों को दी जाती है जो पढ़ाई-लिखाई में तो बहुत प्रतिभाशाली होती हैं लेकिन जिनके पास अपने उच्च शिक्षा के सपने को साकार करने के लिए पैसों की तंगी होती है। फाऊण्डेशन इन छात्राओं को कोर्स फीस, होस्टल फीस, पढ़ाई के लिए आने-जाने के किराये, किताबों और स्टेशनरी आदि के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करती है। ये सहायता उनकी आवश्यकताओं के अनुसार प्रदान की जाती है।
ये इस स्कॉलरशिप का आठवां साल है और फेयर एण्ड लवली फाऊण्डेशन ने अब तक एक हजार से ज्यादा युवतियां की सहायता की है और उन सबका भविष्य उज्जवल बनाने में, हाथ बटाया है, उन्हें अपने सपने साकार करने में मदद की है। इस अवसर पर हिन्दुस्तान यूनीलिवर लिमिटेड के स्किनकेयर, कैटेगरी हैड श्री. गोविन्दराजन ने कहा “अगर भारत का विकास होना है तो जरूरी है कि नारी सशक्तिकरण पर पूरा ध्यान दिया जाए´´ उन्होंने आगे कहा कि “साक्षरता मिशन को ही देख लीजिए, इसमें अब सन् 2012 तक सात करोड़ लोगों को साक्षर बनाने का उल्लेख है और सात करोड़ के इस लक्ष्य में 6 करोड़ महिलायें शामिल हैं।´´
भारत में करोड़ों बच्चे, खासतौर से लड़कियां, शिक्षा के अभाव के कारण अपने जीवन में ऊपर उठ नहीं पाते हैंं। आज हमारा देश 138 राष्ट्रों में पुरूष-महिला समानता की तालिका में 122 वे स्थान पर है। हमारे देश में केवल 27: महिलाओं को माध्यमिक या उच्च स्तरीय शिक्षा मिल पाती है जबकि पुरूषों में ये अनुपात 50: है। मिलैनियम डेवलेपमेंट गोल्स के अनुसार लिंगों में भेदभाव समाप्त करने के लिए भारत को समाज के हर क्षेत्र में महिला पुरूष समानता प्राप्त करने के लिए कुछ इस प्रकार काम करना पडे़गा कि समानता का ये अनुपात सन् 2012 तक प्राप्त हो जाए।
फेयर एण्ड लवली फाऊण्डेशन महिला-शिक्षा के क्षेत्र में अपना योगदान दे रही है। स्कॉलरशिप के लिए उम्मेदवार छान-बीन करके इनटरवीव की प्रकिया द्वारा चुने जाते है। हमारे पैनल में अलग-अलग क्षेत्र के प्रसिद्ध व्यवसायिकों का समावेश है। जिनमें से कुछ नाम हैं - पद्मश्री मिस लीला पूनावाला, पदमभूषण मन्जू शर्मा, शिक्षाशास्त्री स्नेह भार्गव, सदस्य, नैशनल नॉलेज कमीशन, श्री पवित्रा सरकार, पूर्व वाईस चांसलर, रविवन्द्र भारती यूनीवर्सिटी ऑफ कोलकाता, श्री आर.वेंकट राव, वाईस चांसलर, नैशनल लॉ स्कूल ऑफ इिन्डया, िस्मता बंसल, अभिनेत्री, सिवाशंकरी, तमिल लेखिका और समाज सेविका तथा प्रसिद्ध गायिका सुधा रघुनाथ, इन सबने स्कॉलशिप पाने वाली युवतियों को मुम्बई, चैन्नई, बैंगलुरू, कोलकाता, हैदराबाद लखनऊ और चण्डीगढ़ में पूरी लगन से जांचा-परखा। उनकी जरूरतों और उनकी सफलता पाने की आकांक्षाओं के आधार पर उनका चयन किया गया।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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