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71 देशों के न्यायविदों व कानूनविदों का लखनऊ में हुआ भव्य स्वागत

Posted on 10 December 2010 by admin

न्यायमूर्ति हसन जसेZकर, प्रेसीडेन्ट, सुप्रीम कोर्ट, टकीZ को भेंट की गई `लखनऊ नगर की चाभी´ एवं `महात्मा गांधी अवार्ड´ से सम्मानित हुए डा. ताओ जे हांग, प्रेसीडेन्ट, ताई जी मेन किगांग एकेडमी, ताइवान

welcome-at-amausi-1सिटी मोन्टेसरी स्कूल, कानपुर रोड का विशाल ऑडिटोरियम आज विश्व के 71 देशों से पधारे मुख्य न्यायाधीशों, उच्चतम न्यायालय के न्यायमूर्तियों, कानूनविदों्, शान्ति प्रचारकों व अन्य जानी-मानी हस्तियों की उपस्थिति से जगमगा उठा। विश्व के 71 देशों से पधारे 225 से अधिक न्यायविद् व कानूनविद् सिटी मोन्टेसरी स्कूल द्वारा 10 से 14 दिसम्बर तक आयोजित “विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के ग्यारहवें अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन´´ में प्रतिभाग हेतु लखनऊ पधारे हैं। आज सायं देश-विदेश से पधारे इन गणमान्य अतिथियों के `स्वागत समारोह´ का नजारा देखने लायक था, जहां एक ओर लखनऊ के महापौर डा. दिनेश शर्मा ने टकीZ सुप्रीम कोर्ट के प्रेसीडेन्ट न्यायमूर्ति हसन जसेZकर को बच्चों के हित में उनके अतुलनीय योगदान के लिए `लखनऊ नगर की चाभी´ भेंट कर सम्मानित किया तो वहीं दूसरी ओर ताई जी मेन किगांग एकेडमी, ताइवान के प्रेसीडेन्ट डा. ताओ जे हांग `महात्मा गांधी अवार्ड´ से सम्मानित हुए। इससे पहले समारोह के मुख्य अतिथि व प्रदेश के नगर विकास मन्त्री श्री नकुल दुबे ने दीप प्रज्वलित कर `स्वागत समारोह´ का विधिवत उद्घाटन किया। इस अवसर पर सी.एम.एस. छात्रों ने `सर्व-धर्म व विश्व शान्ति प्रार्थना´ व `वल्र्ड पार्लियामेन्ट´ के सजीव प्रस्तुतीकरण से `लघु विश्व´ की सतरंगी छटा बिखेर कर सभी को मन्त्रमुग्ध कर दिया तथापि सी.एम.एस. संस्थापक व अन्तर्राष्ट्रीय मुख्य न्यायाधीश सम्मेलन के संयोजक डा. जगदीश गांधी ने सभी अतिथिगणों का हादिZक स्वागत किया। इस अवसर पर माननीय श्री कासिम उतीम, पूर्व राष्ट्रपति, मॉरीशस, सर जेम्स आर. मन्चैम, फाउडिंग प्रेसीडेन्ट, सेशल्स, आदि अनेक विशिष्ट अतिथियों के अलावा बड़ी संख्या में कानूनविद्, शिक्षाविद, पत्रकार, पुलिस व प्रशासन के अधिकारी एवं लखनऊ के नागरिक उपस्थित थे।

इस अवसर पर अपने संबोधन में मुख्य अतिथि श्री नकुल दुबे, नगर विकास मन्त्री, उ.्रप्र. ने कहा कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 51 पर आधारित यह सम्मेलन पूरे विश्व के लिए महत्वपूर्ण है। भारतीय संविधान की रचना भारत रत्न बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर के कुशल मार्गदर्शन में हुई और 1950 में हम भारतवासियों ने यह संविधान अपनाया व भारत एक गणतन्त्र देश के रूप में सामने आया। हमारे संविधान में सभी देशों की समानता, शान्ति, मैत्री व मतभेदों के शान्तिपूर्ण निवारण पर जोर दिया गया है साथ ही अन्तर्राष्ट्रीय कानून के सम्मान की बात भी कही गई है। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की कि सिटी मोन्टेसरी स्कूल ने संसार भर के बच्चों के सुरक्षित भविष्य का बीड़ा उठाया है जिसके परिणामस्वरूप यह अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित हो रहा है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यहां पधारे देश-विदेश के न्यायविद् व कानूनविद् भावी पीढ़ी के लिए समाज के ऐसा नक्शा तैयार करेंगे जिसमें पूरी मानवता की भलाई हो। समारोह के विशिष्ट अतिथि, लखनऊ के मेयर डा. दिनेश शर्मा ने विश्वास दिलाया कि लखनऊ की जनता विश्व एकता के दीप को सदैव प्रज्जवलित रखेगी। हमारी भारतीय संस्कृति तो शुरू से ही वसुधैव कुटुम्बकम के उच्च आदर्श पर आधारित हैं यही सोच हमारे संविधान में निहित है।

cjs-1इससे पहले आज अपरान्ह: सत्र में `विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के ग्यारहवें अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन´ में प्रतिभाग हेतु लखनऊ पधारे विश्व के 71 देशों के 225 से अधिक मुख्य न्यायाधीश, न्यायाधीश व कानूनविद् आज यहां आयोजित एक प्रेस कान्फ्रेन्स में पत्रकारों से मिले और इस ऐतिहासिक सम्मेलन के उद्देश्यों पर विस्तृत चर्चा की। पत्रकारों से बातचीत करते हुए अफगानिस्तान के सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश प्रो. जस्टिस अब्दुल सलाम अजीमी ने कहा कि मैं चौथी बार इस सम्मेलन में शामिल होने आया हूं और यह कह सकता हूं कि पिछले 10 वषोZं से सी.एम.एस. द्वारा जारी यह मुहिम विश्व के दो अरब बच्चों के लिए अत्यन्त लाभदायक सिद्ध हुई है। मलावी उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश माननीय श्री न्यायमूर्ति एल. जी. मुनलो ने कहा कि हमें विश्व स्तर पर कानून एवं विश्व सरकार बनाने के बारे में गम्भीरता से सोचना चाहिए ताकि हम राष्ट्रीय स्तर से ऊपर उठकर विश्व के बच्चों का भविष्य संवार सकें। युगाण्डा के सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति श्री बी. जे. ओडोकी ने कहा कि सी.एम.एस. ने जो शान्ति शिक्षा अभियान चलाया हुआ है, वह बहुत बड़ी बात है और इसी वजह से आज हम सब यहां एकत्रित हुए हैं। हमे यहां मिलकर तय करना होगा कि भावी पीढ़ी के सुरक्षित व समृद्ध भविष्य के लिए क्या किया जा सकता है। टकीZ सुप्रीम कोर्ट के प्रेसीडेन्ट न्यायमूर्ति हसन जसेZकर ने कहा कि मात्र दो-तीन वषोZं पूर्व तक संयुक्त राष्ट्र संघ में सुधार जैसी बातें असम्भव लगती थी परन्तु आज सारे विश्व में इसका जिक्र होने लगा है और निश्चित ही आने वाला समय प्रभावशाली अन्तर्राष्ट्रीय कानून व्यवस्था का है जिसमें सभी देशों के समान अधिकार होंगे एवं सारे विश्व के बच्चे एकता व शान्ति के खुशहाल माहौल में सांस ले सकेंगे। इण्टरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस के पूर्व वाइस प्रेसीडेन्ड न्यायमूर्ति सी.जी. वीरामन्त्री ने कहा कि सी.एम.एस. की यह ऐतिहासिक मुहिम सम्पूर्ण विश्व में व्याप्त सामाजिक, आर्थिक एव राजनैतिक अन्याय व विषमताओं के विरुद्ध आवाज उठाने एवं भावी पीढ़ी के लिए सुन्दर व सुखमय भविष्य बनाने पर आधारित है। इसी प्रकार देश-विदेश से पधारे अन्य न्यायमूर्तियों व काननूविदों ने अपने विचार व्यक्त करते हुए `विश्व एकता´ को आज की सबसे बड़ी आवश्यकता बताया।

इस ऐतिहासिक अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन के संयोजक, प्रख्यात शिक्षाविद् व सिटी मोन्टेसरी स्कूल के संस्थापक डा. जगदीश गांधी ने सम्मेलन में पधारे सभी न्यायविदों व कानूनविदों के प्रति हादिZक आभार व्यक्त करते हुए कहा कि पूरे विश्व से पधारे न्यायमूर्तियों ने आज विश्व के नेताओं को यह अहसास करा दिया है कि मानवता को विनाश से बचाने के लिए `विश्व एकता व विश्व शान्ति´ के अतिरिक्त अन्य कोई विकल्प शेष नहीं है। उन्होंने कहा कि संसार भर के 2 बिलियन बच्चे बड़ी आशा लिए कानून की ओर निहार रहे हैं। न्यूिक्लयर बम और घातक रासायनिक और जैविक हथियारों की भीड़ हमें डरा रही है। ऐसे में हम सबका कर्तव्य है कि हम आगे आयें और संसार भर के 2 अरब बच्चों और आने वाली पीढ़ियों के भविष्य की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठायें।

सी.एम.एस. के मुख्य जन-सम्पर्क अधिकारी श्री हरि ओम शर्मा ने बताया कि विश्व के 71 देशों से पधारे न्यायविद् व कानूनविद् अगले चार दिनों तक विश्व के दो अरब बच्चों के भविष्य सुरक्षा, सशक्त और प्रभावशाली अन्तर्राष्ट्रीय कानून व्यवस्था, एक विश्व संसद, एक विश्व संविधान और विश्व की एक सरकार बनाने के उपायों पर गहन चिन्तन, मनन व मन्थन करेंगे। श्री शर्मा ने बताया कि इस ऐतिहासिक सम्मेलन का विधिवत उद्घाटन कल शनिवार, 11 दिसम्बर 2010 को प्रात: 9.00 बजे सी.एम.एस. कानपुर रोड ऑडिटोरियम में होगा। इस अवसर पर विश्वप्रसिद्ध धार्मिक गुरु दलाई लामा मुख्य अतिथि होंगे जबकि इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति फर्नान्डो इनासियो रेबेलो सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे। श्री शर्मा ने बताया कि विश्व के दो अरब बच्चों के सुरक्षित भविष्य के अधिकार को अपनी आवाज देने हेतु देश-विदेश के पधारे प्रख्यात न्यायविद व कानूनविद् 11 व 12 दिसम्बर को सी.एम.एस. के विशाल `विश्व एकता मार्च´ में शामिल होंगे। यह विश्व एकता मार्च पुरानी चुंगी से प्रारम्भ होकर सी.एम.एस. कानपुर रोड ऑडिटोरियम पर सम्पन्न होगा।

श्री शर्मा ने बताया कि इस अन्तर्राष्ट्रीय ऐतिहासिक सम्मेलन में प्रतिभाग करने जिन 71 देशों के मुख्य न्यायाधीश, न्यायाधीश व कानूनविद् पधारे हैं, उनमें अफगानिस्तान, अल्बानिया, अल्जीरिया, अर्जेन्टीना, आर्मीनिया, आस्ट्रेलिया, आस्ट्रिया, भूटान, बेनिन, ब्राजील, बुकीZनाफांसो, कनाडा, कोस्टारिका, इक्वाडोर, इजिप्ट, इथियोपिया, फिजी आईसलैण्ड, फिनलैण्ड, फ्रांस, गािम्बया, जार्जिया, घाना, ग्रेनेडा, गुयाना, हैती, हंगरी, इण्डोनेशिया, इजराइल, जमैका, किगिZस्तान, लाटविया, मेडागास्कर, मलावी, माल्टा, मलेशिया, मॉरीशस, मंगोलिया, मॉन्टनीग्रो, नामीबिया, नेपाल, निकारागुआ, नाइजीरिया, पपुआ न्यू गिनिया, पराग्वे, पेरू, कजाकिस्तान, मैसीडोनिया, रवाण्डा, रोमानिया, रूस, सबिZया, सेशल्स, सियरा-लियोन, दक्षिण अफ्रीका, श्रीलंका, स्वाजीलैण्ड, स्वीडन, तजाकिस्तान, ताइवान, तंजानिया, छाड़, टोगो, टकीZ, नीदरलैण्ड, युगाण्डा, यूक्रेन, उरुग्वे, इंग्लैण्ड, अमेरिका, जिम्बाब्वे एवं भारत प्रमुख हैं।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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