मैट्रो रेल परियोजना की प्रगति एवं मोनो रेल की संभावनाओं के सम्बन्ध में आज मुख्य सचिव श्री अतुल कुमार गुप्ता की अध्यक्षता में एक समीक्षा बैठक आयोजित की गई, जिसमें शासन के आवास एवं शहरी नियोजन, वित्त, पर्यावरण, लोक निर्माण विभाग, नगर विकास, नागरिक उड्डयन, ऊर्जा, कर एवं निबन्धन, परिवहन विभाग के प्रमुख सचिव/वरिष्ठ अधिकारियों, आयुक्त लखनऊ मण्डल, मुख्य नगर एवं ग्राम नियोजक, एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इण्डिया, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण, राज्य पुरातत्व निदेशालय, नगर निगम, जिला प्रशासन व लखनऊ विकास प्राधिकरण के अधिकारियों द्वारा प्रतिभाग किया गया।
इस बैठक से पूर्व इस सम्बन्ध में आयुक्त लखनऊ मण्डल की अध्यक्षता में दिनांक 08.12.2010 को एक प्रारिम्भक बैठक भी आयोजित की गई जिसमें पूर्व में दिनांक 21.05.2010 को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में लिये गये विभिन्न निर्णयों के सम्बन्ध में दिल्ली मेट्रो रेल कार्पोरेशन के अधिकारियों द्वारा की गई कार्यवाही की समीक्षा की गई। इस बैठक में भारतीय विमान पत्तन प्राधिकरण व पुरात्तव सर्वेक्षण विभाग से समन्वय करते हुए इनसे सम्बन्धित आपत्तियों का निराकरण कराया गया जिसे आज की बैठक में अनुमोदित किया गया।
आज मुख्य सचिव श्री गुप्ता के समक्ष दिल्ली मेट्रो रेल कार्पोरेशन के महाप्रबन्धक, श्री एस.डी. शर्मा द्वारा मेट्रो रेल परियोजना की प्रगति के सम्बन्ध में प्रस्तुतीकरण किया गया। प्रस्तुतीकरण में उनके द्वारा अवगत कराया गया कि लखनऊ नगर हेतु मेट्रो रेल के दो कोरीडोर का प्रस्ताव है। जिसमें नार्थ-साउथ कोरीडोर, जोकि मुंशीपुलिया से प्रारंभ होगा तथा अमौसी एअरपोर्ट तक जाएगा, जबकि ईस्ट-वेस्ट कोरीडोर हरदोई रोड पर प्राधिकरण की बसंन्तकुंज येाजना से प्रारम्भ होकर चारबाग तक जाएगा। नार्थ-साउथ कोरीडोर को गोमतीनगर योजना से जोड़ा जाना भी प्रस्तावित है। नार्थ-साउथ कोरीडोर की कुल लम्बाई 24 किमी होगी, जिसमें से 15 किमी ओवरहेड लाइन होगी जबकि अवशेष भूमिगत लाइन होगी। गोमती नगर लिंक 3.5 किमी का होगा। यह लिंक पॉलिटेिक्नक चौराहे से पत्रकारपुरम चौराहे को जोडे़गा। ईस्ट-वेस्ट कोरीडोर की लम्बाई 11 किमी होगी इसमें चारबाग से ठाकुरगंज तक 6.5 किमी भूमिगत लाइन होगी जबकि ठाकुरगंज से बसन्तकुंज तक 4.5 किमी की दूरी एलीवेटेड होगी।
मुख्य सचिव श्री गुप्ता ने पूर्व बैठक में लिये गये निर्णय के क्रम में डी.एम.आर.सी. द्वारा हजरतगंज व विधानसभा इत्यादि क्षेत्रों में स्थित भवनों की सौन्दर्यपरता (।मेजीमजपबे) एवं सुरक्षा के दृष्टिगत हजरतगंज से मवैया तक में मेट्रो लाइन भूमिगत रखी गई है। नार्थ-साउथ कोरीडोर में कुल 25 स्टेशन होंगे जिसमे से 8 स्टेशन भूमिगत होंगे जबकि ईस्ट-वेस्ट कोरीडोर के अन्तर्गत कुल 12 स्टेशन होंगे जिसमें से 7 स्टेशन भूमिगत होंगे। मुख्य सचिव की बैठक में दिल्ली मेट्रो रेल कार्पोरेशन के प्रस्तुतीकरण के पश्चात् निम्नलिखित मुख्य-मुख्य निर्णय लिये गये।
नार्थ-साउथ कोरीडोर को अमौसी एअरपोर्ट तक बढाने तथा एअरपोर्ट के नए टर्मिनल पर एक स्टेशन प्रस्तावित किये जाने का निर्णय लिया गया। नार्थ-साउथ कोरीडोर के गोमतीनगर लिंक को भविष्य में गोमती नगर विस्तार योजना तथा इसके आस-पास के क्षेत्र जहां भविष्य में विकास की प्रबल सम्भावनाएं हैं, तक बढाए जाने की सम्भावना पर परीक्षण कराने का निर्णय लिया गया। डी.एम.आर.सी. द्वारा अवगत कराया गया कि उनके द्वारा नार्थ-साउथ कोरीडोर हेतु एअरपोर्ट अथॉरिटी के समीप डिपो की प्रस्तावना की गई है तथा इस सम्बन्ध में भारतीय विमान पत्तन प्राधिकरण के फनल जोन नियमों के अनुसार मेट्रो लाइन की ऊंचाई इत्यादि में आवश्यक संशोधन कर दिये गये है।
मुख्य सचिव द्वारा यह निर्देशित किया गया कि इस सम्बन्ध में डी.एम.आर.सी. द्वारा भारतीय विमान पत्तन प्राधिकरण से उनके तकनीकी सिद्धान्तों के सम्बन्ध में विवरण प्राप्त कर लिया जाए तथा इसका समावेश डी.पी.आर. में किया जाए उनके द्वारा यह भी निर्देश दिया गया कि उचित होगा कि अनौपचारिक रूप से भारतीय विमान पत्तन प्राधिकरण को समस्त मानचित्र इत्यादि उपलब्ध कराते हुए उनसे सैद्धान्तिक सहमति प्राप्त कर ली जाए।
मेट्रो के रूट में आने वाले भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग तथा उत्तर प्रदेश राज्य पुरातत्व निदेशालय द्वारा संरक्षित स्मारकों से उन विभागों के नियमों के अन्तर्गत आवश्यक दूरियां रखते हुए एलाइनमेन्ट निर्धारित किया जाए। जवाहर भवन, शक्ति भवन व इिन्दरा भवन इत्यादि कार्यालयों से मेट्रो लाइन को जोडने हेतु फीडर सर्विस उपलब्ध कराने हेतु परीक्षण किया जाए। डी.एम.आर.सी. द्वारा मेट्रो रेल परियोजना की वित्तीय वायबिलिटी प्रस्तुत की गई।
इस सम्बन्ध में यह निर्णय लिया गया कि मेट्रो रेल के सम्बन्ध मे अन्य राज्यों एवं नगरों में जो मॉडलस् अपनाए जा रहे हैं उनका विस्तृत अध्ययन किया जाए। मोनो रेल की संभावना के सम्बन्ध में विस्तृत विचार-विमर्श किया गया। इस सिस्टम को नगर के सघन आबादी वाले क्षेत्रों से मेट्रो रेल से जोडने हेतु फीडर सर्विस के रूप में उपयोग किये जाने हेतु परीक्षण किये जाने का निर्णय लिया गया है।
बैठक में प्रमुख सचिव आवास श्री रवीन्द्र सिंह, प्रमुख सचिव मुख्यमन्त्री श्री दुगाZ शंकर मिश्रा, मण्डलायुक्त लखनऊ श्री प्रशान्त त्रिवेदी, सचिव नियोजन श्री राजन शुक्ला, उपाध्यक्ष लखनऊ विकास प्राधिकरण श्री मृत्युंजय कुमार नारायण व अन्य सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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