विधानसभा सत्र के दौरान अनुसेवकों के पद पर एक सूची वशZ 2007 में बनाई गई थी इसमें 65 लोगों को शामिल किया गया था और तत्कालीन प्रमुख सचिव विधानसभा के हस्ताक्षर से दस लोगों का चयन भी किया गया था। इनका चयन मौखिक आदेश के बाद 19 फरवरी 10 को समाप्त कर दिया गया। इसके बाद पुन: चयन प्रक्रिया के बाद अनुसेवकों का दर्द यह है कि जब उन्हें कार्य का अनुभव एवं उनका चयन हो चुका था तो उन्हें पहले मौका दिया जाना चाहिए था। इस सम्बन्ध में चयन सूची में निरस्त हुए अनुसेवकों का कहना है कि हम लोगों का चयन विधानसभा सेवा नियमावली के अनुसार विज्ञापन प्रकािशत कराकर और सभी का साक्षात्कार लेने के उपरान्त ही चयन सूची बनाई गई थी। उक्त चयन में लगभग तीन वशZ का समय लग गया था। अब इस चयन के बाद उक्त चयनित व्यक्तियों से सेवा न लेकर बाहरी व्यक्तियों से सेवा ली जा रही है जो न्यायपूर्ण तो नही है। उनका कहना है अगर विधानसभा अध्यक्ष इस मामले में दखल देकर 15 मई 2007 की चयन सूची के आधार पर प्राथमिकता देते हुए अनुसेवकों का चयन करे तो यह न्यायपूर्ण होगा।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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