समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने कहा जिला पंचायत अध्यक्षों के चुनावों में बसपा की जीत के लिए मुख्यमन्त्री के निर्देश पर जिलों में जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षकों द्वारा समाजवादी पार्टी के समर्थक जिला पंचायत सदस्यों को धमकाया जा रहा है। कुछ पर झूठे मुकदमें दर्ज कराकर जेल भेजने की धमकी दी गई है। अधिकारी पूर्णरूपेण बसपा के एजेन्ट के रूप में अपनी भूमिका का निर्वाह करने लगे हैं। यह अत्यन्त दुर्भाग्यपूर्ण और निन्दनीय है।
कई जनपदों में तो 05 दिसम्बर,2010 को नामांकन के दिन बसपा प्रत्याशी के अतिरिक्त किसी अन्य को नामांकन करने के लिए जिला कलेक्ट्रेट तक पहुंचने ही नहीं दिया गया। 12 दिसम्बर को मतदान होना है। कई जगह समाजवादी पार्टी समर्थक प्रत्याशियों पर बसपा के मन्त्री, सांसद, विधायक भी दवाब डाल रहे है कि वे अपने नाम वापस ले लें अन्यथा उन्हें जानमाल की क्षति उठानी होगी। भदोही (सन्तकबीरनगर) की प्रत्याशी श्रीमती रीना सोनकर के घर पर 5/6 दिसम्बर की रात पुलिस ने धावा बोला। एटा में समाजवादी पार्टी के श्री धर्मपाल सिंह के भट्टों के लाइसेंस निरस्त किए गए। बहराइच में श्रीमती गुलशन प्रत्याशी परिवार के ईट भट्ठों पर भी धावा बोलकर प्रताड़ित किया गया। बहराइच में ही समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक श्री अरूणवीर सिंह के संस्थान पर छापा डालने की धमकी दी गई।
ऐसी शिकायतें मिल रही हैं कि पीलीभीत, झॉसी, ललितपुर, भदोही, एटा, आजमगढ़, अम्बेडकरनगर, फैजाबाद में जिला पंचायत के समाजवादी पार्टी प्रत्याशियों और उनके समर्थकों के घरों पर छापे डाले जा रहे हैं। उन्हें धमकाया जा रहा है। फर्जी मुकदमों में जेल भिजवाने को कहा जाता है।
विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष श्री शिवपाल सिंह यादव द्वारा आयोग को पत्र लिखकर कहा है कि उत्तर प्रदेश में बसपा राज में स्वतन्त्र एवं निश्पक्ष चुनाव की उम्मीद नहीं की जा सकती है। मतदान की स्वतत्रन्ता नहीं रही तो लोकतन्त्र कहां रहेगार्षोर्षो राज्य निर्वाचन आयोग अपने अधिकार और कर्तव्य समझे और सख्त हो तभी सरकारी साजिशों पर पाबन्दी लगेगी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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