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प्रिंट मीडिया हो या इलेक्ट्रानिक मीडिया, उसे निर्बल लोगों का सहारा बनना चाहिए

Posted on 08 December 2010 by admin

dsc00541हजरतगंज के प्रिंस काम्पलेक्स में दिल्ली से पिछले आठ साल से प्रकाशित हो रही राष्ट्रीय समाचार पाक्षिक `लोकायत´ के उत्तर क्षेत्रीय कार्यालय का उद्घाटन करते हुए मुम्बई के एम.एम ग्रुप के प्रबंध निदेशक मोहम्मद मसरूर ने कहा कि वह चाहे प्रिंट मीडिया हो या इलेक्ट्रानिक मीडिया, उसे निर्बल लोगों का सहारा बनना चाहिए। न्याय के लिए संघर्ष पूर्ण लड़ाई में उेस जनता का पूरा साथ देना चाहिए। निष्पक्ष पत्रकारिता की राह बहुत चुनौतीपूर्ण है। सच्चे पत्रकारों को उसे स्वीकारना ही होगा। भाषा और व्याकरण के प्रति जागरूक और प्रशिक्षित करें ताकि नई पीढ़ी खबरों को प्रमाणिकता और विश्वसनीयता से प्रस्तुत कर सके।

इस अवसर पर पैक्सफेड के चेयरमैन राकेश कुमार मौर्या ने कहा कि पत्रकारिता व लोकतन्त्र का गहरा ताल्लुक है। भ्रष्टाचार के खिलाफ तल्ख टिप्पणियांं करने की आवश्यकता है। बाबा साहब के मार्गदर्शन के अनुसार हमें गरीब और निर्बल वर्ग की तकलीफ को समझकर उसे अपनी वाणी देनी चाहिए। `लोकायत´ जैसी पत्रिकाएं इस काम को सही तरीके से अंजाम दे रही हैं। यहां पर वरिष्ठ पत्रकार रामप्रकाश अवस्थी का कहना था कि देश की स्थिति से भद्र जनचिन्तित हैं।

वरिष्ठ पत्रकार हसीब सिद्दीकी ने कहा कि लोकायत जैसी पत्रिकाएं `मेन स्ट्रीम´ की तरह अपने पाठक वर्ग का निर्माण करनाचाहिए और उनकी अपेक्षाओं पर खरे उतरें ताकि पत्रिकाएं पाठकों के अभाव में बन्द होने से बचें।

इस अवसर पर लोकायत की प्रबंध निदेशक डा. भाग्य राजेश्वरी, सम्पादक बलराम तथा लखनऊ प्रतिनिधि सुश्री तमन्ना फरीदी ने भी अपनी बातें रखी। यहां पर दर्जनों की संख्या में पत्रकारगण व गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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