त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों में अपनी हार से बौखलाई मुख्यमन्त्री ने आज छलबल से जिला पंचायत अध्यक्षों की कुर्सी हथियाने के लिए सभी लोकतान्त्रिक मर्यादाओं को तिलांजलि दे दी। इसके बावजूद लगभग एक दर्जन स्थानों पर समाजवादी पार्टी ने बसपा के प्रत्याशी को शिकस्त दी। लाठियॉ खाकर भी जनता ने कई स्थानों पर बसपाई गुण्डागदीZ का जमकर विरोध किया। स्वतन्त्र और निश्पक्ष चुनाव होते तो बसपा को एक भी सीट जीतना भारी पड़ता क्योंकि लहर समाजवादी पार्टी के पक्ष में है। पंचायत चुनावों में समाजवादी पार्टी समर्थित प्रत्याशी सर्वाधिक संख्या में जीते।
प्राप्त परिणामों के अनुसार समाजवादी पार्टी के इटावा, मैनपुरी, कानपुर देहात (रमावाई नगर), औरैया, ललितपुर, जालौन, गाजीपुर, गोण्डा, बहराइच, फैजाबाद में तथा मथुरा और बागपत में सपा समर्थित उम्मीदवार जीते है।ं
बसपा सरकार के इशारे पर जिला प्रशासन ने जगह जगह खुद अराजकता की स्थिति पैदा की। इन चुनावों में मतदान की गोपनीयता पूरी तरह भंग की गई है। समाजवादी पार्टी का स्पश्ट मत है कि ये चुनाव न तो स्वतन्त्र हैं और न ही निश्पक्ष। प्रशासन ने इसमें ख्ुालेआम दखल देकर धांधली कराई है। सभी कायदे कानून तोड़े गए हैं। निर्विरोध निर्वाचन के नाम पर जहॉ सरकारी आतंक से चुनाव प्रभावित किया गया है वहॉ निर्वाचन आयोग को पूरी निर्वाचन प्रक्रिया को ही रद्द करने की घोशणा करनी चाहिए। जिन जिलाधिकारियों एवं पुलिस अधीक्षकों और उनके सहकर्मियों ने सरकारी एजेन्ट की भूमिका निभाई है, उन पर तत्काल कठोर कार्यवाही होनी चाहिए।
समाजवादी पार्टी के राश्ट्रीय अध्यक्ष श्री मुलायम िंसह यादव ने अभी कल ही पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में सत्ता के दुरूपयोग और धांधली के खिलाफ चेताया था और आशंका जताई थी कि `मुख्यमन्त्री मायावती किसी भी तरह ये चुनाव जीतने पर उतारू है और इसके लिए बेईमानी पर उतर आई हैैं। कुछ जिलों में जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक द्वारा मतदाता जिला पंचायत सदस्यों को डराने धमकाने, रिश्वत देने की शिकायत राज्य निर्वाचन आयोग को उन्होंने की थी, लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई।
मुरादाबाद, बाराबंकी, मथुरा, मुजफ्फरनगर, झॉसी, बस्ती आदि जिलों में सत्तारूढ़ दल ने जमकर गुण्डई की और मतदान की स्वतन्त्रता का मजाक बना दिया गया जो घोर निन्दनीय है। मुजफ्फरनगर में बसपा की ओर से जब जबरन उसके पक्ष में वोट डलवाए जाने लगे तो स्वंय जनता ने उसका विरोध किया। मथुरा में बसपा के एमएलसी ने गुडंई की। पुलिस मूकदशZक बनी रही। बसपाईयों के इशारे पर जिला प्रशासन ने गड़बड़ियॉ रोकने की जगह मुजफ्फरनगर और मथुरा में विरोध करने वालो पर ही जमकर लाठियां बरसाईं। बस्ती और झॉसी में खुलेआम वोट डाले गये। मतदाताओं के साथ जबरन लगाए गये सहायकों ने मनमाने तरीके से वोट डाले।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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