माननीया मुख्यमन्त्री जी ने प्रधानमन्त्री जी को पत्र लिखा
उत्तर प्रदेश की माननीया मुख्यमन्त्री सुश्री मायावती जी ने प्रदेश के महत्वपूर्ण धार्मिक और पर्यटन स्थलों की सुरक्षा के लिए अन्य संसाधनों के अतिरिक्त, भारत सरकार से केन्द्रीय सुरक्षा बलों की कम से कम 125 कम्पनियां उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा है कि विकास और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मामलों में राजनीति नहीं की जानी चाहिए। उन्होंने कल देर रात घटना स्थल का दौरा किया और घायलों को समुचित चिकित्सा सुविधा देने के निर्देश दिये। उन्होंने विस्फोट की घटना में मृतक बच्ची के परिवार को 01 लाख रूपये, गम्भीर रूप से घायल को 50 हजार रूपये तथा साधारण रूप से घायल को 25 हजार रूपये की आर्थिक सहायता देने के भी निर्देश दिए हैं।
माननीया मुख्यमन्त्री जी ने आज इस सम्बन्ध में प्रधानमन्त्री डॉ0 मनमोहन सिंह को प्रेशित अपने पत्र में लिखा है कि कल वाराणसी के शीतलाघाट पर हुई बम विस्फोट की घटना की जानकारी प्राप्त होते ही उन्होंने इसको गम्भीरता से लिया और शासन के दो वरिष्ठ मन्त्रियों तथा राज्य के मुख्य सचिव एवं पुलिस महानिदेशक को तुरन्त घटना स्थल के लिए रवाना कर दिया। उन्होंने इन अधिकारियों को मौके पर जाकर घायलों को पर्याप्त चिकित्सा सुविधा की व्यवस्था कराने के साथ ही अन्य आवश्यक व्यवस्थाओं को भी सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। उन्होंंने कहा कि इस मामले की तह तक जाने के लिए आगरा से फॉरेिन्सक टीम के अतिरिक्त ए0टी0एस0 तथा बी0डी0डी0एस0 की विशेष टीमों को भी को वायुयान द्वारा रात में ही वाराणसी भेजा गया। ये टीमें गम्भीरतापूर्वक इस मामले के सभी पहलुओं की जांच में लगी हुई हैं।
माननीया मुख्यमन्त्री जी ने अपने पत्र में कहा कि लगभग एक दशक से प्रदेश में लगातार घटित हो रही आतंकवादी घटनाओं पर प्रभावी रूप से नियन्त्रण करने के लिए केन्द्रीय सुरक्षा बलों की अतिरिक्त कम्पनियों की आवश्यकता है। उन्होंने कहा है कि प्रदेश के महत्वपूर्ण धार्मिक एवं पर्यटक स्थलों की लम्बे समय तक सुरक्षा व्यवस्था के लिए आवश्यक होगा। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि केन्द्रीय खुफिया ऐजेिन्सयों द्वारा कोई भी निश्चयात्मक अभिसूचना प्रदेश सरकार को नहीं दी गई थी।
सुश्री मायावती जी ने कहा कि इस घटना के सम्बन्ध में इण्डियन मुजाहिदीन द्वारा सभी समाचार पत्रों तथा इलेक्टानिक मीडिया को ई-मेल भेजा गया है, जिसमें उल्लेख किया गया है कि बाबरी मस्जिद गिराये जाने का बदला इसी प्रकार लिया जाता रहेगा। उन्होंने कहा कि मा0 उच्च न्यायालय द्वारा अयोध्या प्रकरण में दिए गए निर्णय के पश्चात अमन-चैन बनाये रखने के सम्बन्ध में उनकी सरकार द्वारा अपने सीमित संसाधनों का सम्यक प्रयोग करते हुए हर प्रकार के प्रभावी कदम उठाये गये थे। उन्होंने कहा कि इन्हीं प्रभावी कदमों के फलस्वरूप पूरे प्रदेश में पूर्णरूप से शांति बनी रही तथा कोई भी अप्रिय घटना नहीं घटित होने पाई और जिसका सकारात्मक प्रभाव, पूरे देश में शांति एवं सौहार्द बनाये रखने में साफ दिखायी दिया।
माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश 20 करोड़ से अधिक आबादी वाला देश का सबसे बड़ा प्रदेश है। इस प्रदो मेंं अयोध्या, वाराणसी सहित कई महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल हैं, जिनका देश एवं विदेश के विभिन्न धर्मों व सम्प्रदायों के अनुयायियों के लिए विशेष महत्व है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में वर्ष 2000 से 18 बड़ी आतंकवादी घटनायें घटित हो चुकी हैं, जिनमें 80 लोगों को जान से हाथ धोना पड़ा है। इसमें केवल वाराणसी में ही, वर्ष 2005 में दशाश्वमेध घाट में, वर्ष 2006 में संकटमोचन मंदिर एवं रेलवे स्टेशन में तथा वर्ष 2007 में कचेहरी में, तीन बम विस्फोट एवं सी0आर0पी0एफ0 ग्रुप सेन्टर जनपद रामपुर में हुआ आतंकवादी हमला भी शामिल है।
माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि लगातार हो रही इन आतंकवादी घटनाओं से साफ है कि आतंकवादी तत्व उत्तर प्रदेश के विभिन्न सम्प्रदायों के धार्मिक एवं पर्यटक स्थलों को निशाना बनाकर यहां पर शांति व्यवस्था भंग करने की कोशिशों में जुटे हुए हैं। उन्होंने कहा कि आगे आने वाले समय में ऐसे सभी महत्वपूर्ण स्थलों की व्यापक सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित किया जाना अत्यन्त जरूरी है, ताकि ऐसे अपराधी एवं विघटनकारी तत्वों को प्रदेश एवं देश की शांति व्यवस्था से खिलवाड़ करने में सफलता न मिल सके।
इसके अलावा माननीया मुख्यमंत्री जी ने आतंकवाद को एक राष्टीय समस्या बताते हुए कहा है कि जब तक केन्द्र की सरकार देश की अन्तर्राष्टीय सीमाओं को सुरक्षित करने का पुख्ता इंतजाम नहीं कर लेती, तब तक इस प्रकार की आतंकवादी घटनाओं को रोकना सम्भव नहीं है। उन्होंने कहा कि आतंकवाद की समस्या को प्रदेश सरकारों के पर पूरी तरह से छोड़ देना देशहित में नहीं है।
माननीया मुख्यमंत्री ने कहा कि आतंकवाद को जड़ से समाप्त करने के लिए केन्द्र सरकार को सख्त से सख्त कदम उठाने होंगे। केन्द्र सरकार की कमजोरी का फायदा उठाकर आतंकवादी अन्तर्राष्टीय सीमाओं के रास्ते देश में प्रवेश करते हैं और आतंकवादी वारदातों को अंजाम दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अपनी जिम्मेदारी निभाना अच्छी तरह से जानती है और उसने अपने सीमित संसाधनों के बल पर ही अयोध्या प्रकरण में मा0 उच्च न्यायालय के द्वारा दिए गए निर्णय से उत्पन्न हुई परिस्थितियों पर काबू पाया एवं प्रदेश में अमन-चैन कायम रहा और इसका सकारात्मक प्रभाव यह पड़ा कि पूरे देश में भी शांति व्यवस्था बनी रही। इसी प्रकार विगत 06 दिसम्बर को भी राज्य सरकार की मशीनरी की सतर्कता के चलते ही प्रदेश भर में कोई भी आतंकवादी घटना नहीं घटित होने पायी।
माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा है कि चाहे वाराणसी में घटित आतंकवादी घटना हो या मुम्बई में हुई वारदात हो या अहमदाबाद अथवा दिल्ली में घटित आतंकवादी घटना हो, इस मामलें में सभी राज्य सरकारें तब तक इन आतंकवादी घटनाओं को रोकने में सक्षम नहीं हो सकती हैं जब तक केन्द्र सरकार दलगत राजनीति से पर उठकर हर राज्य को अत्याधुनिक हथियार एवं उपकरणों से उसी प्रकार से लैस नहीं करती, जिस प्रकार के उपकरण आतंकवादियों के पास आज मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि भारत सरकार द्वारा प्रदेश सरकार को उसी प्रकार की सभी आवश्यक सुविधायें उपलब्ध करायी जानी चाहिए, जैसा कि मुम्बई ब्लास्ट के पश्चात केन्द्र द्वारा महाराष्ट सरकार को उपलब्ध करायी गयी हैं।
माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि जहां तक वाराणसी में कल हुए ब्लास्ट का प्रश्न है, तो इस सम्बन्ध में स्पष्ट करना है कि केन्द्रीय खुफिया ऐजेन्सियों द्वारा कोई भी पुख्ता अभिसूचना इस वारदात के सम्बन्ध में प्रदेश सरकार को नहीं दी गयी थी। इसलिए यह कहना सत्यता से परे है कि राज्य सरकार को इस घटना के बारे में पहले ही कई बार एलर्ट किया जा चुका था। उन्होंने कहा है कि किसी भी राज्य सरकार को इस प्रकार की आतंकवादी घटनाओं के लिए पूरी तरह से जिम्मेदार ठहराना उचित नहीं है, नहीं तो गुजरात में 26 जुलाई, 2008 को घटित सीरियल ब्लास्ट, जिसमें 53 लोगों की मृत्यु हुई और मुम्बई में दो वर्ष पहले हुए ब्लास्ट में सैकड़ों लोगों की मृत्यु या फिर दिल्ली में हुए आतंकवादी हादसों के लिए क्या राज्य सरकारों को अकेले जिम्मेदार कहा जा सकता है।
माननीया मुख्यमंत्री जी ने पूर्व केन्द्रीय मंत्री तथा भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ सांसद डॉ0 मुरली मनोहर जोशी द्वारा राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराये जाने के परिप्रेक्ष्य में कहा कि गुजरात में हुए ब्लास्ट की घटना के दौरान गुजरात सरकार के मा0 मुख्यमंत्री क्या कर रहे थे? उन्होंने केन्द्रीय गृह मंत्री श्री पी0 चिद्म्बरम द्वारा आज वाराणसी में दिए गए बयान पर टिप्पणी करते हुए कहा कि राज्य सरकार को केन्द्र सरकार से कोई पुख्ता ’’ऐक्शनेबुल स्पेसिफिक इन्टेलिजेन्स इनपुट’’ प्राप्त नहीं हुआ था।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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