उत्तर प्रदेश सोडिक लैड रिक्लेमेशन तृतीय परियोजना तथा बीहड़ सुधार प्रक्षेत्र में बकरी पालन, सूकर पालन सहित पशुपालन में सुधार एवं बढ़ोत्तरी के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जाय। इसके लिए उन्हें नवीनतम तथा उत्तम तकनीकी जानकारी उपलब्ध करायी जाय। इस योजना हेतु इस वर्ष के लिए आवंटित धनराशि 50 करोड़ रूपये के व्यय में तेजी लाई जाय। यह निर्देश परती भूमि विकास राज्य मन्त्री (स्वतन्त्र प्रभार) श्री रामपाल वर्मा ने विभागीय अधिकारियों को समीक्षा बैठक में दिये।
उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र के गठित स्वयं सहायता समूहों को और अधिक मजबूत बनाया जाय। इसमें 855 के लक्ष्य के सापेक्ष 648 समूहों के खाते खोले जा चुके है। शीघ्र ही अवशेष के खाते खुलवाये जायेंगे। श्री वर्मा ने कहा कि 361 ग्रामों की लक्षित 20 हजार हेक्टेयर भूमि का सुधार/बीहड़ सुधार कार्य पूर्ण गुणवत्तापरक होना चाहिए। उन्होंने बताया कि भूमि सुधार में प्रयोग होने वाले जिप्सम का परीक्षण हो चुका है और इसकी आपूर्ति शुरू हो चुकी है। किसानों के प्रश्नों को कार्यालय अवधि के बाद भी रिकार्ड कर जबाव दिये जाने की व्यवस्था की जा रही है।
बैठक में प्रमुख सचिव श्री योगेश कुमार, प्रबन्ध निदेशक श्रीमती आराधना शुक्ला सहित सभी वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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