बिजली संकट से त्राहि-त्राहि कर रही प्रदो की जनता को भरमाने के लिए बसपा सरकार पूंजीघरानों से विद्युत संयंत्र स्थापित करने के नाम पर समझौता पत्रों एमओयू पर हस्ताक्षर का नाटक कर रही है जबकि हकीकत में यह खेल मुख्यमंत्री द्वारा रिवत की मोटी रकम की वसूली के साथ पूंंजीपतियों को कीमती जमीनें तथा अन्य सुविधाएं मुहैया कराने के लिए खेला जा रहा है। सरकार की चलाचली की बेला में यह अवैध उगाही का काम तेज किया गया है।
बिजली से जगमगाने का मायाजाल तथ्यों पर एक नजर से ही पता चल जाता है। चित्रकूट के बरगढ़ में औरैया के दिबियापुर में और फतेहगढ़ में, समझौते के अनुसार बननेवाले बिजलीघरों से मा: 2015 और 2014 में बिजली उत्पादित होने के थोथी घोणाएं है। ललितपुर में बिजलीघर का उत्पादन 2014 से ाुरू करने का समझौता भी बस दिखावे का है।
बसपा मुख्यमंत्री तो यह मालूम होना चाहिए कि चीनी मिलों से बिजली पैदा करने की योजना श्री मुलायम सिंह यादव के समय ाुरू की गई थी। पुरानी को नई योजनाओं के रूप में पो कर केवल अपनी हंसी ही करा रही है। वैसे भी जनता किसी मायाजाल के चक्कर में आने वाली नहीं है। सन् 2012 में तो इस बसपा सरकार को चला ही जाना है। इसलिए दो र्वा आगे का सपना दिखाकर मुख्यमंत्री जनता को गुमराह करना चाहती हैं। किन्तु जनता अब सब जानती है। प्रदो की जनता सामान्य बुनियादी सुविधाओं के लिए भी तरस रही है। बिजली, पानी, सड़क, सीवर इन क्षेत्रों में काम के बजाए सुश्री मायावती को पत्थर, पार्को, स्मारकों के साथ जगह-जगह अपनी प्रतिमाएं लगाने का ााैक है। इस ााैक पर उन्होने अब तक जनता की गाढ़ी कमाई के हजारों करोड़ रूपए फूंक दिए है जिसमें से ज्यादातर रकम कमीान में चली गई है।
मुख्यमंत्री के पास सिर्फ दो काम रह गये हैं एक तो वह राहत पैकेज के लिये केन्द्र को चिट्ठी पत्री लिखती हैं दूसरा अधिकारियों को जब तब समय से काम सही ढंग से पूरा न करने पर सख्त कार्यवाही की फर्जी धमकियां देती रहती हैं। अब तक तो उनके निर्देााें का कहीं पालन होते हुये नहीं दिखाई दिया है। प्राासन पर उनका कोई नियंत्रण नहीं हैं। मुख्यमंत्री और उनकी बसपा सरकार को अपने किए धरे का पूरा हिसाब जल्दी ही देने को तैयार रहना होगा।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com