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ज्ञापन:- सत्तारूढ़ दल द्वारा पंचायत चुनावों में धांधली और प्रशासन की साठगांठ की जांच की मांग के सम्बन्ध में

Posted on 14 December 2010 by admin

महामहिम राज्यपाल महोदय राजभवन, उत्तर प्रदेश।

हम आपका ध्यान जिला पंचायत चुनावों की सम्पूर्ण प्रक्रिया में, जिसमें जिला पंचायत अध्यक्षों का चुनाव भी ‘ािामल हैं, में बरती गई धांधली और इसमें भी जिलाधिकारियों, पुलिस अधीक्षकों व सत्तारूढ़ दल की मिलीभगत की ओर आकिशZत करना चाहते हैं। जिस तरह से प्रदेश में बसपा राज में लोकतन्त्र की निर्मम हत्या हुई हैं, वह एक चिन्ताजनक  गभ्भीर मामला है। यदि चुनाव की स्वतन्त्रता व निश्पक्षता नहीं रही और मतदान की गोपनीयता से खिलवाड़ हुआ तो फिर देश में कानून व्यवस्था का राज नहीं रह जाएगा। अत: अपने स्तर से इसमें हस्तक्षेप करने का कश्ट करें।

14-12-aत्रिस्तरीय पंचायत चुनावो की पूरी प्रक्रिया सरकारी छलबल और धनबल की शिकार रही है। जिलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों को सीधे आदेश थे कि वे बसपा समर्थित जिला पंचायत अध्यक्षों को चुनाव में जिताएं जबकि जिला पंचायत सदस्यों के चुनावों में समाजवादी पार्टी पहले नम्बर पर थी।

मुख्यमन्त्री  के इशारे पर खुलकर धांधली की गई। राज्य निर्वाचन आयोग पंगु बना रहा। सरकारी तौर पर तमाम मतदाताओं को नियम के विरूद्ध सैकड़ों ÞसहयेागीÞ दिये गए ताकि वे बसपा के पक्ष में वोट डालें। समाजवादी पार्टी के जिला पंचायत सदस्यों के घरों में दबिश डाली गई। उनके और परिवारीजनों के ईट भट्टों के लाइसेंस रद्द किए गये। उनके व्यापारिक प्रतिश्ठान सीज किये गये। उन पर अनेक गम्भीर फर्जी मुकदमें दर्ज कराये गये। कई जिला पंचायत सदस्यों का अपहरण हुआ। रूपए पैसों और वाहन तथा घर के एक सदस्य को नौकरी  का प्रलोभन दिया गया।  सरकारी दबाव में 23 जिला पंचायत अध्यक्ष निर्विरोध चुनवा लिए गए। यह चुनाव नहीं सरकारी डकैती और लूट है।

समाजवादी पार्टी द्वारा पंचायत चुनावों में धांधली की तथ्यपरक शिकायतें समय -समय पर राज्य निर्वाचन आयोग को भेजी गई किन्तु कोई कार्यवाही नहीं हुई। समाजवादी पार्टी के राश्ट्रीय अध्यक्ष श्री मुलायम सिंह यादव ने सत्ता के दुरूपयोग के खिलाफ 11 दिसम्बर को चेताया था कि मुख्यमन्त्री चुनाव जीतने के लिए बेईमानी पर उतर आई है। नेता विरोधी दल विधान सभा श्री शिवपाल सिंह यादव एवं समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष श्री अखिलेश यादव ने भी कई बार राज्य निर्वाचन आयेाग से शिकायते की किन्तु कोई कार्यवाही नही हुई।

मुरादाबाद, मथुरा, बाराबंकी, मुजफ्फरनगर, झॉसी आदि जिलो में सत्तारूढ़ दल ने स्वतन्त्र मतदान का मखौल उड़ाया। मथुरा में बसपा के एमएलसी ने गुण्डई की। मुजफ्फरनगर में जनता ने ही धांधली का विरोध किया। दोनों जगह बाखैलाई पुलिस ने स्वतन्त्र मतदान की मांग करने वालों पर ही लाठियां बरसाई। राज्य सरकार का आचरण  लोकतान्त्रिक प्रणाली  और संवैधानिक व्यवस्था पर प्रश्नचिन्ह लगाती हैं। यह एक गम्भीर िZस्थति है। आपसे अनुरोध है कि आप संविधान की रक्षा करने के लिये उचित कदम उठाये।

समाजवादी पार्टी की मांग है कि:-
1.    निर्विरोध निर्वाचन के नाम पर बसपा द्वारा सरकारी डकैती डालकर जिला पंचायत अध्यक्ष पद की लूट की गई है। अत: इनके निर्वाचन निरस्त कर पुन: चुनाव कराए जाएं।
2.    बसपा के पक्ष में मतदान कराने के लिए सैकड़ों मतदाताओं को नियम विरूद्ध जबरन ÞसहयोगीÞ दिए गए जिसकी जांच कराई जाय।
3.    कुछ को छोड़कर प्रदेश के अधिकांश जिलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों ने पंचायत चुनावों में बसपा एजेन्ट की भूमिका निभाई है उनकी जांच कर उनके विरूद्ध कार्यवाही सुनििश्चत की जाए।
4.    मुख्यमन्त्री तथा बसपा के मन्त्रियों व विधायको द्वारा पंचायत चुनावों में एक हजार करोड़ रूपए के अपव्यय की जांच कराकर उचित कार्यवाही की जाए।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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