सिटी मोन्टेसरी स्कूल के लगभग 5000 छात्रों ने आज एक विशाल विश्व एकता मार्च निकालकर भावी पीढ़ी के `सुरक्षित भविष्य´ की पुरजोर अपील की एवं सन्देश दिया कि विश्व एकता की डोर से ही यह दुनिया सुरक्षित हो सकती है। सी.एम.एस. संस्थापक व प्रख्यात शिक्षाविद् डा. जगदीश गांधी व डा. (श्रीमती) भारती गांधी की अगुवाई में इस विशाल `विश्व एकता मार्च´ का नेतृत्व सी.एम.एस. क्वालिटी अश्योरेन्स डिपार्टमेन्ट की हेड सुश्री सुिष्मता बासु एवं सी.एम.एस. कानपुर रोड कैम्पस की प्रधानाचार्या डा. (श्रीमती) विनीता कामरान ने किया। सी.एम.एस. छात्रों का यह विशाल `विश्व एकता मार्च´ आज प्रात: कानपुर रोड स्थित पुरानी चुंगी से प्रारम्भ हुआ एवं सी.एम.एस. कानपुर रोड ऑडिटोरियम पहुंचकर एक विशाल सभा में परिवर्तित हो गया। इस `विश्व एकता मार्च´ के माध्यम से सी.एम.एस. छात्रों ने विश्व के राष्ट्राध्यक्षों से मांग की कि वे विश्व के दो अरब बच्चों तथा आगे जन्म लेने वाली पीढ़ियों के भविष्य को सुरक्षित बनाने के हेतु निर्णायक कदम उठायें एवं पृथ्वी को परमाणु बम सहित सभी प्रकार के जैविक व रासायनिक बमों से मुक्त करें। इस विश्व एकता मार्च में सी.एम.एस. के सभी कैम्पस की प्रधानाचार्याएं भी उपस्थित थीं।
इससे पहले सी.एम.एस. छात्रों के विशाल `विश्व एकता मार्च´ को लखनऊ की जनता ने भरपूर समर्थन देते हुए छात्रों के सुर में सुर मिलाया एवं सी.एम.एस. की इस पहल की भूरि-भूरि प्रशंसा की। सड़क के दोनों किनारों पर खड़े विशाल जन-समुदाय ने छात्रों के उत्साहवर्धन में कोई कोर-कसर नहीं रखी एवं जगह-जगह सी.एम.एस. छात्रों को भरपूर प्रोत्साहित किया। इस विशाल `विश्व एकता मार्च´ में छात्रों ने हाथों में नारे लिखी तिख्तयां लेकर विश्व एकता तथा विश्व शान्ति से ओतप्रोत विश्व की मांग की। `बच्चों के हित में राष्ट्राध्यक्ष परमाणु हथियारों की होड़़ बन्द करें´, `हमें विश्व में एकता व शान्ति चाहिए´, `पूरे संसार के लिए एक कानून के राज का समय आ गया है´, `विश्व सरकार - विश्व के बच्चों की आखिरी उम्मीद´, `प्रभावशाली अन्तर्राष्ट्रीय कानून वह विचार है जिसका समय अब आ गया है´, `विश्व नेता हमें सुरक्षित भविष्य का अधिकार दें।´ आदि नारे लगाते हुए विश्व के राष्ट्राध्यक्षों से मार्मिक अपील कर रहे थे।
इस विश्व एकता मार्च के द्वारा सी.एम.एस. छात्रों ने `विश्व एकता व विश्व शान्ति´ की मार्मिक अपील के साथ-साथ युवा पीढ़ी के चरित्र निर्माण की पुरजोर अपील की एवं समाज के प्रत्येक नागरिक का आहवान किया कि भावी पीढ़ी को चरित्रिक व मानवीय गुणों से युक्त बनाने में योगदान दें। इस अवसर पर सी.एम.एस. छात्रों ने चरित्र निर्माण व धार्मिक एकता की नींव मजबूत करने की प्रतिज्ञा की। सी.एम.एस. छात्रों के विशाल `विश्व एकता मार्च´ को मिले भारी जन-समर्थन ने स्पष्ट कर दिया कि छात्रों की यह मुहिम निश्चित ही रंग लायेगी और वह दिन दूर नहीं जब सारे विश्व में सामाजिक सद्भाव व आपसी भाईचारे की लहर प्रवाहित होगी।
इस अवसर पर सी.एम.एस. संस्थापक व प्रख्यात शिक्षाविद् डा. जगदीश गांधी ने अपने सम्बोधन में कहा कि विश्व व्यवस्था आज आतंकवाद, अशिक्षा, कुपोषण, पर्यावरण आदि विभिन्न विश्वव्यापी समस्याओं से जूझ रही है और इतने पर भी पूरे विश्व में परमाणु शस्त्रों की जबरदस्त होड़ जारी है। इसका अर्थ यह है कि मानवता के ठेकेदार अब भी जागे नही हैं। इसीलिए आज इस बात की महती आवश्यकता है कि सम्पूर्ण जनमानस जागरूक हो और विश्व व्यवस्था को प्रभावशाली अन्तर्राष्ट्रीय कानून व्यवस्था के अन्तर्गत लाया जाए। डा. गांधी ने कहा कि विश्वव्यापी समस्याओं का निदान विश्व एकता से ही सम्भव है और तभी भावी पीढ़ी का भविष्य भी सुरक्षित हो सकता है। लेकिन इसके लिए जरूरी है कि विश्व के देश प्रभावशाली अन्तर्राष्ट्रीय कानून व्यवस्था का निर्माण करें एवं विश्व संसद व विश्व सरकार की अवधारणा को असली जामा पहनाएं। डा. गांधी ने जोर देते हुए कहा कि आज हम निर्णायक मोड़ पर खड़े हैं जहां हमें यह तय करना है कि क्या हमें विश्व की इस भयंकर स्थिति को मूकदर्शक बनकर देखते रहना है या फिर हमें युद्ध व आतंकवाद की स्थिति को रोकने के लिए यथा सम्भव योगदान करने के लिए आगे आना हैर्षोर्षो इस पर सार्थक पहल की आवश्यकता है।
सी.एम.एस. समय-समय पर इस प्रकार का जागरूकता अभियान चलाकर सम्पूर्ण समाज का जागरूक करने का प्रयास करता है। सी.एम.एस. का मानना है कि सम्पूर्ण विश्व को एक कानून एवं न्याय के धागे में बांधकर ही विश्व एकता स्थापित की जा सकती है और यह कार्य अन्तर्राष्टीय कानून, विश्व संसद व विश्व सरकार के अविलम्ब गठन से ही सम्भव है, तभी भावी पीढ़ी सुरक्षित रह सकती है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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